IAS Success Story : हिंदी मीडियम से पढ़ाई करके आईएएस अफसर बनीं सुरभि गौतम, जानिए संघर्ष से सफलता तक का सफर

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IAS Success Story : हिंदी मीडियम से पढ़ाई करके बनीं आईएएस अफसर सुरभि गौतम, जानिए संघर्ष से सफलता तक का सफर
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IAS Success Story : मध्य प्रदेश के सतना जिले का एक छोट सा गांव है अमदरा, जिसकी कुल आबादी हजार लोगों से ज्यादा की नहीं थी। सुरभि गौतम मूल रूप से इसी अमदरा गांव की रहने वाली हैं। उनके जन्म पर उनके पुराने ख्याल वाले परिवार को कुछ खास प्रसन्नता नहीं हुई थी। केवल उनके माता-पिता खुश थे पर परिवार के लिए यह बाकी दिनों जैसा था।

सुरभि के परिवार में उस समय कुल 30 सदस्य थे जिनमें कई सारे बच्चे भी शामिल थे। सुरभि भी परिवार के बाकी बच्चों की तरह वहीं के एक साधारण हिंदी मीडियम स्कूल में जाने लगीं और दूसरे बच्चों के साथ पढ़ने लगीं। उनका बचपन एकदम साधारण तरीके से बीत रहा था। कोई बच्चों पर खास ध्यान भी नहीं देता था।

हिंदी मीडियम से पढ़ाई करने के बावजूद उन्होंने दसवीं कक्षा में 93.4% अंक हासिल किए थे। इतना ही नहीं सुरभि ने गणित और विज्ञान जैसे कठिन विषय में 100 में से 100 अंक हासिल किए।  कॉम्पिटीटिव एग्‍जाम क्लियर करना आसान काम नहीं होता है, इसके लिए सब कुछ त्‍यागना पड़ता हैं, घंटों मेहनत करनी पड़ती हैं। एग्‍जाम आईएएस (IAS) का हो, तो और भी मुश्किल काम होता है। इस लड़की ने अपनी मेहनत और लगन से इस बात को साबित कर दिया कि अगर आप एक बार ठान लें, तो बड़ी से बड़ी परीक्षा में सफलता हासिल कर सकते हैं।

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गंभीर बीमारी से भी नहीं हुईं प्रभावित (IAS Success Story)

सुरभि की तबीयत खराब होने के बाद गांव में अच्छे डॉक्टर न होने की वजह से माता-पिता उन्हें जबलपुर लेकर गए। वहां डॉक्टरों ने बताया कि सुरभि को ‘रूमैटिक फीवर’ है। यह ज्यादा समय तक नजरंदाज किया जाए तो व्यक्ति की मृत्यु हो सकती है। इस बीमारी में हृदय को सबसे अधिक नुकसान पहुंचता है। डॉक्टर ने सुरभि को हर 15 दिन पर इन्जेक्शन लेने की सलाह दी। गांव में कुशल डॉक्टर न होने की वजह से हर 15 दिन पर उनके माता-पिता सुरभि को लेकर जबलपुर जाते थे। इस दौरान सुरभि की सेहत अच्छी नहीं थी, लेकिन पढ़ाई से मुंह नहीं मोड़ा।

इंग्लिश नहीं थी अच्छी

सुरभि बचपन से ही पढ़ने में शानदार रही, लेकिन कॉलेज में इंग्लिश न बोल पाने की वजह से उन्हें चिढ़ाया जाता था। कई बार उन्हें सही तरह से इंग्लिश न बोलने की वजह से लोग उनकी आलोचना करते थे और उनका मजाक बनाया जाता था। इतना सब सहने के बाद भी सुरभि ने अपने लक्ष्य को नजरों से दूर नहीं जाने दिया। सुरभि ने चुना कि वह अपनी सफलता के जरिए सबको जवाब देंगी और इसमें वह सफल भी हुईं।

सुरभि यह भी जानती हैं कि इंग्लिश भाषा को सीखकर उन्हें लाभ ही होगा। वह अपनी बात बेहतर तरीके से लोगों तक पहुंचा सकती हैं। इसीलिए, सुरभि गौतम ने रोजाना इंग्लिश के 10 नए शब्द सीखने शुरू कर दिए।

IAS Success Story : हिंदी मीडियम से पढ़ाई करके बनीं आईएएस अफसर सुरभि गौतम, जानिए संघर्ष से सफलता तक का सफर
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UPSC से पहले पास कीं कई परीक्षाएं

यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने के लिए सुरभि ने कड़ी मेहनत कर हर विषय पर अच्छी पकड़ बनाई। उन्होंने पहले ही प्रयास में ऑल इंडिया रैंक 50वीं हासिल कर IAS बनने का सपना पूरा किया। इससे पहले वे इसरो, दिल्ली पुलिस, एसएससी सीजीएल समेत कई प्रतियोगी परीक्षाएं पास कर चुकी थीं। हालांकि उनका सपना आईएएस बनने का था और वे अपनी मंजिल हासिल करके ही रुकीं।

उत्तम मालवीय

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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