Maa Renuka Dham : तीन अलग-अलग रूपों में दर्शन देती हैं माँ रेणुका, सच्चे मन से दर्शनों से होती है मनोकामना पूरी

  • अंकित सूर्यवंशी, आमला
    बैतूल जिले के आमला ब्लॉक के छावल में स्थित है प्रसिद्ध मां रेणुका माता का धाम। नवरात्र में माँ रेणुका के मंदिर में मातारानी की कृपा व संकटों से मुक्ति पाने हेतु भक्तजनों का तांता लगा रहता है। वैसे तो माता की महिमा और इस धाम को लेकर कई चमत्कार बताए जाते हैं और समय-समय पर यह चमत्कार होते नजर भी आते हैं। लेकिन इस धाम की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि मां रेणुका हर दिन तीन अलग-अलग रूपों में दर्शन देती हैं।

    आमला से 9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम छावल में रेणुका धाम आस्था का केन्द्र माना जाता है। नवरात्र में बड़ी संख्या में भक्त यहां माता के दर्शन के लिए आते हैं। मंदिर का इतिहास 550 साल पुराना है। छोटी सी पहाड़ी बने मंदिर में मां रेणुका की स्व प्रकट प्रतिमा है।

    मान्यता है कि हर पहर में मां अपने तीन स्वरूप में दर्शन देती हैं। भोर होते ही नन्हीं बालिका का स्वरूप, तो दोपहर में युवती स्वरूप में मां के चेहरे का तेज बढ़ जाता है और शाम को माँ रेणुका ममतामयी, सौम्य, करुणा भरे रूप में दिखाई देती हैं।

    बीते 55 साल से मैया की सेवा कर रहे मंदिर के पुजारी गणेश पुरी गोस्वामी माँ के इस चमत्कार को हर पहर महसूस करते हैं। वे बताते हैं कि नवरात्र में शक्ति की देवी माँ के तीन अलग-अलग स्वरूपों की आराधना की जाती है।

    उनके मुताबिक मंदिर में 60 साल से अखण्ड ज्योति प्रज्जवलित है। ग्रामीण सहित बाहर से आने वाले श्रद्धालु माँ रेणुका की कृपा के गवाह है। नवरात्र में दूर- दूर से श्रद्धालु माता के दरबार के पास अखण्ड ज्योति प्रज्जवलित करने आते हैं।

    पुजारी श्री गोस्वामी के मुताबिक मां की महिमा अनूठी है। हर भक्त की माँ मुराद पूरी करती है। मां के दरबार में वर्षों से चल रही अखंड ज्योति का तेल शरीर पर लगाने से कैंसर के मरीज तक ठीक हो जाते हैं। मान्यता है कि सच्चे मन से मातारानी के दर्शन मात्र से ही भक्तों की मनोकामना पूरी हो जाती है।

    इन स्थानों पर भी माँ के मंदिर

    माँ रेणुका के मंदिर में वैसे तो साल भर ही भक्तों का आना-जाना लगा रहता है, लेकिन शारदीय नवरात्र में भक्तों की सँख्या और भी बढ़ जाती है। यहां नवरात्र में बड़ा मेला भी आयोजित होता है। मन्नत पूरी होने पर यहां नीम गाड़ा खींचने की परंपरा भी है। छावल गांव के अलावा मां रेणुका महाराष्ट्र के माहूरगढ़, भैंसदेही के धामनगांव, बिसनूर और मासोद गांव में भी है। मान्यता है कि सभी जगह माँ रेणुका की प्रतिमा का प्राकट्य हुआ है।

    कैसे पहुंचे मां रेणुका दरबार

    मुख्यालय से 9 किमी दूर स्थित मां रेणुका धाम पहुँचने के लिए चारो तरफ से मार्ग हैं। इनसे आसानी से माँ रेणुका धाम पहुँच सकते हैं। बोरदेही एवं सारणी क्षेत्र से आने वाले श्रद्धालु ग्राम बोरी से सीधे माँ रेणुका धाम छावल पहुंच सकते हैं जबकि आमला क्षेत्र से जाने वाले श्रद्धालु आमला-जम्बाड़ा मार्ग एवं आमला-बोरदेही मार्ग पर छावल जोड़ से सीधे माँ रेणुका धाम पहुंच सकते हैं।

    यह सुविधाएं कराई गई उपलब्ध

    पर्यटन विभाग द्वारा माँ रेणुका धाम छावल में लगभग 5 वर्ष पूर्व 40 लाख रुपए की लागत से श्रृद्धालुओं के लिए बैठक व्यवस्था हेतु चबूतरा एवं टिन शेड, रेलिंग सहित अन्य निर्माण कार्य करवाए गए थे।

    इन सुविधाओं की और है जरूरत

    माँ रेणुका धाम में रोजाना सैकड़ों श्रद्धालुओं का आना-जाना रहता है। जबकि शारदीय एवं चैत्र नवरात्र में यहाँ रोजाना हजारों की तादात में श्रद्धालु पहुंचते हैं। वर्तमान में यहाँ व्यवस्थित दुकान नहीं लग पाती हैं। जिसके लिए काम्प्लेक्स एवं टिन शेड सहित पेयजल की उचित व्यवस्था की कमी श्रद्धालुओं को खल रही है।

  • उत्तम मालवीय

    मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

    For Feedback - feedback@example.com

    Related News

    Leave a Comment