IAS Success Story : किसान का बेटा बना IAS, एक नहीं 3 बार पास की परीक्षा, हिंदी मीडियम से पाई 18वी रैंक

By
On:

IAS Success Story : किसान का बेटा बना IAS, एक नही 3 बार पास की परीक्षा, हिंदी मीडियम से पाईं 18वी रैंक- रवि कुमार सिहागIAS Success Story : जब भी यूपीएससी की तैयारी की बात होती है, सबसे पहला प्रश्न यही उठता है कि पढाई किस मीडियम से करना जरुरी है, ट्युसन कहां से लें, तैयारी कैसे करें। आज इन्हीं सवालों के जवाब हम इस लेख में लेकर आए हैं।

आज की सक्सेस स्टोरी में हम बात करेंगे आईएएस ऑफिसर रवि कुमार सिहाग की, जिन्होंने हिंदी मीडियम से पढाई करने का बावजूद देश के सबसे कठिन माने जाने वाली यूपीएससी सीएसई परीक्षा को एक नहीं, दो नहीं, तीन बार क्रैक किया। रवि आईएएस बनाना चाहते थे पर 2 बार रैंक अच्छा न होने के कारण उनका IAS बनाने का सपना अधूरा रह गया, फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी और तीसरे प्रयास में 18वीं रैंक हासिल कर अपना आईएएस बनने का सपना पूरा किया।

कैसे आया यूपीएससी का ख्याल

रवि बताते हैं कि वे अपने पिता के साथ बचपन से ही खेती-किसानी का काम देखते थे। बीए तक उन्होंने खेती से जुड़े हर काम की जिम्मेदारी संभाली है। ऐसे में जब गांव में खेतों को लेकर, सिंचाई को लेकर या इससे संबंधित किसी भी एरिया में समस्या आती थी तो कहा जाता था कलेक्ट्रेट ऑफिस जाओ। हर परेशानी का समाधान वहीं होता था। तब से वे सोचते थे कि आखिर कलेक्टर होता कौन है जिसके पास हर छोटी-बड़ी समस्या का समाधान होता है।

इसके अलावा गांव में अक्सर लोग कहते थे कि तुम कौनसे कलेक्टर हो जो ये काम कर लोगे, ये परेशानी दूर कर दोगे, वगैरह। ऐसी बातें सुनकर ही रवि का इस क्षेत्र के प्रति आकर्षण पैदा हुआ। तभी बीए के बाद उन्होंने इस क्षेत्र में किस्मत आजमाने का फैसला किया ताकि लोगों की समस्या का समाधान आसानी से कर सकें।

IAS Success Story : किसान का बेटा बना IAS, एक नही 3 बार पास की परीक्षा, हिंदी मीडियम से पाईं 18वी रैंक- रवि कुमार सिहागभाषा भी नहीं बन पाई रुकावट

UPSC 2021 की सिविल सर्विसेज एग्जामिनेशन में रवि कुमार सिहाग ने 18वीं रैंक हासिल किया था। हिंदी मीडियम में यह अब तक का सबसे बेहतर रैंक है। रवि ने अपनी भाषा को कभी भी तैयारी के बीच में नहीं आने दिया और न ही किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न करने दी।

रवि का कहना है कि यदि सही दिशा और दशा में रहकर परिश्रम किया जाए तो इस परीक्षा को किसी भी भाषा में क्रैक किया जा सकता है। उनके अनुसार हिंदी के साथ-साथ अंग्रेजी भाषा को भी पढ़ना महत्वपूर्ण है, क्योंकि कामकाज और अन्य स्थानों पर अंग्रेजी के उपयोग को नाकारा नहीं जा सकता है।

IAS Success Story : किसान का बेटा बना IAS, एक नही 3 बार पास की परीक्षा, हिंदी मीडियम से पाईं 18वी रैंक- रवि कुमार सिहागएनसीईआरटी से किया बेस मजबूत

रवि कहते हैं कि यूपीएससी का सिलेबस ठीक से देखने और समझने के बाद उन्होंने बेसिक बुक्स से शुरुआत की। अपने इस सफर में सबसे खास साथी वे एनसीईआरटी की किताबों को मानते हैं। रवि कहते हैं कि यूपीएससी परीक्षा एक पूरा पैकेज होती है जो प्री से लेकर पर्सेनेलिटी टेस्ट तक आपको हर प्रकार से टेस्ट करती है। पहले आप यह ठीक से समझ लें कि आखिर यह एग्जाम आपसे चाहता क्या है उसके बाद मैदान में उतरें।

बुक लिस्ट की जहां तक बात है तो यह ज्यादातर स्टूडेंट्स के लिए सेम ही होती है। बस ख्याल इस बात का रखना है कि कम से कम किताबें इकट्ठी करें और उनसे बार-बार पढ़ें। लिमिटेड रिसोर्स, मैक्सिमम रिवीजन पॉलिसी को फॉलो करें। ये मानकर चलें कि किताब में लिखा एक-एक शब्द आपको पता होना चाहिए इतनी बार रिवीजन हो जाए।

आईएएस रवि कुमार सिहाग की रणनीति

UPSC की तैयारी करने वाले Aspirants को सलाह देते हुए रवि कहते हैं कि UPSC आपका शुरू के लेकर अंत तक यानि PRE से लेकर Interview Rounds तक TEST लेती है। इसलिए Aspirants को सबसे पहले सिलेबस को अच्छे से समझना चाहिए और फिर तैयारी शुरू करनी चाहिए। वहीं जब बात मीडियम की हो तो उसे ही चुने जिसमें आप Comfortable Feel करें।

इसका मतलब ये बिलकुल नहीं की आप English भाषा सीखने की कोशिश ही न करें। UPSC के लिए हिंदी और English दोनों ही जरूरी है। फील्ड पर अगर आप जनता से हिंदी मे बात करते हैं, वैसे ही Flies का काम आपको English में करना है। इसलिए हर Aspirant को Basic English जरूर सीखनी चाहिए।

For Feedback - feedback@example.com

Related News