Kathal ka aata : आजकल शुगर, मधुमेह या कहे डायबिटिज के मरीजों की संख्या बहुत ज्यादा है। हर तीसरा व्यक्ति इस बीमारी से पीडि़त है। खास बात ये है कि ये बीमारी अब सिर्फ बुजुर्गों को ही नहीं, बल्कि युवाओं को भी अपना शिकार बना रही है। इसका मुख्य कारण है हमारा अस्वस्थ खानपान, बढ़ता हुआ तनाव और खराब खाने की आदतें. ऐसी लाइफस्टाइल की वजह से शरीर में कई तरह की बीमारियां पैदा हो जाती हैं।
अगर आप भी डायबिटीज से बचना चाहते हैं या फिर डायबिटीज को कंट्रोल में रखना चाहते हैं, तो सबसे पहले अपनी डाइट में बदलाव लाएं। ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए लोग कई तरह के उपाय अपनाते हैं, साथ ही डॉक्टर की सलाह लेना भी बहुत जरूरी है।
घरेलू नुस्खों की बात करें, तो सबसे पहले खाने में बदलाव करें। डायबिटीज में गेहूं की जगह आप कटहल के आटे की रोटी खा सकते हैं। कई शोधों में ये पाया गया है कि कच्चे कटहल के आटे से शुगर को कंट्रोल में रखा जा सकता है। इतना ही नहीं, ये टाइप-2 डायबिटीज के खतरे को भी कम करता है। आइए जानते हैं क्या है कटहल का आटा और इसे इस्तेमाल कैसे करें?
क्यों फायदेमंद है डायबिटीज में कटहल का आटा?
कई रिपोर्ट्स में बताया गया है कि रोजाना अगर आप कच्चे कटहल के आटे की रोटी खाते हैं, तो ये टाइप-2 डायबिटीज के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, कटहल का आटा डायबिटीज के मरीजों में प्लाज़्मा शुगर लेवल को कम करने में मदद करता है। जिन लोगों ने कटहल के आटे का इस्तेमाल किया, उनके शरीर में ग्लाइकोसिलेटेड हीमोग्लोबिन (HbA1c) की मात्रा कम पाई गई।
क्या कहती है रिसर्च?
अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन में प्रकाशित एक रिसर्च के अनुसार, ये रिसर्च करीब 40 लोगों पर किया गया था। जिन्हें दो ग्रुप में बांटा गया था। एक ग्रुप को 12 हफ्ते तक कच्चे कटहल का आटा खिलाया गया और दूसरे ग्रुप को नॉर्मल आटा। नतीजों में पता चला कि जिन लोगों ने कटहल के आटे की रोटी खाई, उनका ग्लाइकोसिलेटेड हीमोग्लोबिन काफी कम था। यानी कटहल के आटे का सेवन करने से ब्लड शुगर जल्दी कम होता है।
Kathal ka aata – कैसे बनता है कटहल का आटा?
भारत और इसके आसपास के कई देशों में कटहल का काफी ज्यादा उत्पादन होता है। कटहल के बीजों को आप सुखा लें। सूखने के बाद ऊपरी परत को हटाकर इन बीजों को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें। अब इन टुकड़ों को पीसकर आटा बना लें।
कटहल के आटे के फायदे – Kathal ka aata
कटहल के आटे की रोटी खाने से खतरनाक बीमारी डायबिटीज को कंट्रोल में रखा जा सकता है। कटहल के आटे के सेवन से टाइप-2 डायबिटीज का खतरा कम होता है। कटहल का आटा न सिर्फ शुगर को कंट्रोल करता है, बल्कि हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को भी कम करता है। कटहल का आटा वजन कम करने में भी सहायक होता है, ये रोटी मोटापा कम करती है।
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