अंकित सूर्यवंशी, आमला
क्रिकेट का महासंग्राम आइपीएल 2022 फिर एक बार शुरू हो चुका है। क्रिकेट प्रेमियों के द्वारा इस महासंग्राम का आनंद तो लिया जा रहा है इसके साथ ही सटोरियों की भी चांदी हो गई है। 26 मार्च से आईपीएल का मैच शुरू हो गया है। मैच शुरू होते ही सट्टे का कारोबार भी तेजी से फैल गया है। शहर की गलियों में सट्टे लगाने व खेलने का काम बड़े पैमाने पर हो रहा है। जीत-हार के अलावा सर्किल का भी सट्टा खेला जा रहा है।
बताया जाता है कि छह ओवर का एक सर्किल (सेशन) माना जाता है। जिसमें कितने रन व कितने विकेट गिरेंगे, उस पर भी सट्टा लगता है। मैच शुरू होने के पहले से ही सट्टा का भाव बढ़ने व गिरने लगता है। चर्चा है कि सट्टा खेलने वाले लोग अपने मोबाइल में एक ऐप डाउनलोड किए हुए हैं। जो हर गेंद पर मैच में लगने वाले सट्टे के रेट को बताता रहता है।
बताया यह भी जाता है कि विकेट गिरने पर भाव कम हो जाता है और चौका-छक्का पड़ते ही भाव बढ़ जाता है। लेकिन पुलिस इन तक पहुंच नहीं पाई है। शहर सहित ग्रामीण क्षेत्र में आईपीएल क्रिकेट मैच में रोज लाखों रुपये का सट्टा लग रहा है। इसमें मैच खेलने वाली टीम का टास जीतने पर सट्टा, इसके बाद छक्के, चौके, हाफ सेंचुरी, सेंचुरी और टीम की जीत पर सट्टा लग रहा है।
यह सट्टा सौ रुपये से 50 हजार के बीच हर मैच पर लग रहा है। इसमें बिचौलिये रोज लाखों रुपये कमा रहे हैं। कई युवाओं को सट्टे की लत लगने पर अभिभावक भी परेशान हैं। बताया जाता है कि शहर के पीरमंजिल , बोड़खी क्षेत्र में लोगों को सरेआम सट्टा लगाते देखा जा सकता है। पुलिस भी मूकदर्शक बनी बैठी है। लोगों का कहना है कि जब से आईपीएल शुरू हुआ है तभी से शहर में मैचों पर लाखों रुपयों का सट्टा लग रहा है।
एंड्रॉयड मोबाइल नवयुवकों के लिए बन रहा अभिशाप
आजकल ज्यादा स्कूली बच्चों के हाथों में एंड्रायड मोबाइल फोन देखा जा सकता है और ऑनलाइन पेमेंट सिस्टम जैसे फोन पे, paytm, गूगल पे ऐसे तमाम एप्प के अलावा आईपीएल सट्टा एप्प भी इन युवाओं के मोबाइल पर देखा जा सकता है और ऑनलाइन सट्टा के माध्यम से युवावर्ग लगातार से अपने कैरियर तबाह कर रहे हैं।
पुलिस ने अब तक नहीं की कोई कार्यवाही
आईपीएल मैच को लेकर पूरे ब्लाक में जहाँ सट्टा का बाजार गर्म है वहीं शहर का पुलिस विभाग इन सटोरियों के खिलाफ कार्यवाही करने में अब तक विफल नजर आया है।
गोपनीय सूचना शाखा भी है इससे बेखबर
पुलिस विभाग का अपनी गोपनीय शाखा भी होती है। जिस के पास जिले की तमाम आपराधिक गतिविधियों की जानकारी होती है। लेकिन आईपीएल जैसे खेल के हाई प्रोफाइल सट्टा किंग तक पुलिस अब तक पहुंच नहीं पाई। तो क्या ये माना जाए ब्लॉक में सट्टा का कारोबार पूरी तरह बंद है और क्या यह संभव है….?
शायद हर किसी का जवाब भी नहीं ही मिलेगा। लेकिन इन सब के बावजूद शहर सहित अन्य ग्रामीण इलाकों में सक्रिय आईपीएल सट्टा खेलने खिलाने वाले खाईवालों तक पुलिस क्यो पहुंच नहीं पाई? बहरहाल देखना होगा पुलिस आईपीएल सटोरियों पर शिकंजा कसने आगे किस तरह की रणनीति अपनाती है।
अभी तक ऐसी कोई जानकारी नहीं है। अगर ऐसा कुछ पता चलता है तो सख्त कार्यवाही की जाएगी।
बसन्त आहके
एसआई, थाना आमला