Indian Pangolin Found : पारड़सिंगा में मिला दुर्लभ वन्य प्राणी इंडियन पैंगोलिन; इधर बैतूल में घर में निकला कोबरा, किया रेस्क्यू

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Indian Pangolin Found : पारड़सिंगा में मिला दुर्लभ वन्य प्राणी इंडियन पैंगोलिन मिला, इधर बैतूल में घर में निकला कोबरा, किया रेस्क्यू

▪️ राकेश अग्रवाल, मुलताई

बैतूल जिले के मुलताई क्षेत्र के ग्राम पारड़सिंगा में दुर्लभ प्रजाति का स्तनधारी वन्य जीव पैंगोलिन मिला है। दिखने में छोटे डायनासोर जैसा लगने वाला यह प्राणी विचित्र दिखाई देता है और किसी भी संकट का आभास होने पर अपने आप को बॉल (गेंद के आकार) में तब्दील कर लेता है और गोल आकार लेने पर इस का खोल इतना कठोर और मजबूत होता है कि इसे कोई भी शक्तिशाली जानवर नुकसान नहीं पहुंचा सकता। उधर बैतूल में भी एक मकान में एक जहरीला कोबरा सांप निकला। इसकी सूचना पर सर्प मित्र विशाल विश्वकर्मा ने रेस्क्यू किया।

ग्राम पारड़सिंगा के ग्रामीणो ने सर्पमित्र एवं शिक्षक मोनू तायवाड़े को विचित्र जीव होने की सूचना दी थी। मोनू तायवाड़े ने ग्राम में पहुंचकर तरुण भिकोड़े के मकान से पैंगोलिन को पकड़ा और जानकारी वन विभाग के अधिकारियों को दी और उसे पकड़कर वन विभाग के हवाले कर दिया।

वन परिक्षेत्र अधिकारी नितिन पवार ने बताया कि दक्षिण वन मंडल के मुलताई क्षेत्र के ग्राम पारडसिंगा के खेत से लगे मकान में मिले पैंगोलिन का स्वास्थ्य परीक्षण कराकर वनकर्मियों की मदद से पैंगोलिन को क्षेत्र से लगे जंगल में छोड़ दिया गया है। पैंगोलिन प्रजाति वन्यजीव अधिनियम 1972 की अंकसूची 1 में शामिल है। पर्यावरण की दृष्टि से इसकी महत्ता बहुत अधिक है।

Indian Pangolin Found : पारड़सिंगा में मिला दुर्लभ वन्य प्राणी इंडियन पैंगोलिन मिला, इधर बैतूल में घर में निकला कोबरा, किया रेस्क्यू

प्रतिवर्ष 70 से 80 मिलियन चींटी, दीमक, किट, पतंगों को खाता है

पैंगोलिन को पकड़ने वाले मोनू तायवाड़े बताते हैं कि यह पर्यावरण संतुलन बनाने के लिए बहुत अच्छा कार्य करता है। यह प्रतिवर्ष 70 से 80 मिलियन चींटी, किट और दीमक को खाता है। इसका आवरण बहुत सख्त होता है जो जीव की सुरक्षा मे उपयोग होता है। इससे बुलेट प्रूफ बनाने के भी काम में आता है।

Indian Pangolin Found : पारड़सिंगा में मिला दुर्लभ वन्य प्राणी इंडियन पैंगोलिन मिला, इधर बैतूल में घर में निकला कोबरा, किया रेस्क्यू

इससे पहले भी मिले हैं दो बार इंडियन पैंगोलिन

मुलताई क्षेत्र में इससे पहले भी दो बार इंडियन पैंगोलिन मिले है। इसका अभिप्राय है क्षेत्र में इनके और संख्या होने की संभावनाएं हैं। जिसे देखते हुए तेजी से लुप्त हो रहे इस जीव की सुरक्षा के लिए ठोस उपाय किए जाने चाहिए। महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में इस स्तनधारी दुर्लभ वन्य जीव के संरक्षण के लिए एक अध्ययन समूह का गठन किया है।

बैतूल में लगातार निकल रहे जहरीले सांप

बारिश के मौसम के चलते जिले में लगातार जहरीले सांप निकल रहे हैं। बैतूल शहर भी इससे अछूता नहीं है। यहां भी लगातार जहरीले सांप घरों और अन्य स्थानों पर निकल रहे हैं। शनिवार शाम 6 बजे के लगभग भी ग्रीन सिटी फिल्टर प्लांट के सामने रहने वाले निवासी बाला पाठक के गोडाउन में एक कोबरा सांप निकला।

इसे देख कर परिजनों में हड़कंप मच गया। परिजनों ने सर्पमित्र विशाल विश्वकर्मा को इसकी सूचना दी। इस पर उन्होंने मौके पर पहुंच कर रेस्क्यू किया। इसके बाद परिजनों ने राहत महसूस की। नीचे देखें कोबरा सांप के रेस्क्यू का वीडियो…

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