JEE Mains : जेईई मेन्स की परीक्षा क्रैक करना हर स्टूडेंट्स का सपना होता है। परीक्षा की तैयारी बेहतर हो सके साथ ही इसमें सिलेक्शन हो सके इसके लिए अभ्यार्थी कोचिंग का सहारा लेते है। हर आकांक्षी की पारिवारिक पृष्ठभूमि मजबूत नहीं होती है, जिसके कारण वे कोचिंग क्लासेस की महंगी फीस के चलते एडमिशन नहीं ले पाते है। इसे देखते हुए रायपुर में स्थित संस्थान गरीब बच्चों को निशुल्क कोचिंग देता है।
बता दें कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानि NTA के JEE Mains 2024 सेशन-2 का रिजल्ट जारी हो चुका है। इस सेशन में देशभर के 56 स्टूडेंट्स ने 100 पर्सेंट स्कोर किया है। छत्तीसगढ़ भी इसमें पीछे नहीं रहा। यहां के 10 हजार से अधिक स्टूडेंट्स परीक्षा में शामिल हुए थे। रायपुर के एक कोचिंग संस्थान RMP, RCC के 70 फीसदी बच्चे इस परीक्षा में पास हो गए।
RMP RCC के बच्चों जबरदस्त स्कोर किया है। यहां के करीब 70 फीसदी बच्चे सफल रहे। इस संस्थान के अमनदीप सिंह और नमन आहूजा ने 98.6 परसेंटाइल स्कोर किया। वहीं वंशिका प्रसाद ने 96.5, संतोष, पिहूं और ट्विंकल ने भी 95 से अधिक पर्सेंटाइल प्राप्त किया है। इन सभी स्टूडेंट्स ने इस साल 12वीं की परीक्षा दी है और रायपुर के RCC एंड RMP कोचिंग क्लासेस में JEE की तैयारी कर रहे थे।
70 फीसदी छात्रों को मिली सफलता
RMP RCC कोचिंग संस्थान के डायरेक्टर रविकांत मौर्य ने बताया इस संस्थान से तैयारी करने वाले लगभग 70% बच्चों का JEE MAINS 2024 के सेशन 2 के लिए चयन हुआ है। हमने यहां बच्चों को तैयारी करने का सही तरीका बताया। बच्चों ने सेल्फ स्टडी पर ज्यादा फोकस किया और कोचिंग संस्थान के टीचर्स की गाइडलाइन का पालन किया। बच्चों ने पढ़ाई के लिए रोजाना समय दिया। प्रैक्टिस पेपर, टेस्ट पेपर के माध्यम से सवालों को हल करने का तरीका जाना। लिहाजा कड़ी मेहनत के बाद बच्चों का शानदार रिजल्ट आया है।
ये संस्थान देती है गरीब बच्चों को निशुल्क कोचिंग
कोचिंग में पढ़ने वाले 50 बच्चों में से 28, बच्चों का सलेक्शन जेईई मेन्स में हुआ है। इनमें छत्तीसगढ़ के अलावा अन्य प्रदेश के भी बच्चे थे जो यहां तैयारी करने पहुंचे थे। बाहर से यहां तैयारी करने वाले बच्चों को हॉस्टल की सुविधा दी जाती है। इसके अलावा लाइब्रेरी की सुविधा से तैयारी करने में आसानी हुई। सुबह 8 बजे से रात 12 बजे तक शिक्षकों बच्चों को मार्गदर्शन देते हैं। ज्यादातर बच्चे 12 वीं कक्षा में पढ़ने वाले हैं जिनका सलेक्शन हुआ है। ये बच्चे सुबह स्कूल जाते थे और शाम के वक्त कोचिंग क्लास में आकर तैयारी करते थे। सेल्फ स्टडी में भी मोनिटरिंग की जाती थी। लिहाजा बच्चों का शानदार परिणाम आया है। यहां गरीब बच्चों को निशुल्क पढ़ाया जाता है।
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