MP Cold Alert: इन दिनों मध्यप्रदेश ही नहीं बल्कि देश भर में कड़ाके की ठंड का दौर चल रहा है। इस मौसम में शीत-घात (शीतलहर/cold wave) के कारण जन सामान्य में विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी समस्या उत्पन्न होने की संभावना रहती है। जिससे गंभीर बीमारियों तथा मृत्यु तक का खतरा हो सकता है। ऐसे में सेहत का ध्यान रखना बेहद जरुरी हो जाता है।
इन समस्याओं के बचाव एवं रोकथाम करने हेतु यदि पूर्व से ध्यान रखा जाये तो इस प्राकृतिक विपदा का प्रभावी रूप से सामना किया जा सकता है। शीतलहर प्रबंधन हेतु जनसामान्य द्वारा छोटी-छोटी सावधानियों को ध्यान में रख कर शीत घात के समय होने वाली बीमारियों एवं प्राकृतिक विपदा से सुरक्षित रखा जा सकता है। स्वास्थ्य विभाग ने ऐसी ही कुछ सावधानियां बताई हैं, जिनका अनुसरण कर स्वस्थ रहा जा सकता है।
यह बताई गई सावधानियां (MP Cold Alert)
- मौसम के पूर्वानुमान हेतु रेडियो, टीवी एवं समाचार पत्र जैसे सभी मीडिया साधनों द्वारा प्रदाय की जा रही जानकारी तथा सावधानियोंं का पालन करें।
- नवजात शिशुओं को यथा संभव ठंडे वातावरण से दूर रखें तथा गर्म कपड़े, टोपी, मोजे, स्वेटर, ऊनी दस्ताने का उपयोग करना सुनिश्चित करें।
- शीत लहर के समय विभिन्न प्रकार की बीमारियों की संभावना अधिक बढ़ जाती है- जैसे सर्दी, खांसी एवं जुकाम आदि के लक्षण हो जाने पर चिकित्सक तथा स्थानीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं से सम्पर्क करें।
- अल्प ताप अवस्था जैसे- सामान्य से कम शरीर का तापमान, न रूकने वाली कंपकपी, याददाश्त चले जाना, बेहोशी या मूर्छा की अवस्था का होना, जबान का लडख़ड़ाना आदि प्रकट होने पर उचित इलाज लिया जाये। नियमित रूप से गर्म पेय पदार्थ का सेवन सुनिश्चित करें।
- आपातकालीन समय के लिए आवश्यक खाद्य पदार्थ, पानी, ईंधन, बैटरी, चार्जर, इमरजेंसी लाइट एवं आवश्यक दवाईयां तैयार रखें।
- पर्याप्त मात्रा में गर्म कपड़े जैसे दस्ताने, टोपी, मफलर एवं जूते आदि पहनें। शीतलहर के समय चुस्त कपड़े ना पहने यह रक्त संचार को कम करते हैं इसलिए हल्के ढीले ढाले एवं सूती कपडे बाहर की तरफ एवं ऊनी कपड़े अंदर की तरफ पहने। (MP Cold Alert)
- शीत लहर के समय जितना संभव हो सके, घर के अंदर ही रहें एवं अति आवश्यक होने पर ही बाहर यात्रा करें।
- पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्वों से युक्त भोजन का सेवन करें एवं शरीर की प्रतिरक्षा बनाए रखने के लिए विटामिन सी से भरपूर फल और सब्जियां खाएं एवं नियमित रूप से गर्म तरल पदार्थ अवश्य पियें।
- अत्यधिक ठंड के समय दीर्घकालीन बीमारियों जैसे डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, श्वास संबंधी बीमारियों वाले मरीज, वृद्ध पुरुष-महिलायें तथा कम आयु के बच्चे, गर्भवती महिलाएं आदि का विशेष रूप से ध्यान रखा जाये। (MP Cold Alert)
- अधिक ठंड पडऩे पर पर्याप्त वेंटिलेशन होने पर ही रूम हीटर का उपयोग करें।
- बंद कमरे को गर्म करने के लिए कोयले का उपयोग ना करें क्योंकि इस तरह कोयला जलने पर कार्बन मोनोऑक्साइड उत्पन्न होती है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए जानलेवा साबित हो सकता है।
- कम तापमान होने की स्थिति में यथासंभव पालतू जानवरों को घर के अंदर ही रखें।
- शीत लहर मे अधिक ठंड के लम्बे समय तक सम्पर्क में रहने से त्वचा कठोर एवं सुन्न पड़ सकती है।
- शरीर के अंगों जैसे हाथ, पैर की उंगलियों, नाक एवं कान में लाल फफोले हो सकते हैं। शरीर के भाग के मृत हो जाने पर त्वचा का लाल रंग बदलकर काला हो सकता है। यह बहुत खतरनाक है और इसे गेंग्रीन रोग कहा जाता है। इसके लिए तत्काल चिकित्सक से परामर्श लें। शीत लहर के संपर्क में आने से फ्रोसिबाइट एवं हापपोथर्मिया) बीमारी हो सकती है।
- शीत लहर के सम्पर्क में आने से फ्रोसिबाइट होने पर शरीर के अंगों जैसे हाथ, पैर की उंगलियां सुन्न हो जाना, नाक एवं कान की त्वचा का रंग सफेद एवं पीला हो जाना आदि लक्षण पाये जाने पर तत्काल चिकित्सक से परामर्श लें। (MP Cold Alert)
- शीत लहर के संपर्क में आने से हाइपोथर्मिया होने पर शरीर के तापमान में कमी आ सकती है, जिसके कारण बोलने में कठिनाई, नींद न आना, मांसपेशियों का सुचारू रूप से कार्य न करना, सांस लेने में कठिनाई आदि लक्षण पाये जाने पर तत्काल चिकित्सक से परामर्श लें।
- शीतलहर से संबंधित प्राथमिक उपचार हेतु अधिक जानकारी के लिए (नेशनल डिजास्टर मेनेजमेंट अथॉरिटी) ऐप फॉलो करें। (MP Cold Alert)