
IPS Sukirti Madhav Mishra: UPSC की परीक्षा को लेकर युवाओं के बीच एक अलग ही जुनून देखने को मिलता है। इस परीक्षा में हर साल हजारों अभ्यार्थी शामिल होते है। कड़ी मेहनत के दम पर वह अपने सपने को साकार करके दिखाते है। देश के देश में कई आईपीएस अफसर है लेकिन कुछ ऐसे भी अफसर होते हैं जिनकी पहचान काम की बदौलत देश में ऐसी बन जाती है कि लोग उन्हें बस नाम से जानने लगते हैं।
सुकीर्ति माधव मिश्र भी इन्हीं में से एक है, जो कुछ दिनों से अपनी कविता ‘मैं खाकी हूं…’ इसको लेकर काफी सुर्खियों में आ गए। उत्तर पुलिस में आईपीएस (IPS) सुकीर्ति माधव मिश्रा की पहचान कड़क अधिकारी के रूप में होती है। अपराधी इनका खौफ खाते हैं जिस जिले में इनकी पोस्टिंग होती है, वहां के अपराधी शहर छोड़कर भाग जाते हैं।
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सुकीर्ति माधव मिश्रा का परिचय
आईपीएस सुकीर्ति माधव मिश्रा मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं और उत्तर प्रदेश कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं। इनका जन्म बिहार के जमुई जिला स्थित मलयपुर में हुआ था। ये 2015 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं।
सुकीर्ति माधव मिश्रा का बचपन काफी संघर्षों से भरा रहा है। गांव के सरकारी स्कूल से पढ़ाई करने के बाद सुकीर्ति ने ग्रेजुएशन की पढ़ाई भुवनेश्वर यूनिवर्सिटी से की है। साल 2010 में MNIT दुर्गापुर से MBA की डिग्री हासिल करके वे कोल इंडिया में मैनेजर पद पर नौकरी कर रहे थे।
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2014 में दिया सिविल सर्विसेज का पहला एग्जाम
दो साल की कड़ी तैयारी के बाद सुकीर्ति ने वर्ष 2014 में सिविल सर्विसेज का पहला एग्जाम दिया और पहले ही अटेंप्ट में उनका सेलेक्शन हो गया। लेकिन तब उन्हें आईआरएस कैडर मिला, वे इससे खुश नहीं थे। उन्होंने फिर से तैयारी शूरू कर दी और दूसरे अटेंप्ट में उन्हें आईपीएस कैडर मिल गया।

कविता से इन दिनों सुर्खियों में है आईपीएस
कोरोना की पहली लहर के दौरान भी आईपीएस सुकीर्ति माधव चर्चा में आए थे। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) हैदराबाद के सरदार वल्लभ भाई पटेल नेशनल पुलिस एकेडमी से पासआउट होने वाले युवा आईपीएस अधिकारियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित कर रहे थे।
इस दौरान उन्होंने युवा आईपीएस अधिकारियों से उनके अनुभव के बारे में चर्चा की। इसी बीच एमपी कैडर के युवा आईपीएस अधिकारी आदित्य मिश्रा को पीएम के सामने बोलने का मौका मिला। उन्होंने ‘मैं खाकी हूं…’ कविता लिखकर वर्दी वालों का दर्द बयां किया था। ये कविता सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और सुर्कीति भी सुर्खियों में आ गए थे।
दिन हूं, रात हूं,
सांझ वाली बाती हूं,
मैं खाकी हूं।
आंधी में, तूफान में,
होली में, रमजान में,
देश के सम्मान में,
अडिग कर्तव्यों की,
अविचल परिपाटी हूं,
मैं खाकी हूं….
सुकीर्ति माधव मिश्रा की यह कविता अब लोगों के जुंबा पर छाई हुई है। सोशल मीडिया फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर इसे लाखों लोग देख और सुन चुके हैं। आईपीएस अधिकारी सुकीर्ति मिश्रा को कभी उम्मीद नहीं थी कि उनकी कविता इतनी ज्यादा पसंद की जाएगी।
कलम के धनी आईपीएस सुकीर्ति माधव मिश्रा के काम के कारण अपराधी इनसे खौफ खाते थे। जब ये यूपी के शामली जिला में एसपी थे तब 30 दिनों के अंदर 22 गैंगस्टर ने थाने पहुंचकर सरेंडर कर दिया था। इन अपराधियों ने पुलिस के सामने ही अपराध से दूर रहने की कसम भी खाई थी।
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