IAS Success Story: नक्सली हमले के बाद बदली नम्रता की जिंदगी, पहले फेल फिर आईपीएस और तीसरे प्रयास में आईएएस बन गई

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IAS Success Story: नक्सली हमले के बाद बदली नम्रता की जिंदगी, पहले फेल फिर आईपीएस और तीसरे प्रयास में आईएएस बन गई
Source: Credit – Social Media

IAS Success Story (Namrata Jain): नम्रता जैन एक IAS अधिकारी हैं, जिन्होंने UPSC CSE 2018 परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 12 (AIR) हासिल की थी। नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा से यूपीएससी को पास करने और आईएएस में जगह हासिल करने तक नम्रता का सफर प्रेरणादायक रहा है। उन्होंने यूपीएससी सीएसई प्रीलिम्स से 30 दिन पहले अपनी तैयारी की स्ट्रेटजी की थी।

बचपन में जब बस्तर के गीदम थाने के चारों ओर नक्सलियों को अंधाधुंध गोलियां चलाते देखा तो नम्रता के मन में एक सवाल उठा क्या नक्सली अपनी विचारधारा को नहीं छोड़ सकते? उस सवाल का जवाब उन्हें छ यूं मिला कि अगर लोगों की सोच को बदलना है तो समाज में बदलाव करना होगा और समाज में बदलाव करने के लिए प्रशासनिक शक्तियों का होना जरूरी है। बस फिर क्या था नम्रता के मन में IAS Officer बनने का जुनून सवार हो गया और उसने अपने इस सपने को पूरा करने खूब मेहनत की।

नम्रता जैन की शिक्षा

आईएएस नम्रता जैन ने अपनी शुरुआती पढ़ाई दंतेवाड़ा के कारली में स्थित निर्मल निकेतन स्कूल से की है। 10वीं की बोर्ड परीक्षा पास करने के बाद उनके लिए थोड़ी परेशानी आ गई थी क्योंकि उनके घरवालों ने पढ़ाई के लिए उन्हें कहीं दूर भेजने से मना कर दिया था। हालांकि उनकी मां ने परिजनों को मनाया और उनका एडमिशन केपीएस भिलाई स्कूल में करवा दिया गया। 12वीं की परीक्षा वहीं से देने के बाद उन्होंने भिलाई इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से बीटेक किया था।

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पढ़ाई पर लगी थी पाबंदी, मगर मां से मिली प्रेरणा

नम्रता जैन की प्रारंभिक शिक्षा निर्मल निकेतन स्कूल से हुई थी। मगर, उनके लिए अपनी प्रारंभिक शिक्षा भी पूरी कर पाना बेहद मुश्किल था। जब उन्होंने दसवीं कक्षा पास कर ली थी तब उनके घर वालों ने पढ़ाई के लिए बाहर जाने पर पाबंदी लगा दिया था। लेकिन, नम्रता की मां ने बहादुरी दिखाते हुए और घरवालों के विपरीत जाते हुए नम्रता की पढ़ाई पर जोर दिया। 5 साल भिलाई और 3 साल दिल्ली में रहकर नम्रता ने अपनी बाकी की पढ़ाई पूरी की थी।

पढ़ाई के लिए घर से किया 400 किमी तक का सफर

नम्रता के परिवार ने एक साक्षात्कार में बताया कि नम्रता शुरू से ही पढ़ाई को लेकर गंभीर थी। उन्होंने अपने घर से पहले दुर्ग और फिर भिलाई तक का सफर किया। इसके बाद वह यूपीएससी के माध्यम से मध्यप्रदेश पहुंची। यही वजह रही कि उन्होंने कभी भी घर से दूर जाने को लेकर कभी समस्या नहीं समझा। यही वजह है कि आज वह आईएएस अधिकारी बन गई हैं।

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पूरा हुआ सपना

आईपीएस अधिकारी बनने के बाद भी नम्रता जैन के बाद भी वे रुकी नहीं। उनके भीतर IAS बनने का सपना पल रहा था। इसका नतीजा यह हुआ कि वे हैदराबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल नेशनल पुलिस अकेडमी में ट्रेनिंग करने साथ यूपीएससी की तैयारी में भी जुट रहीं। इसके बाद उन्होंने अपनी कमियों पर काम करते हुए साल 2018 में तीसरी बार यूपीएससी का एग्जाम दिया और इस बार उनका सपना पूरा हो चुका था। उन्होंने परीक्षा 12वीं रैंक हासिल की थी।

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