Magarmach Ka Video: ग्रामीणों ने खुद ही पकड़ लिया तालाब से मगरमच्छ, एसटीआर की टीम को भी नहीं मिला था, पकड़ कर वन विभाग को सौंपा

ग्रामीणों ने खुद ही पकड़ लिया तालाब से मगरमच्छ, एसटीआर की टीम को भी नहीं मिला था, पकड़ कर वन विभाग को सौंपा

▪️ नवील वर्मा, शाहपुर (Magarmach Ka Video)

Magarmach Ka Video: मध्यप्रदेश के बैतूल में मगरमच्छ (Crocodile In Betul) की दहशत से आखिरकार ग्रामीणों को मुक्ति मिल गई है। इसे रेस्क्यू करने दो बार एसटीआर की टीम आ चुकी थी, लेकिन वह नहीं मिल पाया था। इस बार खुद ग्रामीणों ने ही मगरमच्छ को देख कर पकड़ लिया। इसके बाद वन विभाग को सूचित किया। वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच कर उसे ले गई।

बैतूल जिले के शाहपुर ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले ग्राम सालीमेट में बीते कई दिनों से मगरमच्छ की दहशत बनी थी। यहां एक ग्रामीण के खेत के पास बने तालाब पर कुछ दिन पहले मगरमच्छ नजर आया था। उसके बाद से ही ग्रामवासियों में खासी दहशत थी। ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी थी। वन विभाग ने सतपुड़ा टाइगर रिजर्व की टीम को सूचना दी थी।

इस पर टीम दो बार मगरमच्छ का रेस्क्यू करने आई भी। पहली बार में जाल छोटा पड़ जाने के कारण मगरमच्छ पकड़ा नहीं जा सका। वहीं दूसरी बार जब टीम बड़ा जाल लेकर आई तो पूरा तालाब खाली कराने के बाद भी वह नहीं मिल पाया था। इस टीम के लौटने के बाद ग्रामीणों को पास ही के एक दूसरे तालाब में मगरमच्छ नजर आया था। इससे दहशत लगातार बनी हुई थी। ग्रामीण अपनी और अपने मवेशियों की जान की सुरक्षा को लेकर चिंतित बने हुए थे।

Magarmach Ka Video: ग्रामीणों ने खुद ही पकड़ लिया तालाब से मगरमच्छ, एसटीआर की टीम को भी नहीं मिला था, पकड़ कर वन विभाग को सौंपा

इस बीच ग्रामवासियों ने अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए शनिवार को खुद ही तालाब से मगरमच्छ को पकड़ लिया। ग्रामीणों ने एहतियात और सुरक्षा के साथ जाल की मदद से मगरमच्छ को पकड़ा। मगरमच्छ के पकड़ा जाने के बाद ग्रामवासियों द्वारा वन विभाग को सूचित किया गया। इस पर वन विभाग की एक टीम आई तथा मगरमच्छ को एस्कॉर्ट करके ले गई।

यहां देखें वीडियो…

तालाब में मौजूद मगरमच्छ के पकड़ा जाने और वन विभाग द्वारा उसे वहां से ले जा लिए जाने से सभी ग्रामवासी अब अपने आप को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। अब वे अपनी या मवेशियों की सुरक्षा को निश्चिंत हैं। साथ ही रात हो या दिन, कभी भी अपने काम कर सकेंगे। ग्रामीणों ने रात के समय इस क्षेत्र में स्थित अपने खेतों में जाना मगरमच्छ के डर से बंद कर दिया था। वहीं दिन में भी बड़ी सावधानी के साथ जाते थे। तालाब पर मवेशियों को पानी पिलाने तक वे नहीं ले जा पाते थे।

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