IAS Success Story: नक्सलवाद इलाके की लड़की बनीं IAS, पहले प्रयास में हो गई थी फेल, फिर इस तरह पाई देश में 12वीं रैंक

IAS Success Story: नक्सलवाद इलाके की लड़की बनीं IAS, पहले प्रयास में हो गई थी फेल, फिर इस तरह पाई देश में 12वीं रैंक
IAS Success Story: नक्सलवाद इलाके की लड़की बनीं IAS, पहले प्रयास में हो गई थी फेल, फिर इस तरह पाई देश में 12वीं रैंक

IAS Success Story: हर दिन यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में सफल होने वाले अभ्यर्थियों की प्रेरणादायक कहानीयां सामने आती हैं। जिससे यूपीएएसी की तैयारी कर रहे अभ्‍यार्थियों को एक नई सिख मिलती है। वैसे तो यूपीएससी क्लियर कर आईएएस-आईपीएस बनना अपने आप में बहुत बड़ी बात है। यही कारण है कि टॉपर्स की कहानी सुनना लोग बहुत पसंद करते हैं। आज इसी कड़ी में हम IAS नम्रता जैन की सक्सेस स्टोरी बताने जा रहे हैं, जिन्‍होंने तमाम मुश्किलों को पार कर अपना सपना कैसे पूरा किया? आइए जानते हैं IAS नम्रता जैन (IAS Success Story) की सक्‍सेस स्‍टोरी (IAS Success Story)…

IAS Success Story: नक्सलवाद इलाके की लड़की बनीं IAS, पहले प्रयास में हो गई थी फेल, फिर इस तरह पाई देश में 12वीं रैंक
IAS Success Story: नक्सलवाद इलाके की लड़की बनीं IAS, पहले प्रयास में हो गई थी फेल, फिर इस तरह पाई देश में 12वीं रैंक

कौन है आईएएस नम्रता जैन? (IAS Success Story)

आईएएस नम्रता जैन छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा से हैं। छत्तीसगढ़ का यह इलाका नक्सल प्रभावित माना जाता है और यही कारण है कि यहां कि साक्षरता दर बहुत कम है। नम्रता जैन ने अपनी शुरुआती पढ़ाई दंतेवाड़ा के कारली में स्थित निर्मल निकेतन स्कूल से की और 12वीं की परीक्षा वहीं से देने के बाद उन्होंने भिलाई इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से बीटेक की शिक्षा ली।

IAS Success Story: नक्सलवाद इलाके की लड़की बनीं IAS, पहले प्रयास में हो गई थी फेल, फिर इस तरह पाई देश में 12वीं रैंक
IAS Success Story: नक्सलवाद इलाके की लड़की बनीं IAS, पहले प्रयास में हो गई थी फेल, फिर इस तरह पाई देश में 12वीं रैंक

पहले प्रयास में हुई फेल (IAS Success Story)

नम्रता जैन ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने UPSC परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। एग्जाम के लिए दिन-रात कड़ी मेहनत करने के बाद उन्होंने अपना पहला अटेम्प्ट साल 2015 में दिया था। हालांकि, इस साल वे फेल हो गई थीं। वे प्रीलिम्स भी नहीं निकाली सकी थीं।

IAS Success Story: नक्सलवाद इलाके की लड़की बनीं IAS, पहले प्रयास में हो गई थी फेल, फिर इस तरह पाई देश में 12वीं रैंक
IAS Success Story: नक्सलवाद इलाके की लड़की बनीं IAS, पहले प्रयास में हो गई थी फेल, फिर इस तरह पाई देश में 12वीं रैंक

दूसरे प्रयास में बनीं IPS (IAS Success Story)

पहले प्रयास में पहले चरण से ही बाहर होने वाली नम्रता ने हार नहीं मानी थीं। वे तैयारी में जुटी रहीं। इसके बाद उन्होंने साल 2016 में फिर एक बार परीक्षा में शामिल हुई। इस अटेम्प्ट में वे उन्होंने 99वें रैंक हासिल हुआ। इसमें पास होकर वो मध्य प्रदेश कैडर की आईपीएस अधिकारी बनीं। हालांकि, उनका सपना IAS बनने का था।

IAS बनने का सपना हुआ पूरा (IAS Success Story)

आईपीएस अधिकारी बनने के बाद भी नम्रता जैन के बाद भी वे रुकी नहीं। उनके भीतर IAS बनने का सपना पल रहा था। इसका नतीजा यह हुआ कि वे हैदराबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल नेशनल पुलिस अकेडमी में ट्रेनिंग करने साथ यूपीएससी की तैयारी में भी जुट रहीं। इसके बाद उन्होंने अपनी कमियों पर काम करते हुए साल 2018 में तीसरी बार यूपीएससी का एग्जाम दिया और इस बार उनका सपना पूरा हो चुका था। उन्होंने परीक्षा 12वीं रैंक हासिल की थी।

IAS Success Story: नक्सलवाद इलाके की लड़की बनीं IAS, पहले प्रयास में हो गई थी फेल, फिर इस तरह पाई देश में 12वीं रैंक
IAS Success Story: नक्सलवाद इलाके की लड़की बनीं IAS, पहले प्रयास में हो गई थी फेल, फिर इस तरह पाई देश में 12वीं रैंक

आईएएस नम्रता जैन की लव स्टोरी (IAS Success Story)

आईएएस नम्रता जैन ने 16 सितंबर 2020 को छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में तैनात आईपीएस निखिल राखेचा से शादी की। दोनों के विवाह समारोह में जिले के कई ऑफिसर्स और दोस्त पहुते थे। शादी की फोटोज नम्रता ने भी अपने इंस्टाग्राम पर शेयर की थी। दोनों की लव स्टोरी साल 2019 में ट्रेनिंग के दौरान शुरू हुई थी।

IAS Success Story: नक्सलवाद इलाके की लड़की बनीं IAS, पहले प्रयास में हो गई थी फेल, फिर इस तरह पाई देश में 12वीं रैंक
IAS Success Story: नक्सलवाद इलाके की लड़की बनीं IAS, पहले प्रयास में हो गई थी फेल, फिर इस तरह पाई देश में 12वीं रैंक

हार ना मानने की शिक्षा देती हैं नम्रता (IAS Success Story)

आईएएस नम्रता जैन की कहानी हम सभी को सिखाती है कि मुश्किलों से डरना नहीं, बल्कि अपनी मेहनत पर विश्वास रखते हुए लक्ष्यों को हासिल करना है।

Related Articles