IAS Success Story : कुछ आईएएस अफसरों की कहानी बहुत अनोखी और प्रेरणादायी होती है। आज की सक्सेस स्टोरी ऐसी शख्सियत की है जिनकी जिंदगी काफी संघर्षों भरी रही है। उन्होंने अपने स्कूल के दिनों से काफी स्ट्रगल किया है। वे पढ़ाई में बेशक होशियार थी, लेकिन अपनी सेहत की वजह से उन्हें काफी परेशानी झेलना पड़ा है। 16 साल की उम्र में सुनने की शक्ति खो देने के बाद भी सौम्या शर्मा के इरादे नहीं डगमगाए। दिल्ली की रहने वाली सौम्या शर्मा ने साल 2018 में 9वीं रैंक पाकर यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में टॉप भी किया। जानिए उनकी लाइफ का बड़ा स्ट्रगल और सक्सेस स्टोरी (IAS Saumya Sharma Success Story)।
सौम्या शर्मा मूल रूप से दिल्ली की रहने वाली हैं। उनकी स्कूलिंग दिल्ली से ही हुई है। वह शुरू से ही पढ़ाई में होशियार थीं। उन्होंने इंटरमीडिएट के बाद ही पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड लॉ कोर्स के लिए नेशनल लॉ स्कूल में एडमिशन ले लिया था। लॉ की पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने यूपीएससी पास कर प्रशासनिक अधिकारी बनना तय कर लिया था। सौम्या शर्मा ने सिर्फ चार महीने सेल्फ स्टडी की। बिना कोचिंग गए इतने दिनों में ही उन्होंने सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा पास करने में कामयाबी हासिल की थी। सिविल सेवा मुख्य परीक्षा के समय भी वह इतनी बीमार थीं कि उन्हें एक दिन तो दिन में तीन बार सलाइन चढ़ानी पड़ी।
लॉ की पढ़ाई के दौरान लिया फैसला (IAS Success Story)
लॉ की पढ़ाई के दौरान ही सौम्या ने UPSC सिविल सर्विसेज परीक्षा की तैयारी करने का फैसला लिया था। कानून की पढ़ाई पूरी होते ही उन्होंने अपना पूरा फोकस UPSC परीक्षा को क्रैक करने में लगा दिया। सिविल सेवा परीक्षा क्रैक करने के लिए सौम्या ने अब जी तोड़ मेहनत करना शुरू कर दिया था। उन्होंने एक निर्धारित टाइम टेबल बनाकर हर दिन 6 से 8 घंटे की पढ़ाई की।
- Also Read: Special Shiv Bhajan: अपने दिन की शुरूआत करें इस मनमोहक भजन के साथ, शिव कैलाशों के वासी…..
यूपीएससी परीक्षा की टॉप
आईएएस सौम्या की कहानी हर उस वर्ग को प्रेरणा देती है, जो अपने लक्ष्य के लंबे रास्ते को देखकर डगमगा जाते हैं। सौम्या शर्मा को कम उम्र में ही ऐसा झटका लगा कि उनका पूरा जीवन ही बदल गया। लेकिन सौम्या ने इस कमी को दिल से नहीं लगाया बल्कि उन्होंने कड़ी चुनौतियों को पार कर सफलता प्राप्त की। सौम्या ने अपनी पढ़ाई पूरी की और एक समय ऐसा आया जब उन्होंने यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा को चुनौती देने का मन बना लिया। इस सफर के दौरान सौम्या को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, पर वे अपने लक्ष्य से विमुख नहीं हुईं। सौम्या ने सभी चुनौतियों को पार कर यूपीएससी परीक्षा 2018 में AIR 9 रैंक हासिल की।
- Also Read: Ladli Bahna Yojna: आपके खाते में कब आएंगे लाड़ली बहना योजना’ के 1000 रुपए, यहां से स्टेटस करें चेक
सौम्या शर्मा का कहना है कि
सौम्या शर्मा का मानना है कि अगर आपको सेल्फ स्टडी के दम पर परीक्षा पास करने का भरोसा है तो कोचिंग की जरूरत नहीं है। हां, अगर गाइडेंस चाहिए तो उसके लिए कोचिंग ली जा सकती है। यह पूरी तरह आप पर निर्भर करता है। उनका मानना है कि कोचिंग ज्वाइन करते हैं तब भी सेल्फ स्टडी बेहद जरूरी है। अगर आप अच्छे शेड्यूल के साथ जान लगाकर पढ़ाई करते हैं तो सफलता जरूर मिलेगी।