IPS Success Story : देश सेवा का अनोखा जज़्बा, 15 बार असफल होकर भी नहीं मानी हार, फिर ऐसे बन गए IPS Officer

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IPS Success Story: देश सेवा का अनोखा जज़्बा, 15 बार असफल होकर भी नहीं मानी हार, फिर ऐसे बन गए IPS OfficerIPS Success Story : सफलता हासिल करने से पहले हमें कई बार असफलताओं का सामना करना पड़ता है। किसी भी काम में नाकाम होने के बाद कई लोग निराश हो जाते हैं। लेकिन वहीं, कई लोग अपनी असफलताओं से सीख कर कामयाबी की राह बनाते हैं। इन्‍हीं में से एक अल्ताफ शेख भी है। घर के नाजुक हालात होने के बावजूद मेहनत और लगन से अपने माता-पिता के IPS बनने के सपने को साकार किया है। आइए जानते हैं कामयाबी के बारे में….

देश सेवा का अनोखा जज़्बा, 15 बार असफल होकर भी नहीं मानी हार, फिर ऐसे बन गए IPS Officerअल्ताफ शेख का जीवन परिचय

महाराष्ट्र के बारामती तालुका के काटेवाडी के रहने वाले अल्ताफ शेख भले ही आईपीएस बनने में कामयाब हो गए हों, लेकिन स्कूल के दिनों में वह अपने पिता की दुकान पर काम करते थे। यहां वह पिता की मदद के लिए वह चाय-पकौड़ा बेचा करते थे। इस्लामपुर के नवोदय विद्यालय से स्कूली पढ़ाई करने के बाद उन्होंने फूड टेक्नोलॉजी में बी.टेक करने का फैसला किया था, लेकिन परिवार के सामने आर्थिक संकट था। आखिरकार उन्हें बी.टेक में एडमिशन मिल गया और उन्होंने फीस का इंतजाम भी कर लिया।

अल्ताफ शेख का यूपीएससी का सफर (IPS Success Story)

बीटेक से पढ़ाई पूरी की और फिर UPSC की तैयारी में जुट गए। यूपीएससी के प्रीलिम्स एग्जाम में 4 बार और एक बार इंटरव्यू में असफल हुए। इसके अलावा चार बार यूपीएससी असिस्टेंट कमांडेंट का इंटरव्यू दिया। जिसमें से तीन बार फेल हुए। उन्होंने महाराष्ट्र पीसीएस मेन्स 6 बार और एक बार यूपी पीसीएस मेन्स भी दिया।

जल्द ही उनकी मेहनत रंग लाई और वो साल 2015 में UPSC की परीक्षा पास करने में सफल रहे, लेकिन वो अपनी रैंक से खुश नहीं थे। वो एक बार फिर से प्रयास करना चाहते थे। हालांकि, परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए उन्होंने नौकरी ज्वॉइन कर ली। मौजूदा समय में अल्ताफ इंटेलिजेंस ऑफिसर के तौर पर तैनात हैं। इस सब के बीच अल्ताफ ने अपने सपने को मरने नहीं दिया। वे लगातार तैयारी करते रहे। इसी क्रम में इस बार उन्हें 545वीं रैंक मिली है और इस तरह उनका सपना साकार हो गया है।

IPS Success Story: देश सेवा का अनोखा जज़्बा, 15 बार असफल होकर भी नहीं मानी हार, फिर ऐसे बन गए IPS Officerअल्ताफ शेख का संदेश

अल्ताफ शेख का संदेश है कि हार कभी नहीं माननी चाहिए। अगर हम मेहनत करते हैं और कभी हार नहीं मानते हैं, तो हम किसी भी लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। अल्ताफ शेख की कहानी उन सभी लोगों के लिए एक प्रेरणा है जो सरकारी नौकरी पाने का सपना देखते हैं। यह बताती है कि हार कभी नहीं माननी चाहिए और अगर हम मेहनत करते हैं तो हम अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।

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