Desi Jugad: सोशल मीडिया पर आपने देसी जुगाड़ (Desi Jugad) के कई सारे वीडियो देखे होंगे। अक्सर सड़कों पर ऐसी गाड़ियों को देखा जाता है, जिन्हें कई गाड़ियों के पार्ट्स से मिलाकर बनाया जाता है। हम अपनी देसी भाषा में इसे जुगाड़ का नाम भी दे सकते हैं। ऐसे ही एक जुगाड़ का उदाहरण रिक्शा और सामान ढोने वाले तीन-पहिया वाहनों पर लगी हुई मोटरें हैं।
आपने सुना होगा कि आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है। ऐसे ही जबलपुर के एक कपड़ा व्यापारी के बेटे पुष्कर गुप्ता की चर्चा शहर भर में हो रही है। पुष्कर ने कम रूपए की लागत में घर पर रखी साइकिल को मोटरसाइकिल में बदल दिया। इसके लिए उन्होंने कबाड़ के सामान का उपयोग किया है। पुष्कर को करना तो वकालत है, पर उसका दिमाग नित- नए आविष्कार करने में ज्यादा लगता है। (Desi Jugad)
दरअसल पुष्कर ने पहली अपनी साइकिल को इलेक्ट्रिक बाइक में कन्वर्ट किया था, लेकिन उसमें ताकत कम थी, और वह खराब और ऊँचे रास्ते पर चढ़ नही पाती थी। जिसके बाद पुष्कर ने साइकिल को बाइक में कन्वर्ट करने की सोची। पुष्कर ने अपने आविष्कार को पिता गुलाबचंद्र गुप्ता और मां स्वाति को भी बताया। माता- पिता ने भी पुष्कर को हौसलों को समझा और उसका साथ देना शुरू कर दिया।
जबलपुर में रहने वाले 17 वर्षीय किशोर ने साइकिल को मॉडीफाइड कर उसे बाइक का रूप दिया है। पुष्कर ने सबसे पहले कबाड़ की दुकान में इंजन तलाश करना शुरू किया। गुरनदी बाजार से पुष्कर ने 300 रुपए का खराब इंजन खरीदा। यह इंजन था लूना का। पुष्कर ने इंजन को खोलकर बनाया। इसके बाद वैल्डिंग करके लोहे का पेट्रोल टैंक और साइलेंसर भी खुद बनाया। पुष्कर ने अपनी साइकिल बाइक में लगाए पेट्रोल टैंक की कैपिसिटी 2 लीटर की रखी है। पुष्कर का दावा है कि उसकी बाइक 80 किलोमीटर प्रति लीटर का एवरेज अभी दे रही है। इस साइकिल बाइक की स्पीड 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटा है। पुष्कर ने बताया कि अभी इसमें वह अकेला घूमता है, जल्द ही इसमें पीछे एक और सीट लगवाकर इसकी ताकत को जांचना है।
इस साइकिल- बाइक को तैयार करने में उसे एक माह का समय लगा है। किक से नही बल्कि पेडल से स्टार्ट होने वाली इस गाड़ी को तैयार करने में अभी तक सिर्फ 1,000 रुपए का खर्च आया है। पुष्कर ने पुरानी साइकिल में वेल्डिंग के जरिए इंजन को कसा। इसके बाद पेट्रोल टैंक को वेल्ड किया। इंजन से पेट्रोल की टंकी तक के लिए पाइप का इस्तेमाल किया। छोटा सा साइलेंसर भी इसमें लगा है, जो कि उसने खुद बनाया है। पुष्कर ने बताया कि अब इस गाड़ी के इंजन और टैंक को स्टील से कवर करना है, जिसके बाद इसका लुक और अच्छा हो जाएगा। पुष्कर ने बताया कि जब कभी वह पेट्रोल भरवाने पंप जाया करते है, तो लोग इसे देखकर मजाक उड़ाया करते थे। पर मुझे पता था कि आज नही तो कल मेरी मेहनत और तकनीक को समझने वाले लोग जरूर तारीफ करेंगे। पुष्कर ने बताया कि कुछ लोगों ने जब मेरी यह गाड़ी देखी तो उन्हें पसंद आई है, जिसके बाद दो लोगों ने ऑर्डर भी दिया है।
पुष्कर के इस आविष्कार से परिवार वाले भी खुश है। पुष्कर के अंकल का कहना है कि बचपन से ही यह कुछ अलग करते आ रहा है। छोटे में जब से कुछ टॉयज खिलौने देते थे तो उसमें वह कुछ ना कुछ करता था। अभी कुछ समय पहले पुष्कर ने एक इलेक्ट्रिक साइकिल बनाई थी लेकिन अधिक भीड़ होने के कारण वह तेजी से नहीं चलती थी। इसके बाद अब एक मोपेड का इंजन लगाया है, जो कि अच्छे से चल रही है। पुष्कर के अंकल अभिषेक का कहना है कि अभी इंजन और अधिक एवरेज देगा। हमें पुष्कर के अविष्कार पर गर्व है।