IAS Success Story: यूपीएससी में कई बार असफल होने के बावजूद बाला ने नहीं मानी हार, 9वें अटेंप्ट में परीक्षा पास कर बने आईएएस अफसर, जानिए उनकी संघर्ष भरी कहानी
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IAS Success Story: यूपीएससी परीक्षा को पास कर आईएएस के पद पर नौकरी पाना आसान काम नहीं होता है। हर साल यूपीएससी परीक्षा को क्रैक करने के लिए लाखों की संख्या में उम्मीदवार आवेदन तो करते है, लेकिन कुछ ही लोग एग्जाम पास कर पाते है। तो कुछ लोग कमियों की वजह से पीछे रह जाते है। कमिया हर किसी में होती हैं लेकिन जो इंसान अपनी कमियों पर विजय पा लेता है और उसे अपनी ताकत बना लेता है दुनिया में उस शख्स को कोई हरा नहीं सकता।
देश में कई सफलता की कहानियों (IAS Success Story) में एक कहानी है आईएएस बाला नागेंद्रन (IAS Bala Nagendran) की जो उन्ही लोगों में से हैं जिन्होंने अपनी कमियों पर जीत हासिल की और आईएएस का मुकाम हासिल किया। आज हम आपको आईएएस बाला नागेंद्रन के ही बारे में बताने वाले हैं जो सभी के प्रेरणादायक है।
नेत्रहीन हैं आईएएस बाला नागेंद्रन (IAS Success Story)
आईएएस बाला नागेंद्रन तमिलनाडु के रहने वाले हैं। वे बचपन से ही 100 फीसदी नेत्रहीन (Blind IAS Officer) है। लेकिन उनकी इस शारीरिक कमजोरी को कभी उन्होंने खुद पर हावी नहीं होने दिया। उन्होंने अपनी इस शारीरिक कमजोरी से उपर उठकर मेहनत किया और वे उन प्रेरणादायी आईएएस अधिकारियों की लिस्ट में शामिल हो गए जिनकी कहानियां हमेशा लोगों को सकारात्मक सोचने पर मजबूर करती है। अपनी स्कूली शिक्षा राम कृष्ण मिशन स्कूल से पूरी की है। इसके बाद ग्रैजुएशन के लिए वे लोयला कॉलेज चले गए और यहां से उन्होंने बीकॉम की डिग्री हासिल की। बता दें कि बाला नागेंद्रन के पिता भारतीय सेना से रिटायर हो चुके हैं। अपनी रिटायरमेंट के बाद वे चेन्नई में टैक्सी चलाने लगे।
शिक्षक ने कहा यूपीएससी की तैयारी करो
बाला नागेंद्रन पढ़ाई में काफी होशियार थे। उनकी ललक देखकर उनके एक शिक्षक ने उन्हें यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने का सुझाव दिया था। उन्होंने साल 2011 में सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी। उस समय सभी जरूरी किताबों को ब्रेल भाषा में ट्रांसलेट करने में उन्हें परेशानी हुई थी। लेकिन अपना सपना पूरा करने की चाह ने उनके लिए सब आसान कर दिया।
9वीं प्रयास में मिली सफलता (IAS Success Story)
आईएएस बाला नागेंद्रन अपने 8 अटेंप्ट में असफल हो गए थे। हालांकि इससे उन्होंने हार नहीं मानी। इन असफलताओं से सीखकर वे अपनी महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए डबल मेहनत करते रहे। 2016 में उन्होंने यूपीएससी परीक्षा पास कर ली थी लेकिन IAS बनने लायक रैंक नहीं हासिल कर पाए थे। फिर 2017 में मात्र 1 अंक से रह गए थे। आखिरकार 2019 में 659वीं रैंक हासिल कर वे IAS बन गए थे।