▪️ पंडित मधुसूदन जोशी
Indian Culture Birthday : आजकल प्रायः देखने में आता है कि लोग आधुनिकता और पश्चिमी सभ्यता में बेहद गहराई तक खो गए हैं। उन्हें यह पता ही नहीं कि क्या ग़लत है और क्या सही। पश्चिमी सभ्यता के प्रभाव में हम अपनी संस्कृति, सभ्यता एवं मनोबल को इतना अधिक गिरा चुके हैं कि उन्हें उठने में न जाने कितने युग बीत जाएं, कहा नहीं जा सकता।
हम सभी जन्मदिन बड़े ख़ुशी से मानते हैं। और मनाना भी चाहिए। लेकिन, मोमबत्ती जलाकर उसे फूंक मार कर बुझा देते हैं। केक को काट कर खिलाते हैं। उस रात्रि में जागरण के बदले प्रायः लोग मौज-मस्ती के साथ शराब और तामसिक भोजन करते हैं। ये कहाँ का नियम है? यह भारतीय संस्कृति के अनुरूप बिलकुल नहीं है। इसलिए बेहतर होगा कि हम सभीभारतीय पद्धति से जन्मदिन मनाएं और अपने प्रियजनों को दीर्घायु बनाएं।
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शास्त्रों में कहा है वर्धापन संस्कार (Indian Culture Birthday)
शास्त्रों में जन्मदिन मनाए जाने को वर्धापन संस्कार कहा गया है। जन्म तिथि पर वर्धापन संस्कार सभी लोग संपन्न नहीं कर पाते हैं। ऐसे में हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ आसान काम, जिन्हें करके आप भी लंबी उम्र व स्वस्थ शरीर पा सकते हैं।
जन्मदिन की इन कार्यों से करें शुरुआत (Indian Culture Birthday)
जन्मदिन के दिन सुबह जल्दी जागना चाहिए। सुबह 4 से 6 के बीच ब्रह्म मुहूर्त होता है। इस समय में जागने से उम्र बढ़ती है। मन में गणेशजी का गुरुदेव का ध्यान करें व आंखें खोलें। तिल के उबटन से नहाएं। प्रथम पूजनीय देवता भगवान गणेशजी का गंध, पुष्प, अक्षत, धूप, दीप से पूजन करें। लड्डू और दूर्वा समर्पित करें।
दीपक या मोमबत्ती बिलकुल न बुझाएं (Indian Culture Birthday)
जन्मदिन के दिन दीपक व मोमबत्ती को नहीं बुझाना चाहिए। हिंदू मान्यता है कि शुभ कार्यों के लिए जलाए दीपक को बुझाने वाला व्यक्ति नरक भोगता है। जन्मदिन के दिन जितने साल की उम्र हो उतने ही दीपक किसी मंदिर में दान करना चाहिए।
जन्म नक्षत्र का करें पूजन (Indian Culture Birthday)
इस दिन जन्म नक्षत्र का पूजन किया जाता है। जन्मदिन पर अष्टचिरंजीवी महापुरुषों का पूजन व स्मरण करना चाहिए।
अष्टचिरंजीवी- अश्वथामा, दैत्यराज बलि, वेद व्यास, हनुमान, विभीषण, कृपाचार्य, परशुराम और मार्कण्डेय ऋषि ये आठ चिरंजीवी महापुरुष हैं जिन्हें अमरत्व प्राप्त है। अष्टचिरंजीवी को प्रणाम करें। जितनी बार हो सके ये मंत्र बोलें।
मंत्र इस प्रकार हैं…
अश्वत्थामा बलिव्र्यासो हनूमांश्च विभीषणः।
कृपः परशुरामश्च सप्तएतै चिरजीविनः।।
सप्तैतान् संस्मरेन्नित्यं मार्कण्डेयमथाष्टमम्।
जीवेद्वर्षशतं सोपि सर्वव्याधिविवर्जित।।
अर्थात् अश्वथामा, दैत्यराज बलि, वेद व्यास, हनुमान, विभीषण, कृपाचार्य, परशुराम और मार्कण्डेय ऋषि को प्रणाम है। इन नामों के स्मरण रोज सुबह करने से सारी बीमारियां समाप्त दूर होती हैं और मनुष्य 100 वर्ष की उम्र को प्राप्त करता है।
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कुलदेवता का पूजन भी जरूरी (Indian Culture Birthday)
ॐकुलदेवताभ्यौ नमः मंत्र से कुलदेवता का पूजन करें। मार्कण्डेय से दीर्घायु की प्रार्थना करें। तिल और गुड़ के लड्डू, दूध अर्पित करें। खुद भी तिल-गुड़ के लड्डू और दूध का सेवन करें। इस दिन नेल कटिंग या शेविंग नहीं करना चाहिए।
माता-पिता का अशीर्वाद लें। सभी आदरणीय लोगों और अपने गुरुजनों का आशीर्वाद लें। बच्चों को उपहार में सिक्का व रूपया दें। ब्राह्मण भोजन करवाएं। इस दिन जन्मपत्रिका में एक मोली यानी कि लाल रंग का धागा बांधे और हर साल एक-एक गांठ बांधते जाएं।
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