nano urea : किसानों को भा रहा नैनो यूरिया, कीमत कम और उपयोग में भी आसान, लगातार बढ़ रही मांग

nano urea : किसानों को भा रहा नैनो यूरिया, कीमत कम और उपयोग में भी आसान, लगातार बढ़ रही मांग
Credit: Republic world

▪️उत्तम मालवीय, बैतूल

महज कुछ महीने पहले ही लॉन्च हुआ नैनो यूरिया (nano urea) किसानों (farmers) को बेहद पसंद आ रहा है। इसकी एक ओर जहां कीमत कम (low price) है वहीं उपयोग में भी बेहद आसान (very easy to use) है। यही कारण है कि जिले में भी इसकी मांग लगातार बढ़ती (growing demand) जा रही है। खासतौर से सब्जी उत्पादक (vegetable grower) किसानों की तो यह पहली पसंद बन गया है। आने वाले दिनों में यदि किसान केवल नैनो यूरिया पर ही निर्भर हो जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं है।

फसलों के लिए खाद (Fertilizer) उतना ही जरूरी है जितना कि हम इंसानों के लिए भोजन। यह खाद ही फसलों को विटामिन-प्रोटिन सहित अन्य पोषक तत्व देने का काम करता है। इसलिए कई बार खाद के लिए कहीं रतजगा करते हुए किसानों को देखा जा सकता है तो कहीं लंबी लाइन में घंटों तक खड़े रहते हुए देख सकते हैं। किसानों की पहली प्राथमिकता यही होती है कि वे अपनी फसल के लिए जरूरी खाद ले लें, ताकि फसल की अच्छी ग्रोथ (good crop growth) हो सके। अभी तक हम यही देखते थे कि किसान बैलगाड़ियों और ट्रैक्टर ट्रॉली में खाद की बोरियों को लेकर जा रहे हैं। लेकिन, पिछले कुछ महीने से ऐसा नजारा देखने को नहीं मिला।

अन्य क्षेत्रों की तरह कृषि के क्षेत्र में भी लगातार बदलाव हो रहे हैं। खाद का क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं रहा है। इसी साल रबी सीजन में सरकार ने नैनो यूरिया से किसानों का परिचय कराया था। यह खाद दानेदार और ठोस रूप में न होकर पानी की तरह तरल या लिक्विड (liquid) होता है। सबसे खास बात यह है कि भारी भरकम एक बोरी खाद काकाम मात्र 500 ग्राम की एक बोतल से हो जाता है। यही कारण है कि नैनो यूरिया की मांग लगातार बढ़ती जा रही है।

कीमत और एक एकड़ के लिए जरूरत

जिला विपणन अधिकारी बैतूल प्रदीप गरेवाल बताते हैं कि नैनो यूरिया की आधा लीटर की एक बोतल 240 रुपए की आती है। यह एक एकड़ की फसल के लिए पर्याप्त होती है। अभी किसान इतनी ही फसल में लगभग दो बोरी खाद का इस्तेमाल करते हैं। यह 532 रुपए की होती है। इस लिहाज से यह आर्थिक रूप से भी किसानों के लिए लाभप्रद है। वहीं मात्रा में काफी कम होने से से परिवहन करने में भी आसान है। अभी एक बोरी खाद ले जाने में जितने जतन करने होते हैं, उतने में किसान कई सालों की खाद एक साथ ले जा सकते हैं।

उपयोग करना और भी है आसान

श्री गरेवाल के अनुसार इस खाद का उपयोग करना और भी आसान है। इस खाद को पानी में मिलाकर स्प्रे करना होता है। इससे इसका उपयोग भी परंपरागत खाद की तुलना में आसान है। किसान फसलों पर दवाई का छिड़काव तो करते ही हैं। उसी समय इसे भी मिलाकर उसी के साथ छिड़काव कर सकते हैं। इससे दो बार का काम एक ही साथ हो जाएगा। किसानों का समय के साथ मेहनत भी बच जाएगी। यही वजह है कि अब नैनो यूरिया किसानों की पहली पसंद बनता जा रहा है।

अभी तक इतनी नैनो यूरिया कराई उपलब्ध

जिला विपणन अधिकारी कार्यालय बैतूल के खाद प्रभारी नितेश गोटिया बताते हैं कि यह खाद इसी साल रबी सीजन (rabi season 2022) में पहली बार उपलब्ध कराई गई थी। इसके फायदों और उपयोग में आसानी के चलते पहले सीजन में ही 17500 लीटर खाद की खपत हो चुकी थी। इसके बाद अभी चल रहे खरीफ सीजन में 10318 लीटर खाद अभी तक उपलब्ध कराई जा चुकी है। इस तरह एक ही सीजन में 27818 लीटर नैनो खाद की खपत हो चुकी है। किसानों को जैसे-जैसे इसके फायदों की जानकारी मिल रही हैं, वैसे-वैसे इसकी मांग भी बढ़ रही है। सब्जी उत्पादक किसान तो इस खाद का ही उपयोग करना चाह रहे हैं।

उत्तम मालवीय

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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