IMD Alert : मौसम के बदले मिजाज अभी तक दुरुस्त नहीं हो सके हैं। इससे आम लोग तो परेशान हैं ही, किसान सबसे ज्यादा परेशान हैं। यह बदला मौसम उनकी मेहनत से तैयार फसलों को बर्बाद कर रहा है। कहीं बारिश से लगभग पक चुकी फसल खराब हो रही है तो कहीं ओलों के कारण फसल पूरी तरह तबाह हो रही है। यही कारण है कि हर कोई मौसम के जल्द पूरी तरह खुलने और सामान्य होने का इंतजार कर रहे हैं। फसल जितनी ज्यादा खराब होगी, उसका खामियाजा किसानों के साथ ही आम लोगों को भी भुगतना पड़ेगा। वजह यह है कि इससे सीधे तौर पर महंगाई बढ़ेगी।
हालांकि इन सबसे हटकर हाल फिलहाल मौसम खुलने के कोई आसार नहीं दिख रहे हैं। मौसम विभाग ने एक बार फिर अगले 24 घंटों में आधा दर्जन जिलों में बारिश होने और बिजली गिरने की चेतावनी दी है। मौसम केंद्र भोपाल द्वारा 10 मार्च को जारी बुलेटिन में कहा गया है कि मध्यप्रदेश के उमरिया, अनूपपुर, सीधी, शहडोल, सिंगरौली एवं बालाघाट जिलों में कहीं-कहीं बारिश हो सकती है या गरज चमक के साथ बौछारें पड़ सकती है। इसके अलावा इन्हीं आधा दर्जन जिलों के लिए यह चेतावनी भी जारी की गई है कि इन जिलों में गरज के साथ बिजली चमकने/गिरने की संभावना भी है। शेष जिलों में मौसम शुष्क रहेगा।
इन जिलों में हो चुकी है बारिश
उल्लेखनीय है कि पिछले 24 घंटों के दौरान प्रदेश के रीवा, सागर, ग्वालियर, चंबल, जबलपुर एवं शहडोल संभागों के जिलों में कहीं-कहीं वर्षा दर्ज की गई तथा शेष सम्भागों के जिलों में मौसम शुष्क रहा। प्रदेश के नईगढी, ब्यौहारी, सतना में 1 सेमी बारिश दर्ज की गई है।
तापमान की यह रही स्थिति
मौसम में आए परिवर्तन से तापमान पर भी असर पड़ रहा है। अधिकतम तापमानों में सभी सम्भागों के जिलो में विशेष परिवर्तन नहीं हुआ। भोपाल, ग्वालियर संभागों के जिलों में तापमान सामान्य से कम तथा शेष संभागों के जिलों में सामान्य रहा। प्रदेश का सर्वाधिक अधिकतम तापमान 35.5°C खंडवा में दर्ज किया।
इसी तरह न्यूनतम तापमान शहडोल संभाग के जिलों में काफी गिरे तथा शेष सम्भागों के जिलो में विशेष परिवर्तन नहीं हुआ। भोपाल, शहडोल संभागों के जिलों में सामान्य से कम तथा शेष संभागों के जिलों में सामान्य तापमान रहा। प्रदेश में सबसे कम न्यूनतम तापमान 11.6°C रीवा में दर्ज किया। हालांकि 12 एवं 13 मार्च को तापमान में क्रमिक बढ़ोतरी की संभावना है।
ओलावृष्टि से हुए नुकसान का एक सप्ताह में करें सर्वे : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि ओलावृष्टि से नुकसान का सर्वे 7 दिन में पूरा करें और 10 दिन के भीतर राहत राशि बाँटना शुरू की जाए। फसल क्षति सर्वे का कार्य पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता से किया जाये। फसल बीमा योजना का लाभ दिलाने की पूरी कार्यवाही गंभीरता से हो। खरीफ फसलों के लिए खाद का अग्रिम भंडारण करें। किसानों को समर्थन मूल्य पर गेहूँ विक्रय में असुविधा नहीं होना चाहिए। साथ ही भुगतान समय पर सुनिश्चित हो। ग्रीष्मकाल में पेयजल की व्यवस्था बेहतर एवं सुचारू बनी रहे। प्रतिदिन जल प्रदाय हो, जहाँ पेयजल परिवहन की व्यवस्था करना है, उसकी भी तैयारी अग्रिम रूप से कर लें। मुख्यमंत्री श्री चौहान गुरुवार देर रात निवास कार्यालय में विकास यात्रा के फीडबैक संबंधी बैठक को वर्चुअली संबोधित कर रहे थे। इसमें मंत्री, विधायक, जन-प्रतिनिधि और जिलों के प्रशासनिक अधिकारी वर्चुअली जुड़े।