तोमर का मैनेजमेंट, शिवराज की लोकप्रियता, वीडी की रणनीति, हितानंद की कार्यकुशलता से भाजपा हो रही मजबूत
▪️ ऋषिकांत सिंह (रजत) परिहार, भोपाल
MP Elections 2023: मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी विधानसभा चुनाव 2023 फतह करने लिए पूरी रणनीति के साथ आगे बढ़ रही है। भाजपा संगठन के पास मतदान होने के एक दिन पहले तक के कार्यक्रमों का खाका तैयार है। मतलब भारतीय जनता पार्टी का प्रदेश नेतृत्व पूरी आक्रामकता के साथ चुनाव मैदान में उतर चुका है और आये दिन नए-नए प्रोग्राम जारी करके पार्टी को और मजबूत बनाने की दिशा में अग्रसर है।
मध्यप्रदेश में 10 अक्टूबर तक आदर्श आचार संहिता प्रभावशील हो सकती है। इसके पहले प्रदेश नेतृत्व भाजपा के कई बड़े नेताओं को बुलाकर पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने का पूरा प्रयास करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सड़क तथा परिवहन मंत्री नितिन गड़करी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, महिला बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी, सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर सहित अन्य मंत्रियों की प्रदेश में अलग-अलग सभाएं और कार्यक्रम हो सकते हैं।
लेकिन, इन्हीं सभी के बीच केंद्रीय कृषि मंत्री और प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक नरेंद्र सिंह तोमर का मैनेजमेंट, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की लोकप्रियता, प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा की चुनावी रणनीति और प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा की कार्यकुशलता के कारण भाजपा जमीनी स्तर पर मजबूत हो रही है। यह विधानसभा चुनाव फतह करने का सबसे खास बिंदु है। जिसके लिए पूरी पार्टी दिन-रात मेहनत कर रही है।
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केंद्रीय नेतृत्व को यह बात अच्छे से ज्ञात थी कि मध्यप्रदेश में चुनाव (MP Election 2023) के समय केवल नरेंद्र सिंह तोमर ही एक ऐसे नेता है जो नाराज सभी भाजपा नेताओं के घर-घर जाकर उन्हें चार्ज करके काम से लगा सकते हैं। यह बात आज सौ प्रतिशत सही साबित होते केंद्रीय नेतृत्व को दिखाई भी दे रहा है। इसलिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करके उन्हें चुनाव प्रबंधन समिति का संयोजक बनाने का निर्णय लिया था। इसी तरह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की लोकप्रियता को पहले ही “मोदी” और “शाह” ने भाप लिया था। इसलिए लंबे समय से चली आ रही मुख्यमंत्री बदलने की खबरें एक अपवाह साबित हुई और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को केंद्रीय नेतृत्व ने “ग्रीन सिग्नल” पहली बैठक में ही दे दिया था। जिसके बाद से लगातार वे प्रदेश भर में दौरे करके केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं से लोगों को लाभान्वित कर रहे हैं। आम जनता या पार्टी के लोगों द्वारा की जा रही मांगों को बिना देर किए पूरी कर रहे हैं।
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मुख्यमंत्री के इस तरह के निर्णय से उनकी लोकप्रियता में चार चांद लग रहे हैं। वहीं भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा संगठन स्तर पर कुशल रणनीति बनाकर उसे पन्ना समिति और बूथ कार्यकर्ताओं तक पहुंचाने में सफल हो रहे हुए हैं। इसलिए आज संगठन की दृष्टि से 57 जिले और 1070 मंडलम उनसे सीधे जुड़े हैं। चुनाव के पहले वीडी शर्मा में जिलों में प्रवास करके एक-एक मंडल और बूथ कार्यकर्ता से संवाद करके जो जानकारियां हासिल की है, उसका लाभ अब उन्हें चुनाव के समय मिल रहा है।
अगर वीडी शर्मा को लेकर यह कहा जाए कि उनकी पकड़ पन्ना समिति के अंतिम व्यक्ति तक है तो इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। इसी तरह प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा भले ही कम बोलते हैं ,लेकिन संगठन में उनका आज भी कोई जवाब नहीं है। सत्ता और संगठन में कैसे तालमेल बिठाना है, यह कोई हितानंद शर्मा से सीखे। जब से वे संगठन महामंत्री बने हैं तब से लेकर आज उन्होंने संगठन को सर्वोपरि रखकर ही बात की है। उनकी उत्कृष्ट कार्यकुशलता से संगठन और सत्ता, दोनों को ही अब तक फायदा पहुंचा है। जिस तरह से हितानंद शर्मा केंद्रीय नेतृत्व से प्राप्त निर्देशों को प्रदेश संगठन में अमलीजामा पहनाते हैं कि, उसके मुरीद खुद प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री हैं।
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कुल मिलाकर हमारी मंडे स्पेशल रिपोर्ट का सारांश यह है कि दो माह के भीतर होने वाले मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को तोमर का मैनेजमेंट, शिवराज की लोकप्रियता, वीडी की रणनीति और हितानंद की कार्यकुशलता का लाभ शत प्रतिशत मिलेगा। जिस पर केंद्रीय नेतृत्व को भी आंख मूँदकर पूरा विश्वास है।
महाराज ग्वालियर में सक्रिय , क्योंकि…? (MP Election 2023)
केंद्रीय नागरिक उड्डयन और इस्पात मंत्री महाराज ज्योतिरादित्य सिंधिया पिछले एक माह से दिल्ली से ज्यादा सक्रिय ग्वालियर में हैं। वे लगातार ग्वालियर में प्रवास करके लोगों से मिल रहे हैं और पार्टी के छोटे-छोटे से कार्यक्रम शामिल होकर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। भले ही लोग महाराज की सक्रियता को विधानसभा चुनाव में पार्टी को ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में मजबूत बनाने से जोड़ रहे हैं, लेकिन अंदरखाने की पक्की खबर यह है कि महाराज 2024 के लिए ग्वालियर से अपनी पृष्ठभूमि को मजबूत कर रहे हैं।
इसी कारण वे आम व्यक्ति की तरह कहीं भी रूककर लोगों से बात करते देखे जा रहे हैं। और तो और अपने विरोधियों के घर जाकर गिले-शिकवे दूर करने में भी जुट गए हैं क्योंकि 2019 के लोकसभा चुनाव में महाराज ने जो गलती की थी, उसे वे 2024 में दोहराना नहीं चाहते हैं। इसलिए सभी को एक जैसा सम्मान देकर लोगों के दिल में अपनी अलग पहचान बनाने में सफल होते दिखाई दे रहे हैं। महाराज के इस बदले हुए व्यक्तित्व को देखकर ग्वालियर की जनता भी हैरान-परेशान है और सोच में पड़ गई है कि आखिरकार महाराज को क्या हो गया है। यह भाजपा का असर है या फिर कोई …?