Kamalnath In BJP : कांग्रेस को बड़ा झटका! बीजेपी के होने वाले हैं कमलनाथ, इस समय ले सकते शपथ
Kamalnath In BJP : 1980 के दशक का वो दौर था जब इंदिरा गांधी एकमात्र राजनीतिक चेहरा थीं । दुनिया भर में कांग्रेस का दबदबा तेजी से फैल रहा था। उस समय, कलकत्ता में जन्मे कमलनाथ को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जी के तीसरे बेटे की तौर पर देखा जाता था।
उन्होंने 1980 में छिंदवाड़ा से अपनी राजनीति की शुरुआत की थी। अब कमलनाथ क्यों कांग्रेस पार्टी छोड़ने के कगार पर कैसे पहुंचे? कहा जा रहा है कि पार्टी के दिग्गज नेता कमलनाथ और उनके बेटे नकुलनाथ भाजपा में शामिल होने जा रहे है। हालांकि, उनकी या उनके किसी समर्थक की तरफ से इस पर कोई स्पष्टीकरण नहीं आया है।
43 साल से राजनीति में सक्रीय पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की बीजेपी में दस्तक 2 महीने से राजनैतिक कोहराम मचा रही है। हर दिन इस बड़े फेरबदल की धुंध हटने का नाम नहीं ले रही हैं। चर्चाएं आम हैं। सोशल मीडिया पर ऐसी बातें खूब फैल रही हैं। कमलनाथ इस पूरे मामले में अभी तक ना अपना रुख स्पष्ट कर रहे हैं, ना ही बीजेपी में जाने की अटकलों का खुलकर खंडन कर रहे हैं।
इन बातों का स्पष्टीकरण तब हुआ, जब कमलनाथ ने 17 फरवरी के अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए। पूर्व सीएम अपने बेटे नकुलनाथ के साथ दिल्ली कूच कर गए। दूसरी तरफ मीडिया में खबरें चलने लगीं कि दोनों पिता-पुत्र की जोड़ी बीजेपी में शामिल हो रही है। इस बात की पुष्टि नकुलनाथ ने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) के बायो से कांग्रेस पार्टी का नाम हटाकर कर दी।
कमलनाथ ने दिल्ली कूच करते ही कट्टर समर्थक नेताओं ने भी अपने अकाउंट से कांग्रेस का नाम हटा दिया। इसमें सबसे पहला नाम पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा का आया। अब कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका लग सकता है।
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने कमलनाथ के नेतृत्व में चुनाव लड़ा। प्रदेश की 230 में से भाजपा ने 163, कांग्रेस ने 66 और भारत आदिवासी पार्टी ने एक सीट जीती थी। कांग्रेस ने विधानसभा चुनावों में हार का ठीकरा कमलनाथ पर फोड़ दिया। उन्हें इसके लिए जिम्मेदार ठहराया गया। अन्य नेताओं ने भी उन्हें अलग-थलग कर दिया।
अचानक हटाया अध्यक्ष पद से (Kamalnath In BJP)
विधानसभा चुनावों में हार के बाद कांग्रेस ने एकाएक अपना प्रदेश अध्यक्ष बदल दिया। राहुल गांधी के करीबी रहे जीतू पटवारी को प्रदेश कांग्रेस की बागड़ोर सौंपी गई। न तो कमलनाथ से रायशुमारी हुई और न ही उन्हें बताया गया और अचानक उन्हें बदलने का फरमान जारी हो गया। इससे भी कमलनाथ आहत हुए थे। भले ही सार्वजनिक मंच पर उन्होंने इसे छिपाया, लेकिन नाराजगी नहीं छिपा सके।
कमलनाथ राज्यसभा का चुनाव लड़कर केंद्रीय राजनीति का हिस्सा बनना चाहते थे। उन्होंने कांग्रेस विधायकों के लिए एक डिनर भी रखा था। तब पार्टी ने मध्य प्रदेश से राज्यसभा के लिए सोनिया गांधी को चुनाव लड़ने का आग्रह किया। जब सोनिया गांधी ने राजस्थान को चुना तो दिग्विजय सिंह के समर्थक अशोक सिंह को राज्यसभा का उम्मीदवार बना दिया गया। यह पूर्व मुख्यमंत्री को अच्छा नहीं लगा।
केंद्र की राजनीति करना चाहते थे (Kamalnath In BJP)
कमलनाथ की सक्रियता हमेशा से केंद्रीय राजनीति में रही है। 2018 के विधानसभा चुनावों से ठीक पहले उन्हें मध्य प्रदेश में भेजा गया था। जब सरकार चली गई तो लगा कि उन्हें फिर से दिल्ली बुला लिया जाएगा। इसके विपरीत पार्टी ने उन्हें मध्य प्रदेश में ही उलझाए रखा। 2023 के विधानसभा चुनावों में हार के बाद कमलनाथ फिर दिल्ली जाना चाहते थे, लेकिन पार्टी ने उनकी नहीं सुनी।
चुनावों में दिग्विजय सिंह से अनबन (Kamalnath In BJP)
विधानसभा चुनावों के दौरान भाजपा से आए कुछ विधायकों और पूर्व विधायकों के टिकट को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से भी कमलनाथ की अनबन हुई थी। कमलनाथ का एक वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें वह टिकट मांग रहे नेताओं को कह रहे हैं कि जाकर दिग्विजय सिंह के कपड़े फाड़ो। कमलनाथ खेमे को लगता है कि यह सब पार्टी के एक धड़े ने किया। उनके खिलाफ माहौल बनाया गया।
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