IAS Success Story : लगातार 6 बार हुए असफल, पढ़ाई के लिए गांव तक छोड़ा, खर्चा चलाने के लिए बनेे वेटर, फिर सातवीं बार में इस रैंक के साथ बने IAS अफसर

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IAS Success Story : लगातार 6 बार हुए असफल, पढ़ाई के लिए गांव तक छोड़ा, खर्चा चलाने के लिए बनेे वेटर, फिर सातवीं बार में इस रैंक के साथ बने IAS अफसर
Source: Credit – Social Media

IAS Success Story : यूपीएससी एक ऐसी परीक्षा है, जिसे पास करने वाला हर शख्स अपने आप में एक इतिहास बनाता है। ऐसा इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि कई ऐसे व्यक्ति है जिन्होंने एक बार में इस की परीक्षा को पास किया है और इसके लिए उन्होंने कोई कोचिंग भी नहीं लगाई। इस फील्ड में आने वाले कई उम्मीदवार अपनी नौकरी के साथ तैयारी करते हैं और पास होकर आईएएस अधिकारी बनते हैं।

आज हम आपको एक ऐसे शख्स की IAS बनने की कहानी के बारे में बता रहे हैं जो लगातार 6 बार परीक्षा में असफल हुए और सातवीं बार में आईएएस बन पाए। हम बात कर रहे हैं आईएएस अफसर के. जयगणेशन (K Jayaganesh) की। आइए जानते हैं इनकी प्रेणादायक कहानी के बारे में…

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तैयारी के लिए छोड़ दिया गांव

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के लिए उन्होंने तीन बार गांव से ही प्रयास किया। हालांकि वे असफल हो गए। इसके बाद उन्होंने गांव छोड़कर चेन्नई आने का फैसला किया। इसके बाद वे अन्ना नगर पहुंच गए और यहीं से परीक्षा की तैयारी करने लगे।

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आर्थिक तौर पर कमजोर, लेकिन हिम्मत-हौसलों से अमीर

आईएएस अफसर के. जयगणेशन (K Jayaganesh) का जन्म तमिलनाडु के वेल्लोर जिले में हुआ। विनावमंगलम के एक छोटे से गांव में उनका पूरी परिवार रहता था। परिवार की स्थिति आर्थिक रूप से काफी कमजोर थी। पिता एक फैक्ट्री में काम करते थे। जैसे-तैसे परिवार का खर्चा निकलता था और इन परिस्थितियों से जयगणेश अच्छी तरह वाकिफ थे। अपने परिवार के साथ-साथ गांव की गरीबी को दूर करने का सपना तो बचपन से ही दिमाग में पल रहा था, इसलिए पढ़ाई-लिखाई कभी नहीं छोड़ी।

आईएएस के. जयगणेश ने अपने गांव से 10वीं तक की पढ़ाई पूरी की और नौकरी मिलने के सपने के साथ एक पॉलिटेक्निक कॉलेज में दाखिला ले लिया। पढ़ाई में आगे जयगणेश ने 91% नंबरों के साथ कॉलेज की पहली डिग्री ली और आगे की पढ़ाई के लिए तांठी पेरियार इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में मैकेनिकल इंजीनियरिंग करने पहुंच गए।

खर्चा चलाने के लिए वेटर का किया काम (IAS Success Story)

चेन्नई में रहने के दौरान उन्हें पैसे की जरूरत हुई। उन्होंने इस शहर में कई जगह काम किया। अपना खर्चा चलाने के लिए उन्होंने होटल में वेटर का काम भी किया। इसके अलावा उन्होंने सिनेमा हॉल में भी कुछ दिनों तक काम किया ताकि उनकी तैयारी में कोई बाधा न आ सके। इसी जज्बे ने उनको आखिरकार एक आईएएस ऑफिसर के रूप में स्थापित करने का काम किया।

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दो बार और हुए फेल (IAS Success Story)

के. जयगणेश ने फिर से तैयारी की और परीक्षा दी, लेकिन वह फिर से फेल हो गए। उन्होंने हार नहीं मानी और फिर से तैयारी की, लेकिन वह छठी बार भी फेल हो गए। सिविल सेवा में छह बार फेल होने पर किसी भी व्यक्ति का हौसला टूट जाता है, लेकिन जयगणेश ने हार नहीं मानी और फिर से तैयारी शुरू कर दी।

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