MP Fasal Bima: मध्यप्रदेश में किसानों को मिलने वाली फसल बीमा राशि पटवारी हल्के के अंतर्गत आने वाले सभी गांव के सभी किसानों को एक समान मिलती है। इसमें कोई अन्तर नहीं होता है। इसकी वजह यह है कि हमारे प्रदेश में फसल बीमा राशि के लिए पटवारी हल्का को ही इकाई माना गया है। किसी भी पटवारी हल्के में होने वाले सर्वे के आधार पर ही किसानों की फसल बीमा राशि का निर्धारण किया जाता है।
फसल बीमा के जानकार एडवोकेट दिनेश यादव ने बताया कि इस समय किसानों के खातों में बीमा कंपनी द्वारा खरीफ 2021 व रबी 2021-22 में प्राकृतिक आपदा के कारण किसानों की फसलों में हुए नुकसानी की भरपाई के लिए बीमा राशि प्रदान की जा रही है। कई गांवों में यह शिकायत आ रही है कि एक पटवारी हल्के के किसानों को समान रकबा होने के बावजूद कम या ज्यादा बीमा राशि मिल रही है। इससे किसानों में निराशा है। मगर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रावधान के अनुसार पटवारी हल्के के अंतर्गत आने वाले किसानों की फसल बीमा राशि में भिन्नता नहीं हो सकती।
यदि किसानों की बीमा राशि में भिन्नता है तो इसका कारण बैंकों द्वारा केन्द्र सरकार के पोर्टल में किसानों के रकबा, पटवारी हल्का नंबर व किसान से संबंधित अन्य जानकारी सही तरीके से दर्ज नहीं करने के कारण होता है। इस प्रकार की समस्या से ग्रस्त किसानों को अपनी केसीसी धारक बैंक में जाकर बैंक द्वारा पोर्टल पर दर्ज की गई जानकारी देखना चाहिए। इससे सही स्थिति पता हो जाती है।
खरीफ 2020 से फसल बीमा योजना एच्छिक कर दी गई है। इस कारण किसानों को बैंक व सहकारी समिति से डबल बीमा राशि मिलने की संभावना खतम हो गई है। बीमा योजना के अनुसार किसान अपनी नुकसानी की सिर्फ एक ही बीमा राशि प्राप्त करने का अधिकारी है। यदि किसान किसी भी कारण से फसल बीमा राशि से प्राप्त करने से वंचित है या कम मिलती है, तो उसे उचित मंच पर शिकायत करना चाहिए।