IAS Success Story : यूपीएससी परीक्षा (UPSC Exam) देश की सबसे कठिन परीक्षा होती है। यूपीएएसी की (UPSC ) की तैयारी करने वाले कई उम्मीदवारों को परीक्षा पास करने में कई साल लग जाते है। यह परीक्षा देश की सबसे बड़ी परीक्षाओं में से एक है, ऐसे में कई छात्र होते हैं जो लगातार मिलने वाली असफलताओं की वजह से परीक्षा बीच में छोड़ देते हैं। वहीं कुछ उम्मीदवार अपनी गलतियों को सुधरते हुए आगे बढ़ते जाते हैं और सफलता हासिल करते हैं। आज ऐसे ही एक शख्स है जुनैद अहमद जिन्होंने कई बार असफल होने के बावजूद बिना हार माने 2018 की यूपीएससी परीक्षा में ऑल ओवर इंडिया में तीसरा स्थान प्राप्त किया है। तो आइए जानते है जुनैद के आईएएस बनने तक की कहानी के बारे में…
जुनैद अहमद का परिचय
जुनैद अहमद उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के एक मध्यमवर्गीय मुस्लिम परिवार से आते हैं। उनके पिता जावेद हुसैन पेशे से वकील हैं और मां आयशा रजा एक हाउस मेकर हैं। बता दें कि जुनैद बिजनौर के नगीना कस्बे में पले-बढे हैं। उनकी शुरुआती पढ़ाई वहीं से हुई है, जहां वे एक औसत छात्र ही थे। इसके बाद 10वीं और 12वीं की परीक्षा में भी उनके लगभग 60 प्रतिशत अंक ही आते थे। जुनैद ने कक्षा 12वीं पास करने के बाद नोएडा के शारदा यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और वहां भी उनके 65% अंक ही आए। कॉलेज की पढ़ाई खत्म करने के बाद जुनैद के मन में IAS अधिकारी बनने का ख्याल आया और उन्होंने आईएएस बनने की ठानी और कड़ी मेहनत की बदौलत यह सपना सच करके दिखाया।
जुनैद को धैर्य के साथ मिली सफलता
जुनैद के लिए यह सफर आसान नहीं था। उन्होंने एक-दो बार नहीं पूरे पांच बार यह परीक्षा दी है। यूपीएससी जैसी परीक्षा की तैयारी जो इंसान को निचोड़ कर रख देती है उसमें इतने साल देना आसान नहीं है वो भी तब जब असफलता पर असफलता हाथ लग रही हो। लेकिन चेहरे पर हमेशा मुस्कान रखने वाले जुनैद किसी भी बात से जल्दी घबराते नहीं हैं। इन पांच सालों में से चौथे साल में जुनैद यूपीएससी परीक्षा में सफल हुए थे और उन्होंने 352 वीं रैंक के साथ परीक्षा पास की थी। इस साल उन्हें आईआरएस मिला लेकिन जुनैद ने परीक्षा की तैयारी जारी रखी।
जुनैद का बचपन से सपना भारतीय प्रशासनिक सेवा का हिस्सा बनने का था। उनके परिवार में कोई प्रशासनिक सेवा में नहीं था। ऐसे में किसी को अधिक जानकारी भी नहीं थी। जुनैद को बस उनकी मेहनत पर पूरा भरोसा था। सिविल सर्विसेज की चार बार परीक्षा देने पर पिछली बार उनका भारतीय राजस्व सेवा में चयन हुआ था। हालांकि, सपना भारतीय प्रशासनिक सेवा में जाने का था। इसी के चलते पांचवीं बार फिर से परीक्षा दी और सिविल सर्विसेज 2018 की परीक्षा में ऑल ओवर इंडिया में तीसरा स्थान मिला। करीब 7 साल के लंबे संघर्ष के बाद उन्होंने अपना सपना पूरा कर लिया।
यह कहते है जुनैद
जुनैद एक साक्षात्कार में कहते हैं कि इस बात से खास फर्क नहीं पड़ता कि आपका बैकग्राउंड क्या रहा है आप जिस दिन से तैयारी शुरू करते हैं, उसी दिन से शुरुआत होती है। पिछला कुछ भी मैटर नहीं करता खासतौर पर तब जब आपने उन दिनों अच्छे से पढ़ाई नहीं की है। हालांकि वे इस बात को बिल्कुल सपोर्ट नहीं करते कि स्कूल या ग्रेजुएशन के दिनों में ठीक से पढ़ाई नहीं करनी चाहिए। वे मानते हैं कि न पढ़ना बाद में आपसे और मेहनत कराता है। जुनैद कहते हैं शुरू में अपना बेस मजबूत करने के लिए उन्हें आठ से दस घंटे पढ़ाई करनी पड़ती थी लेकिन एक बार बेसिक्स क्लियर हो जाने के बाद 4 से 5 घंटे ही काफी होते हैं। किताबों को लेकर ज्यादा कंफ्यूज़ न हों, जो है उसे ही ठीक से पढ़ें और बार-बार रिवाइज करें।
जुनैद बताते हैं कि उन्हें सोशल मीडिया से परीक्षा की तैयारी करने में बहुत मदद मिली। वे कहते हैं कि ऑनलाइन इतना कंटेंट है और इतने प्रकार का है कि आप सोच भी नहीं सकते। अगर ठीक तरह से इस्तेमाल किया जाए तो सोशल मीडिया मददगार साबित हो सकती है। इसके अलावा जुनैद कैंडिडेट्स को टिप्स देते हैं कि किसी की न सुनें केवल वही करें जो आपका दिल कहता है। निराशावादी लोगों से दूर रहें और परीक्षा की तैयारी के दौरान अपनी फिजिकल हेल्थ का भी भरपूर ध्यान रखें। अगर सही स्ट्रेटजी बनाकर पूरे दिल से तैयारी करेंगे तो सफलता जरूर मिलेगी।