IAS Success Story: बिना आंखों के देखा आईएएस बनने का सपना, हजारों परेशानियों के बावजूद की सफलता प्राप्‍त

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IAS Success Story: बिना आंखों के देखा आईएएस बनने का सपना, हजारों परेशानियों के बावजूद की सफलता प्राप्‍त
Source: Credit – Social Media

IAS Success Story (Sparsh Gupta): सिविल सेवा परीक्षा, 2018 में रैंक 562 हासिल करने वाले स्पर्श गुप्ता को जन्म से ही कैटारैक्ट था जिसका पता चार महीने बाद चला और ऑपरेशन कराना पड़ा। फिर बचपन में एक दिन क्रिकेट की बॉल से उनकी आंखों को चोट पहुंची और रोशनी चली गई। इन सबके बावजूद स्पर्श ने हार नहीं मानी और अपनी कामयाबी से तमाम चुनौतियों पर जीत हासिल की और अपने आईएएस बनने के सपने को पूरा किया। Sunday Success story में जानिए इस बार स्पर्श का संघर्ष । विकलांगता जीवन के लिए बहुत कष्टकारी होता है। खासकर यदि दुनिया देखने और घुमने की बात हो और किसी के पास इनसब को देखने के लिये आंखे ही नहीं हो।

नेत्र नहीं होने के सबकुछ जैसे अंधेरा सा लगता है। लेकिन कहा जाता है “मन के हारे हार है और मन के जीते जीत”। विकलांगता कभी भी लक्ष्य प्राप्ति की राह मे रोड़ा नहीं बन सकता है। नेत्रहीनता के साथ UPSC में सफलता प्राप्त करना बेहद कठिन है। परंतु आज की कहानी एक ऐसे हीं शख्स की है जो नेत्रहीन होने के बावजूद भी हौसले और काबिलियत के बल पर तीसरे प्रयास मे UPSC में सफलता हासिल कर के सभी के लिए मिसाल कायम किया है।

यूपीएससी का सिलेबस है सफलता की तरफ पहला कदम

स्पर्श कहते हैं कि परीक्षा की तैयारी शुरू करने से पहले यूपीएससी के सिलेबस को भली प्रकार देख लें। वे तो यहां तक कहते हैं कि इसे अपना धर्म ग्रंथ माने और हमेशा पास रखें। जितना अधिक हो सके सिलेबस को देखें और बार-बार देखें। तैयारी शुरू करने से पहले और तैयारी के दौरान आपको एकदम क्लियर होना चाहिए कि परीक्षा में किन हिस्सों से प्रश्न पूछे जाते हैं।

दूसरी जरूरी बात है पिछले साल के प्रश्न-पत्र देखना। इससे आपको पता चलेगा कि आपको पेपर को किस प्रकार अपरोच करना है। जो विषय आप पढ़ रहे हैं, उनसे कैसे प्रश्न बनते हैं।

चुनौतियों का सामना करते हुए आगे बढ़ें (IAS Success Story)

स्पर्श गुप्ता ने बताया कि परिवार का सपोर्ट उन्हें शुरू से मिलता रहा है। किसी को भी आगे बढ़ने के लिए परिवार के सपोर्ट की ज़रूरत होती है। उन्होंने बताया कि उनके माता पिता ने हमेशा उन्हें मोटिवेट किया कि ज़िंदगी में आगे बढ़ो चुनौतियां तो आते रहती हैं। उनका सामना करते हुए आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने ने बताया कि वो दसवीं के बाद अकेले ही रहे और ख़ुद को मजबूती के साथ कामयाबी की ओर लेकर चलते रहे। उन्होंने बताया कि उनके लिए वह सभी लोग प्रेरणा के स्त्रोत हैं जिनसे उन्होंने कुछ सीखा है और जिन्होंने चुनौतियों का सामना करते हुए अपनी अलग पहचान बनाई है।

IAS Success Story: बिना आंखों के देखा आईएएस बनने का सपना, हजारों परेशानियों के बावजूद की सफलता प्राप्‍त
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तीसरे प्रयास मे मिली सफलता

स्पर्श ने सिविल सेवा की अपनी तैयारियों के साथ यूपीएससी का एक्जाम दिया ओर इनके पहले दो प्रयासों मे इन्हे असफलता ही हाथ लगी। दो बार असफल होने के बाद स्पर्श ने अपनी गलतियों पर मंथन किया ओर इन्हे यह महसूस हुआ की इन्हे अपनी तैयारियों को परखने के लिए पहले मॉक टेस्ट देने चाहिए क्योंकि इससे पहले के प्रयास मे इन्होंने मॉक टेस्ट नहीं दिए थे, इस कारण से इनकी सही तरह से प्रेक्टिस नहीं हो पाई।

मॉक टेस्ट देने का स्पर्श को बहुत फायदा भी हुआ ओर इन्हे अपनी कमियों के बारे मे पता चलने लगा। इस दौरान इन्होंने जीएस, ऐस्से, एथिक्स, ऑप्शनल सभी के खूब सारे मॉक टेस्ट दिए और जमकर प्रैक्टिस की। स्पर्श का यह मानना है कि मेन्स की परीक्षा मे सफलता प्राप्त करने के लिए आपको अच्छी आंसर राइटिंग मे निपुण होना आवश्यक है ओर अच्छी आंसर राइटिंग के लिए आपको बहुत ज्यादा प्रैक्टिस की आवश्यकता होती है।

12वीं क्लास में ऑल इंडिया टॉप किया (IAS Success Story)

स्पर्श गुप्ता ने 12वीं कक्षा में स्पेशल कैटेगरी में ऑल इंडिया टॉप किया। जिसके लिए स्पर्श गुप्ता को राष्ट्रपति ने भी सम्मानित किया। उसके बाद उन्होंने नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी, बेंगलुरु से बीए एलएलबी ऑनर्स की डिग्री हासिल की। साथ ही उन्होंने सिविल सर्विस परीक्षा देने का फैसला किया और सफलता हासिल की।

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