IAS Success Story: आईएएस मोहम्मद अली शिहाब (IAS Mohammed Ali Shihab) ने कई सारी चुनौतियों का सामना कर युपीएससी (UPSC) की कठिन परीक्षा को पास कर इस मुकाम हासिल किया है। यूपीएससी की परीक्षा को पास करना एक बड़ी चुनौती होती है और इसे देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है। कुछ लोग अपनी किस्मत या किसी कारणवश अपनी तैयारी बीच में ही छोड़ देते है लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते है जो हार नहीं मानते है और वो हर एक प्रयास करते है कि उन्हें सफलता प्राप्त हो जाए। आईएएस मोहम्मद अली शिहाब (IAS Mohammed Ali Shihab) भी उन्हीं में से एक है, कई सारी मुसीबतों का सामना करते हुए उन्होंने यूपीएससी की कठिन परीक्षा को पास किया है।
कौन है शिहाब मोहम्मद? (IAS Success Story)
केरल के मल्लपुरम जिले के एक गांव एडवान्नाप्पारा में जन्मे मोहम्मद अली शिहाब (Mohammed Ali Shihab) आज एक आईएएस ऑफिसर हैं। उनका जन्म 15 मार्च 1980 को केरल के मलप्पुरम जिले में हुआ था। उनके पिता का नाम कोरोट अली और मां का नाम फातिमा था। शिहाब अपने घर में गरीबी की अभिशाप लेकर पैदा हुए थे। घर की आर्थिक स्थिति इतनी ज्यादा कमजोर थी कि छोटी सी उम्र में ही उन्हें अपने पिता के साथ पांच और बांस की टोकरिया बेचना पड़ा था। घर का गुजारा इसी छोटे से काम से किसी भी तरह चलता था। लेकिन 1991 में एक लंबी बीमारी के बाद शिहाब के पिता दुनिया छोड़कर चले गए।
गरीबी के चलते मां ने भेजा अनाथालय (IAS Success Story)
पिता का साया सर से उठने के बाद शिहाब के छोटे कंधे पर बड़ी जिम्मेदारी आ गई। शिहाब की मां पढ़ी-लिखी नहीं थी ना ही उन्हें कोई ऐसा काम मिल रहा था जिससे वह अपने बच्चों का पालन पोषण करें। गरीबी के कारण मां ने शिहाब को अनाथालय में डाल दिया था। वहां अनाथ बच्चों के साथ उन्हें पेट भर खाना मिलता था। अनाथालय को लेकर शिहाब कहते हैं कि उनके लिए अनाथालय किसी वरदान से कम नहीं है। अनाथालय में रहते हुए शिहाब का ध्यान पढ़ाई लिखाई की तरफ गया और वह सभी बच्चों से होशियार भी थे। उन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई अनाथालय में रहकर ही पूरी की।
21 सरकारी परीक्षाएं की पास (IAS Success Story)
अनाथ बच्चों के साथ रहते हुए शिहाब ने पढ़ाई की, इस अनाथालय में वह 10 साल तक रहे। शिहाब पढ़ने में इतनी ज्यादा तेज है के सभी के आकर्षण का केंद्र बन गए। शिहाब बताते हैं कि अनाथालय से मिली अनुशासन उनको जीवन व्यवस्थित करने में बहुत मदद करती है। हायर एजुकेशन के लिए शिहाब को पैसे की जरूरत थी। इसके लिए उन्होंने सरकारी एजेंसी की परीक्षा की तैयारी की। कमाल की बात यह है कि उन्होंने विभिन्न सरकारी एजेंसियों की ओर से आयोजित होने वाली 21 परीक्षाओं को पास भी किया। इस दौरान उन्होंने वन विभाग, जेल वार्डन और रेलवे टिकट परीक्षक जैसे पदों पर काम भी किया। सिर्फ 25 साल की उम्र में ही इन्होंने पहली बार सिविल सर्विस की परीक्षा दी।
बने आईएएस ऑफिसर (IAS Success Story)
यूपीएससी सफलता की कहानी (UPSC Success Story) भी मुश्किलों भरा ही था। यूपीएससी सिविल सर्विस की परीक्षा के पहले दो प्रयासों में शिहाब के हाथ केवल असफलता ही लगी। लेकिन वह हिम्मत नहीं हारे और कोशिश करते रहे। आखिरकार वह साल आ ही गया जब एक गरीब पान बेचने वाले पिता और लाचार मां का बेटा अपना सपना पूरा करने में सफल रहा। शिहाब ने 2011 के में अपने तीसरे प्रयास में यूपीएससी परीक्षा क्लियर कर ली। यहां उन्हें ऑल इंडिया 226वीं रैंक हासिल कर यूपीएससी क्लीयर किया और आईएएस बने। इंग्लिश में इतने अच्छे ना होने के कारण शिहाब को इंटरव्यू के दौरान ट्रांसलेटर की ज़रूरत पड़ी थी, जिसके बाद उन्होंने 300 में से 201अंक हासिल किए। वह इस समय नागालैंड कैडर के आईएएस ऑफिसर हैं।
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