Ladli Bahna Yojana: (भोपाल)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के क्रियान्वयन से पात्र हितग्राही के परिवार को आर्थिक संबल मिलेगा। साथ ही व्यापक स्तर पर योजना लागू होने से ग्राम और शहरों की अर्थ-व्यवस्था पर भी सकारात्मक प्रभाव होंगे। पूर्व में लागू की गई कल्याणकारी योजनाओं की इम्पेक्ट स्टडी से भी यह तथ्य सामने आया है। इस नाते अर्थ-शास्त्रियों, योजना और नीति-निर्माण से जुड़े विशेषज्ञों के लिए मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना अध्ययन का विषय बनेगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बुधवार को योजना में हुए पंजीयन और आगामी 10 दिवस की गतिविधियों के संबंध में समत्व भवन मुख्यमंत्री निवास में बैठक कर चर्चा की।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने योजना में प्राप्त आवेदन-पत्रों और संबंधित आगामी कार्यक्रमों के बारे में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस और अन्य संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किया। बताया गया कि शहरी क्षेत्र के वार्डों में भी जन-प्रतिनिधियों की मौजूदगी में बहनों को स्वीकृति-पत्र प्रदान किए जाने की रूपरेखा बनाई गई है। ग्रामों में 8 जून को लाड़ली बहना ग्राम सभाएँ होंगी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मंत्री, सांसद और विधायक विभिन्न स्थानों पर होने वाले कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। एक से 7 जून की अवधि में पात्र बहनों को स्वीकृति- पत्र प्रदान किए जाएंगे। ग्रामों में भजन, मंगल-गीत और लाड़ली बहना गीतों की प्रस्तुति भी होगी। कुछ जिलों में योजना पर केन्द्रित प्रभावशाली नुक्कड़ नाटकों के मंचन की भी योजना बनाई गई है, जो सराहनीय है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि इन गतिविधियों को उत्सव के रूप में किया जाये।
जबलपुर से करेंगे मुख्यमंत्री शुभारंभ
मुख्यमंत्री श्री चौहान 10 जून को जबलपुर में राशि वितरण कार्यक्रम में शामिल होंगे। योजना की पात्र हितग्राही बहनों के खातों में एक हजार रूपए की राशि अंतरित करते हुए उन्हें संबोधित करेंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान विभिन्न जिलों में एक से 9 जून की अवधि में प्रतीकस्वरूप बहनों को स्वीकृति-पत्र प्रदान करने के लिए भ्रमण भी करेंगे।
एक करोड़ पच्चीस लाख से ज्यादा पंजीयन
योजना में एक करोड़ 25 लाख से अधिक पंजीयन किए जा चुके हैं। पात्र बहनों को योजना का लाभ दिलाने के लिए बैंक के स्तर पर डीबीटी संबंधी कार्यवाही भी की गई है। तकनीकी कारणों से जहाँ इस कार्य को शत-प्रतिशत पूर्ण नहीं किया जा सका है, वहाँ तेजी से कार्य हो रहा है।