IPS Success Story: यूपीएससी के लिए छोड़ दी 6 सरकारी नौकरी, डॉ.अब्दुल कलाम से प्रेरित तृप्ति बनीं IPS Officer
IPS Success Story: सफलता और खुशियों की श्रेष्ठता बड़ी कंपनी या सरकारी नौकरी (Government Job) नहीं होती है बल्कि वह काम है जिसे करने में आपको खुशी मिलती है। ये पंक्तियां चरितार्थ होती हैं उत्तराखंड के अल्मोड़ा की बेटी तृप्ति भट्ट पर। जिन्होंने यूपीएससी (UPSC) के लिए ISRO सहित 6 सरकारी नौकरियों (Government Job) को नकार दिया है। कहा जाए तो यूपीएससी की परीक्षा देश की सबसे कठीन परिक्षाओं में से एक है। इसे पास करने का सपना तो हर कोई देखता है लेकिन इसे पास केवल चुनिंदा लोग ही कर पाते हैं। क्योकि इसे पास करने के लिए दिन रात मेहनत करनी पड़ती है, तब जाकर कहीं सफलता प्राप्त होती है।
इसके साथ ही लगभग हर विषय का ज्ञान होना भी जरूरी है। अगर कोई यूपीएससी परीक्षा (UPSC exam) को पास कर लेता है तो आसपास के इलाके में उसके चर्चे शुरू हो जाते हैं। साथ ही बता दें इनमें सफल होने वाले उम्मीदवारों को उनकी रैंक और वरीयता के आधार पर IAS, IPS, IFS आदि पद अलॉट किए जाते हैं।
आईपीएस ऑफिसर तृप्ति भट्ट उत्तराखंड के अल्मोड़ा की रहने वाली हैं। उनका जन्म एक शिक्षक के परिवार में हुआ था और वह चार भाई-बहनों में सबसे बड़ी हैं। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा बेर्शेबा स्कूल से पूरी की है। हालांकि, यह उन्होंने कक्षा 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के लिए केंद्रीय विद्यालय में एडमिशन ले लिया गया था। कक्षा 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने पंतनगर विश्वविद्यालय से बीटेक में ग्रेजुएशन की डिग्री भी हासिल कर ली थी।
आपको बता दें कि आईपीएस तृप्ति भट्ट ने पंतनगर यूनिवर्सिटी से मैकेनिकल मे इंजीनियरिंग में बीटेक भी किया है। जहा तृप्ति ने ISRO सहित 6 सरकारी नौकरियों की परीक्षाएं भी पास की है और कई प्रतिष्ठित और निजी संस्थानों से जॉब ऑफर भी प्राप्त किए हैं। हालांकि, तृप्ति ने इन सभी सभी ऑफर और नौकरियों को छोड़कर यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा देने का फैसला किया था, क्योंकि वो अपने IPS ऑफिसर बनने के सपने को पूरा करना चाह रही थीं।
यूपीएससी के लिए छोड़ दी 6 सरकारी नौकरी, डॉ.अब्दुल कलाम से प्रेरित तृप्ति बनीं IPS Officer
एपीजे अब्दुल कलाम से हुईं प्ररित (IPS Success Story)
आईपीएस तृप्ति भट्ट भारत के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम से काफी ज्यादा प्रेरित हैं। कक्षा नौवीं में पढ़ने के दौरान उनकी मुलाकात डॉ. अब्दुल कलाम से हुई थी। डॉ. कलाम ने उन्हें अपने हाथों से लिखकर एक पत्र भेंट किया था, जिसे पढ़कर तृप्ति काफी ज्यादा प्रेरित हुई थीं। पत्र से प्रेरणा पाकर तृप्ति ने अपने सपनों को पूरा करने के लिए यूपीएससी की तैयारी में जुट गई।
यूपीएससी के लिए छोड़ दी 6 सरकारी नौकरी, डॉ.अब्दुल कलाम से प्रेरित तृप्ति बनीं IPS Officer
पहले प्रयास में पास की यूपीएससी
आईपीएस अफसर बनना तृप्ति का सपना था। अपने इस सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने दिन-रात मेहनत की। अपने पहले ही प्रयास में तृप्ति ने 165वीं रैंक हासिल कर आईपीएस अफसर बनीं। आईपीएस तृप्ति भट्ट राष्ट्रीय स्तर की मैराथन (16 किमी और 14 किमी) और बैडमिंटन में गोल्ड मेडलिस्ट रह चुकी हैं। इसके अलावा वह ताइक्वांडो और कराटे में भी नंबर 1 हैं।