MP Teacher Protest: मध्यप्रदेश में पुरानी पेंशन बहाल (old pension restored) करने सहित अन्य लंबित मांगों का निराकरण किए जाने के लिए आजाद अध्यापक शिक्षक संघ द्वारा अनिश्चितकालीन हड़ताल (indefinite strike) की जा रही है। पूर्व में शिक्षकों द्वारा सामूहिक अवकाश के आवेदन दिए गए थे। जिन्हें स्वीकार नहीं किया गया था। अब शासन द्वारा बगैर अवकाश स्वीकृत हुए हड़ताल में शामिल होने वाले शिक्षकों पर कार्यवाही शुरू कर दी है।
बैतूल जिले के 3 शिक्षकों को शिक्षा विभाग (Education Department Betul) ने निलंबित कर दिया है। वहीं एक शिक्षक का प्रस्ताव मुख्यालय भेजा गया है। इधर जनजातीय कार्य विभाग भी शिक्षकों को दिए गए कारण बताओ नोटिस के जवाब का परीक्षण कर रहा है। जवाब से संतुष्ट नहीं होने पर यहां भी संबंधित शिक्षकों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी। ऐसे संकेत विभाग से मिल रहे हैं। इन्हें पूर्व में कारण बताओ नोटिस जारी किए जा चुके हैं।
शिक्षा विभाग के संयुक्त संचालक लोक शिक्षण नर्मदापुरम संभाग नर्मदापुरम अरविन्द सिंह द्वारा सीएम राईज, शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक शाला आमला में पदस्थ माध्यमिक शिक्षक लख्मीचंद लिल्लोरे को निलंबित किया गया है। इस संबंध में जारी आदेश में कहा गया है कि जिला शिक्षा अधिकारी बैतूल के पत्र के माध्यम से अवगत कराया है कि प्राचार्य सीएम राईज शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक शाला आमला ने अपने पत्र द्वारा यह लिखित सूचना दी गई कि लख्मीचंद लिल्लोरे माध्यमिक शिक्षक दिनांक 13 सितंबर 2022 से सामूहिक अवकाश पर है। बिना किसी समक्ष स्वीकृति के श्री लिल्लोरे आज दिनांक तक संस्था पर उपस्थित नहीं हुए तथा लगातार अनुपस्थित हैं।
उक्त संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी बैतूल के द्वारा श्री लिल्लोरे को कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर प्रतिउत्तर चाहा गया है। समयावधि व्यतीत होने के उपरांत भी संबंधित द्वारा कोई जबाब प्रस्तुत नहीं किया गया। यह स्पष्ट रूप से वरिष्ठ कार्यालय के निर्देशों की अवहेलना एवं अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है। श्री लिल्लोरे का उक्त कृत्य मप्र सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 (एक) (दो) एवं (तीन) के विपरीत होकर नियम 22- क के अंतर्गत कदाचरण की श्रेणी होने के फलस्वरूप सिविल सेवा आचरण (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम -9 के तहत् तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है। उनका मुख्यालय विकासखंड शिक्षा अधिकारी प्रभात पट्टन निर्धारित किया जाता है।
इसी तरह जिला शिक्षा अधिकारी बैतूल द्वारा प्राथमिक शाला बड़मंगरा के प्राथमिक शिक्षक देवानंद धुर्वे और शासकीय एकीकृत माध्यमिक शाला टांडीढाना (संकुल शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बोरदेही विकासखंड आमला) में पदस्थ प्राथमिक शिक्षक मनोज सिगारे को निलंबित किया गया है। जारी निलंबन आदेश में कहा गया है कि कार्यालयीन पत्र क्रमांक 4354 दिनांक 12.09.2022 में दिये गये निर्देशों की अवहेलना करते हुऐ बिना यथोचित कारण के हड़ताल पर जाने हेतु सामूहिक अवकाश का आवेदन प्रस्तुत कर दिनांक 13 सितंबर 2022 से हड़ताल में सम्मिलित हैं।
उक्त कृत्य कार्यालयीन निर्देशों की उच्छृंखलता के साथ अवहेलना एवं पदीय दायित्व के विपरीत होकर घोर कदाचरण की श्रेणी में आता है। उक्त कृत्य मप्र सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 के उपनियम 12.3 तथा 3-क एवं नियम 6 के उपनियम 2 के अंतर्गत वर्णित आचरण नियम के विपरीत होने के फलस्वरूप इनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर प्रतिउत्तर प्रस्तुत करने हेतु पर्याप्त अवसर दिया गया। संकुल प्राचार्य, बोरदेही के प्रतिवेदन के अनुसार हड़ताल में सम्मिलित होने एवं दूरभाष पर सूचना दिये जाने पर भी संबंधितों द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र प्राप्त नहीं किया गया है।
उक्त कृत्य मप्र सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 (1) (2) (3) एवं 3-क तथा 6-2 के विपरीत होकर नियम 22 के के तहत कदाचरण की श्रेणी में आता है। जोकि मप्र सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के अधीन दंडनीय कदाचरण है। अत: श्री सिंगारे एवं श्री धुर्वे के उपरोक्त कृत्य के लिये मप्र सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के नियम 9 के तहत कदाचार की श्रेणी में होने से उन्हे तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है। निलंबन अवधि में संबंधितों का मुख्यालय कार्यालय विकास खंड शिक्षा अधिकारी आमला रहेगा।
जिला अध्यक्ष के निलंबन का प्रस्ताव भेजा
तीन शिक्षकों के निलंबन के साथ ही जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय बैतूल से एक और शिक्षक एवं आजाद अध्यापक संघ के जिला अध्यक्ष विनय सिंह राठौड़ के निलंबन का प्रस्ताव मुख्यालय भिजवाया गया है। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार श्री राठौड़ उच्च श्रेणी शिक्षक हैं। इसलिए उनके निलंबन की कार्यवाही मुख्यालय से ही होगी। इसलिए इस संबंध में वहां प्रस्ताव भेजा गया है।
जनजातीय कार्य विभाग कर रहा परीक्षण
इधर जनजातीय कार्य विभाग भी इस दिशा में कार्य कर रहा है। सहायक आयुक्त शिल्पा जैन ने बताया कि पूर्व में संबंधित शिक्षकों को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किए थे। इनके जवाब का अभी परीक्षण किया जा रहा है। यदि उनके द्वारा प्रस्तुत उत्तर संतुष्टिप्रद नहीं होगा तो आवश्यक कार्यवाही की जाएगी। गौरतलब है कि प्रदेश के अन्य जिलों में भी शिक्षकों के निलंबन की कार्यवाही की गई है।