IPS Success Story: 4 बार असफल होने के बावजूद नहीं मानी हार, फिर इस तरह 137वीं रैंक हासिल कर की UPSC क्लियर

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IPS Success Story: 4 बार असफल होने के बावजूद नहीं मानी हार, फिर इस तरह 137वीं रैंक हासिल कर बने UPSC टॉपरIPS Success Story: यूपीएससी परीक्षा पास करने वाले कैंडिडेट्स की चर्चा होती है तो हमारे सामने कई तरह के यूपीएससी एग्‍जाम पास कर चुके टॉपर आते हैं। इनमें कोई पहले ही प्रयास में एग्जाम क्रैक कर लेता है तो कोई कई बार एग्‍जाम देने के बाद भी बार-बार असफल हो जाते हैं। हालांकि प्रयास पहला हो या आखिरी, मेहनत करना व्‍यक्ति ने कभी नहीं छोड़ना चाहिए क्‍योंकि पास कैंडिडेट्स का अनुभव यही कहता है कि जिन सालों में वे तैयारी करते हैं, वे उनकी जिंदगी बदलने वाले साबित होते हैं।

कुछ ऐसा ही मानना है बिहार के गौहर हसन का। गौहर को इस परीक्षा में सफलता हासिल करने में पांच प्रयास और करीब सात साल लग गए। लेकिन, उन्हें अपने इन वर्षों के जाने का कोई दु:ख नहीं है। अपनी गलतियों से सीखके वे आगे बढ़े और बार-बार असफल होने के बाद भी पीछे नहीं हटे, जब तक मंजिल नहीं मिल गई। दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में गौहर ने अपने पांच प्रयासों के अनुभव को बताया।

4 बार मिली असफलता

गौहर का यूपीएससी सफर आसान नहीं था। उन्‍होंने अपनी तरफ से हर मुमकिन कोशिश करने के बावजूद वे बार-बार इस परीक्षा में असफल हुए। अगर उनके असफलता के सफर के बारे में बताना हो तो वह कुछ ऐसा रहा। पहले प्रयास में गौहर का प्री में भी नहीं हुआ लेकिन इसके बाद के चारों अटेम्प्ट्स में वे प्री परीक्षा पास कर गए। अगले दो प्रयासों में वे मेन्स पास नहीं कर पाए।

चौथे प्रयास में इंटरव्यू राउंड तक पहुंचे लेकिन सूची में नाम नहीं आया। हालांकि गौहर ने बार-बार मिल रही असफलताओं से हिम्मत नहीं हारी और अंततः पांचवें प्रयास में 137वीं रैंक के साथ सेलेक्ट हुए और आईपीएस पद से नवाजे गए। गौहर की यह जर्नी काफी लंबी रही और उन्होंने इस दौरान बहुत कुछ सीखा।

मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न और टेस्ट सीरीज पर करें फोकस

अंत में गौहर यही कहते हैं कि प्री-परीक्षा के लिए जहां खूब मॉक टेस्ट देना फायदेमंद रहता है वहीं मेन्स की तैयारी के लिए आंसर राइटिंग बहुत जरूरी मानी जाती है। इसलिए प्री परीक्षा के टेस्ट दें और अपनी गलतियों को समय रहते पकड़ें और दूर करें। इसी प्रकार जब तैयारी एक लेवल पर पहुंच जाए तो आंसर लिखना शुरू करें। ये आंसर ही आपको अंच्छे नंबर दिलाएंगे।

दरअसल परीक्षा के लिए पढ़ाई तो हर कोई करता है पर उस पढ़े हुए को लिख पाना हर किसी के वश की बात नहीं होती। इसलिए जब‍ भी पढ़े, आंसर लिखें और उन्हें अपने टीचर्स से चेक भी कराएं। ताकि गलतियां समय रहते पकड़ी जा सकें। दोस्तों से उत्तरों की चर्चा करें और उनमें क्वालिटी एडिशन करें। सही सोर्सेस के साथ, कड़ी मेहनत और प्रॉपर स्ट्रेटजी के दम पर आप भी इस परीक्षा में सफलता हासिल कर सकते हैं।

5वीं बार में हुए सफल

चार असफलताओं से उन्‍होंने जिंदगी में बहुत कुछ सीख लिया था। चौथे प्रयास में उन्‍होंने इंटरव्‍यू दिया, परंतु फाइनल लिस्‍ट में उनका नाम नहीं आ पता। इसके बाद उन्‍होंने फिर से तैयारी करने का फैसला किया और पांचवें प्रयास में वे 137वीं रैंक हासिल करके आईपीएस अधिकारी बन गए।

यूपीएससी की परीक्षा की हर वर्ष लाखों युवा देते और अपने-अपने सपनों के साथ बैठते हैं, परंतु इस परीक्षा में सफलता केवल गिने चुने लोगों को ही प्राप्‍त होती है। हम कह सकते हैं इस परीक्षा में सफलता उन्‍हीं को प्राप्‍त होती है, जिनकी तैयारी और ढृढ़ निश्‍चय मजबूत होता है।

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