Nano Urea Liquid: किसानों का बोझ कम करेगी ये खाद, कम खर्च में बढ़ेगा उत्‍पादन, भारत सरकार ने की पहल, मिलेंंगे बहुत सारे लाभ

Nano Urea Liquid: किसानों का बोझ कम करेगी ये खाद, कम खर्च में बढ़ेगा उत्‍पादन, भारत सरकार ने की पहल, मिलेंंगे बहुत सारे लाभ

Nano DAP And Nano Urea Liquid: किसानों का बोझ कम करने के लिए सरकार ने नई पहल की है। इस नए खाद के चलते अब कम खर्च में उत्‍पादन बढ़ेगा, साथ ही बहुत से लाभ भी किसानों का मिलेंंगे। आईए जानते है किस तरह किसान इस नई खाद का उपयोग कर बंपर उत्‍पादन कर मुनाफा कमा सकते है। बता दें कि इफको के पास Nano Urea Liquid and Nano DAP के लिए 20 साल का पेटेंट है। यूरिया का उत्पादन जारी है। हालांकि डीएपी मार्च 2023 से शुरू होगा। नैनो लिक्विड डीएपी न केवल किसानों को बचाएगा बल्कि उत्पादकता भी बढ़ाएगा।

जल्‍द मिलने लगेंगा नैनो डीएपी  

भारत कृषि क्षेत्र में बहुत सफल रहा है। दुनिया के शीर्ष 300 सहकारी केंद्रों में शुमार Indian Farmers Fertilizer Cooperative Limited ने नैनो डीएपी और यूरिया के लिए पेटेंट हासिल कर लिया है। अगले साल से किसानों को नैनो डीएपी मिलना शुरू हो जाएगा।

Also Read:   Best wheat variety 2022 | गेहूं की यह बेस्ट किस्में बंपर पैदावार देगी, जानिए कैसे करें इनकी खेती और क्‍या है इनकी विशेषताएं

Nano Urea Liquid: किसानों का बोझ कम करेगी ये खाद, कम खर्च में बढ़ेगा उत्‍पादन, भारत सरकार ने की पहल, मिलेंंगे बहुत सारे लाभ

Nano DAP and Urea

यह न केवल पारंपरिक डीएपी की तुलना में किफायती होगा बल्कि यह पर्यावरण को भी अनुमति देगा और पौधों के लिए बेहतर होगा। नैनो यूरिया के बाद भारत ने भी (नैनो डीएपी) जीता। जो काम कोई देश नहीं कर सकता वो काम भारतीय वैज्ञानिक कर रहे हैं। यह वैश्विक उर्वरक उद्योग में गेम चेंजर साबित होगा। इफको सिर्फ नैनो डीएपी पर ही नहीं रुक रहा है। यह नैनो जिंक और नैनो कॉपर को भी बढ़ाता है।

नैनो डीएपी कृषि आदानों की लागत को कम करके भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा। डॉ. इफको के प्रबंध निदेशक डे शंकर अवस्थी ने इस उपलब्धि पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि कॉपीराइट 20 साल के लिए प्राप्त किया गया था।

Nano DAP तरल यूरिया लाइनों में 500-500 ml की बोतल में भी होगा। यानी अब 50 किलो के DAP Bag की जगह किसानों को बाजार में 500 एमएल की ही बोतलें मिलेंगी। इससे देखभाल करना आसान हो जाएगा। यात्रा खर्च कम होगा। इससे किसानों को फायदा होगा। नैनो डीएपी को इफको के Nano Biotechnology Research Center द्वारा भी विकसित किया गया था।

यहाँ उत्पादन होगा will produce here

नैनो डीएपी का उत्पादन इफको की गुजरात में Kalol Extension Unit, Kandla Unit and Odisha में Paradip Unit द्वारा किया जाएगा।नैनो फर्टिलाइजर के विकास पर 3000 करोड़ लगाए जाएंगे। नैनो फर्टिलाइजर के विकास पर करीब 3000 रुपये खर्च किए जाएंगे। इनमें से 720 करोड़ बांटे गए। Amla, Phulpur, Kalol (Extension), Bangalore, Paradip, Kandla, Deoghar and Guwahati में IFFCO Nano Urea, Nano DAP and Nano Micronutrients Production Units स्थापित करने का काम चल रहा है।

उत्तम मालवीय

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

Related Articles