IAS Success Story : बिना कोचिंग, ऑनलाइन गाइडेंस से की तैयारी और दूसरे प्रयास में 12वीं रैंक हासिल कर बन गई आईएएस टॉपर

IAS Success Story : बिना कोचिंग, ऑनलाइन गाइडेंस से की तैयारी और दूसरे प्रयास में 12वीं रैंक हासिल कर बन गई आईएएस टॉपर
Source: Credit – Social Media

IAS Success Story : यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी सही तरीके से की जाए तो कम समय में भी सफलता मिल सकती है। बात अगर लड़कियों की हो तो वह किसी से कम नहीं होती, ये साबित करने के लिए भारत में कई ऐसी लड़कियां हैं, जो सबके लिए मिसाल बन गई हैं। हर साल यूपीएससी परीक्षा में शामिल होने वाले लाखों उम्मीदवारों में से सैकड़ों लड़कियों के सपने पूरे होते हैं। अफसर बनने वाली ये महिला उम्मीदवार पहले अपने परिश्रम से खुद को बेहतर साबित करती हैं, फिर अपनी कार्यशैली से लोगों को अवाक कर देतीं हैं। इन्हीं होनहार महिला अफसरों में शामिल हैं। उसी तरह तेजस्‍वी राणा की कहानी भी उन लोगो के लिए प्रेरणाप्रद है जो लोग यूपीएससी की परीक्षा पास करना चाहते है। तो आइए जानते है तेजस्‍वी राणा की सफलता की काहानी के बारे में।

UPSC प्रीलिम्स के लिए IAS तेजस्वी राणा की रणनीति

तेजस्वी ने परीक्षा के बेसिक को कवर करने के लिए कक्षा 6 से 12 तक की NCERT पाठ्यपुस्तकों को इकट्ठा करने से पहले यूपीएससी के सिलेबस की सावधानीपूर्वक समीक्षा की थी। उन्होंने इन किताबों को अच्छी तरह से पढ़कर अपने बेसिक्स में सुधार किया था। इसके बाद उन्होंने स्टैंडर्ड किताबें लीं और ऑप्शनल सब्जेक्ट पर ध्यान से विचार किया। वह ज्यादा से ज्यादा सेल्फ स्टडी करती थीं और साथ ही अपने कार्यक्रम में सुधार करते हुए संक्षिप्त नोट्स भी तैयार करती थी।

इस बीच, उन्होंने प्रश्नों के उत्तर लिखने का अभ्यास भी किया और मॉक टेस्ट देकर अपनी तैयारी का मूल्यांकन भी किया। इसके अलावा इंटरनेट की सहायता से उन्होंने अपने स्वयं के नोट्स बनाकर तैयार किए और अपने उद्देश्य की दिशा में काम करते हुए स्वयं को भी तैयार किया।

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पहले प्रयास में फेल (IAS Success Story)

पूरी तैयारी के साथ जब तेजस्वी यूपीएससी की सिविल परीक्षा में शामिल हुई थीं तो पहले अटेम्प्ट में वे फेल हो गई थीं। वे पहले अटेम्प्ट में प्रीलिम्स तो क्रैक कर ले गईं लेकिन मेंस से बाहर हो गईं थीं।

फिर मिली सफलता

एक बार असफल होने के बाद तेजस्वी ने अपनी कमियों पर काम किया। अपनी कमजोरी को पहचाना। वे कहां, गलत थीं। उनकी तैयारियों में कहां कौन सी खामी रह गई थी। इस पर काम करते हुए ऑनलाइन गाइंडेंस भी लेती रहीं। पूरी तैयारी के साथ एग्जाम में फिर शामिल हुईं। इस बार उन्होंने एग्जाम क्रैक कर लिया था। परीक्षा के तीनों चरण में सफल हुई थीं और एग्जाम में 12वीं रैंक हासिल की थी

बेटी पढ़ाओं बेटी बचाओं नारे को किया चरितार्थ

आपको जानकर हैरानी होगी कि तेजस्वी ने घर पर रहकर मात्र एक साल में सिविल सर्विसेज परीक्षा की तैयारी कर 12वीं रैंक हासिल कर अपना परचम पूरे देश में लहरा दिया था। तथा यह साबित कर दिया कि मजबूत इरादों से व्यक्ति बड़े से बड़े लक्ष्य को हासिल कर सकता है। साथ ही तेजस्वी ने अपनी मेहनत के दम पर केंद्र सरकार के बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओं के नारे को सही अर्थों में चरितार्थ किया।

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यूपीएससी उम्मीदवार के लिए तेजस्वी राणा की सलाह

तेजस्वी का कहना है कि यूपीएससी में सफल होने के लिए व्यक्ति को जरूरी प्रयास करना चाहिए और परीक्षा के प्रति समर्पण भी दिखाना चाहिए। उम्मीदवारों को सही रास्ते पर रहते हुए तैयारी के लिए बेहतर संसाधनों का उपयोग करना चाहिए और समय-समय पर अपनी प्रोग्रेस का मूल्यांकन भी करते रहना चाहिए। क्योंकि यह आपकी परीक्षा को लेकर सटीक स्थिति को प्रकट करेगा, जिससे आप भविष्य में आवश्यक सुधार कर सकेंगे और अधिक प्रभावी तरीके से पुनः प्रयास कर सकेंगे। वहीं, तेजस्वी धैर्य के साथ प्रयास करने और असफलताओं से घबराने से बचने की सलाह भी देती हैं।

उत्तम मालवीय

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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