MP Primary Teacher Recruitment 2022 : मध्य प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा स्कूल शिक्षा के भर्ती नियम-2018 में बड़ा बदलाव किया गया है। इसमें अनारक्षित प्रवर्ग के कमजोर वर्ग (EWS) के लिये प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा के उत्तीर्ण अंक में कटौती कर दी गई है। पहले इस परीक्षा में पास होने के लिए 60 प्रतिशत अंक अनिवार्य थे। अब इन्हें घटा कर 50 प्रतिशत कर दिये गए हैं। जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संशोधन की कार्यवाही प्रचलन में है।
आयुक्त लोक शिक्षण अभय वर्मा ने बताया कि इस संशोधन अनुसार परीक्षा परिणाम तैयार कर भर्ती की कार्यवाही अक्टूबर के अंतिम सप्ताह से शुरू की जायेगी। प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के लिये स्कूल शिक्षा और जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संयुक्त कॉउंसलिंग की जायेगी। स्कूल शिक्षा विभाग के 7 हजार 429 और जनजातीय कार्य विभाग के 11 हजार 98, इस प्रकार कुल 18 हजार 527 पदों पर एक साथ भर्ती की जायेगी।
उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में करीब एक लाख रिक्त पदों पर भर्ती की जाना है। इसके लिए विभिन्न विभागों में जोर शोर से तैयारियां भी चल रही हैं। हाल ही में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एमपीपीएससी के अभ्यर्थियों के लिए अधिकतम आयु सीमा में एक बार के लिए 3 साल की छूट दिए जाने का ऐलान भी किया है। इधर प्रदेश में बंपर भर्ती होने की सुगबुगाहट लगने से युवा वर्ग भी बेहद आशान्वित है। युवा जल्द से जल्द भर्ती प्रक्रिया शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं ताकि उन्हें नौकरी हासिल हो सके।
जिला शिक्षा अधिकारियों को दी आयुक्त ने चेतावनी
इधर स्कूल शिक्षा विभाग के लोक शिक्षण संचालनालय के आयुक्त श्री वर्मा ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि यदि किसी भी जिले में अतिथि शिक्षक की नियुक्ति के संबंध में गड़बड़ी पाई गई तो इसके लिए जिला शिक्षा अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई होगी। वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से निर्देशित करते हुए आयुक्त श्री वर्मा ने कहा कि अतिथि शिक्षकों के वेतन भुगतान के संबंध में बहुत सी शिकायतें प्राप्त हो रही हैं। सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया जाता है कि वह अतिथि शिक्षकों की वेतन का भुगतान समय पर करें।
जिन अतिथि शिक्षकों के द्वारा पूर्व में अध्यापन कार्य कराया गया है उन्हें वरिष्ठता के क्रम में रखते हुए नियुक्ति प्रदान की जाएं। यदि किसी भी विद्यालय की शिकायत प्राप्त होती है कि किसी कनिष्ट एवं बिना अनुभवी शिक्षक को अतिथि शिक्षक के रूप में नियुक्ति प्रदान की गई है तो जिला शिक्षा अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी।