⇓ लोकेश वर्मा, मलकापुर (बैतूल)
जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा 2024 : हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 7 जुलाई को सुबह 4 बजकर 26 मिनट पर शुरू हो रही है। द्वितीया तिथि का समापन 8 जुलाई, 2024 को सुबह 04 बजकर 59 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार 2024 में जगन्नाथ रथ यात्रा की शुरुआत 7 जुलाई से होने वाली है।
भगवान जगन्नाथ जी की रथ यात्रा विश्व भर में प्रसिद्ध है। इस रथ यात्रा में भाग लेने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु यहां पहुचते हैं। इस भव्य यात्रा में लाखों लोगों की भीड़ उमड़ती है। यात्रा ओडिशा के पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर से बड़े धूमधाम और भव्यता के साथ निकाली जाती है। यह मंदिर चार पवित्र धामों में से एक है।
दस दिनों की होती है यात्रा
यह यात्रा कुल 10 दिनों की होती है। इसके बाद आषाढ़ शुक्ल पक्ष के 11वें दिन जगन्नाथ जी की वापसी के साथ इस यात्रा का समापन होता है। इस यात्रा में शामिल होने के लिए देश के कोने-कोने से श्रद्धालु आते हैं। जगन्नाथ मंदिर पर श्रीहरि विष्णु के आठवें अवतार भगवान श्रीकृष्ण के साथ उनके बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की भी पूजा होती है।
जगन्नाथ मंदिर में तीनों की मूर्तियां विराजमान हैं। मान्यता के अनुसार, भगवान जगन्नाथ की बहन सुभद्रा ने उनसे नगर देखने की इच्छा जाहिर की तो वे उन्हें अपने भाई बलभद्र के साथ रथ पर बिठाकर इस प्राचीन नगरी को दिखाने निकल पड़े।
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भाई-बहन संग भगवान जाते हैं (जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा 2024)
धार्मिक मान्यता के अनुसार भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा तीनों अलग-अलग रथ पर सवार होकर मौसी के घर गुंडिचा मंदिर जाते हैं। गुंडिचा मंदिर को भगवान जगन्नाथ की मौसी का घर माना गया है। नगर भ्रमण के बाद एक हफ्ते तक वहीं ठहरते हैं। जहां पर उनका काफी आदर-सत्कार होता है।
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माना जाता है कि गुंडीचा मौसी के घर पर भाई बहन संग भगवान खूब पकवान खाते हैं, जिसके बाद वे बीमार भी पड़ जाते हैं। इसके बाद वो अज्ञातवास में चले जाते हैं। भगवान के स्वस्थ होने के बाद ही भक्तों को दर्शन देते हैं। इसके बाद जगन्नाथ रथ यात्रा वापस आती है।
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रथ यात्रा पर्व का धार्मिक महत्व (जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा 2024)
कथा पुराणों के अनुसार, माना जाता है कि भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा में शामिल होने से साधक को 100 यज्ञों के बराबर पुण्य का फल मिलता है। इसके कारण ही दुनिया भर से लोग अपनी और अपने परिवार की खुशहाली और मनोकामना के लिए इस रथयात्रा में शामिल होने के लिए पहुंचते हैं।
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