MP Tourism: भारत के सबसे प्रमुख और आस्था के केन्द्र बाबा अमरनाथ के बारे में तो हर किसी ने सुना ही है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि मध्यप्रदेश में भी एक बाबा अमरनाथ है। यहां पर साल में सिर्फ 10 दिन दर्शन किए जा सकते हैं। यहां लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। हम बात कर रहे हैं पचमढ़ी के नागद्वारी की।
पचमढ़ी पूरे देश में अपनी खूबसूरत वादियों के लिए जाना जाता है। इस जगह को मध्य प्रदेश का अमरनाथ इसलिए कहा जाता है क्योंकि यहां आने वाले श्रद्धालुओं को ऊंची और घनी पहाड़ियों में सर्पाकार पगडंडियों से होकर गुजरना पड़ता है। सावन में यहां लगभग 5 लाख से ज्यादा श्रद्धालु आते हैं। यहां आयोजित होने वाले मेले को नागद्वार यात्रा के नाम से भी पहचाना जाता है। जानिए इस मंदिर से जुड़ी खास बातें…
कब है नागपंचमी?
हर साल श्रावण शुक्ल पंचमी पर नागपंचमी (Nagpanchami 2023) का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 21 अगस्त, सोमवार को है। इस दिन प्रमुख नाग मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ती है। हमारे देश में कई रहस्यमयी नाग मंदिर भी हैं।
ऐसा ही एक मंदिर मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के पचमढ़ी (Pachmarhi) में भी है, जिसे नागद्वार मंदिर (Nagdwar Temple) कहते हैं। हर साल सावन (Sawan 2023) में यहां 10 दिनों का मेला लगता है, जिसमें लाखों भक्त यहां दर्शन करने आते हैं।
पौराणिक महत्व
मान्यता है कि इन पहाड़ियों से जो भी श्रद्धालु जाता है उनका कालसर्प दोष दूर हो जाता है और साथ ही व्यक्ति को संतान की प्राप्ति होती है। नागद्वारी के अंदर मुख्य गुफा में बनी शिवलिंग पर काजल लगाने से श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूरी होती है। इस प्रसिद्ध मंदिर में मध्यप्रदेश के अलावा महाराष्ट्र से सबसे ज्यादा श्रद्धालु पहुंचते हैं।
इस वर्ष भी महाराष्ट्र से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लगभग 5 लाख बताई जा रही है। यहां पर लगने वाला मेला सैकड़ों बरसों से चला आ रहा है। श्रद्धालु अपनी कई पीढ़ियों से इस नाग देवता के मंदिर में दर्शन करने के लिए हर साल आते हैं। नागद्वार तक पहुंचने के लिए श्रद्धालु सुबह से ही यात्रा शुरू करते हैं और शाम तक गुफा पहुंच जाते हैं। नागद्वारी तक जाने और आने में श्रद्धालुओं को 2 दिन लगते हैं।
सौ फीट लंबी है गुफा
इस नागलोक में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को धर्म लाभ के साथ ही प्रकृति के नैसर्गिक सौंदर्य के दर्शन भी होते हैं। इसी के चलते मध्य प्रदेश के हिल स्टेशन पचमढ़ी में इस यात्रा को अमरनाथ यात्रा के नाम से भी जाना जाता है। यहां पर नाग देवता की कई प्रतिमा मौजूद है।
नागद्वारी के अंदर चिंतामणि की गुफा है। यह गुफा 100 फीट लंबी है। यहां पर श्रद्धालुओं नाग देवता के दर्शन करने के लिए 14 किलोमीटर की पैदल पहाड़ी यात्रा पूरी करते हैं। यह पवित्र नागद्वारी साल में एक बार ही खुलता है। जिसमें प्रदेश सहित महाराष्ट्र के लाखों श्रद्धालु नाग पंचमी पर नाग देवता के दर्शन करने पहुंचते हैं।
सिर्फ 10 दिन के लिए खुलता है ये मंदिर
इस मंदिर तक पहुंचने के रास्ते साल में सिर्फ 10 दिनों के लिए ही खोले जाते हैं, वो भी नागपंचमी के ठीक 10 दिन पहले। इस बार नागद्वार मंदिर की यात्रा 12 अगस्त से शुरू हो चुकी है, जो 22 अगस्त तक रहेगी। इस बार नागद्वार मंदिर का यात्रा में लगभग 5 लाख लोगों के आने की उम्मीद है। पुलिस-प्रशासन ने इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं।
टाइगर रिजर्व में आता है क्षेत्र (MP Tourism)
नागद्वारी गुफा का यह हिस्सा सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में आता है। यही वजह है कि यहां पर श्रद्धालुओं का प्रवेश वर्जित होता है। साल में सिर्फ 10 दिन यह मंदिर श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खुलता है। इसके अलावा बाकी समय यहां पर रिजर्व फॉरेस्ट प्रबंधन द्वारा गेट बंद कर दिया जाता है। इस मंदिर का रास्ता काफी दुर्गम है इसलिए यहां जाने वाले पर्यटकों को हर कदम बहुत संभल संभल कर रखना पड़ता है।