IAS Success Story: अंग्रेजी में जवाब देने से लगता था डर, यूपीएससी में 69वीं रैंक हासिल कर बने IAS अफसर

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IAS Success Story: अंग्रेजी में जवाब देने से लगता था डर, यूपीएससी में 69वीं रैंक हासिल कर बने IAS अफसर
Source: Credit – Social Media

IAS Success Story: अधिकतर लोगों को लगता है कि यूपीएससी में अंग्रेजी बोलने वाले कैंडिडेट जल्दी सफलता प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन हर साल तमाम ऐसे उदाहरण सामने आते हैं, जो इस बात को साबित करते हैं कि आप यहां किसी भी भाषा में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। आज आपको साल 2017 में यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा पास कर आईएएस अफसर बनने वाले अभिषेक शर्मा की कहानी बताएंगे। इंग्लिश बोलने में वे काफी झिझकते थे और इस वजह से पहले प्रयास में वे इंटरव्यू तक पहुंचकर फेल हो गए। ऐसे में उन्होंने दोबारा हिंदी में प्रयास किया, लेकिन फिर असफल हुए। आखिरकार तीसरे प्रयास में उन्होंने हिंदी को ताकत बनाया और ऑल इंडिया रैंक 69 हासिल की।

अभिषेक शर्मा की शिक्षा

अभिषेक की शुरुआती शिक्षा जम्मू से ही हिंदी मीडियम में हुई। वे अपने बचपन से ही पढ़ाई मे बहुत अच्छे थे। इन्होंने अपनी 10 वीं परीक्षा मे 90.2 और 12 वीं की परीक्षा में 93.3 प्रतिशत अंक प्राप्त किए। 12 वीं की पढ़ाई के बाद इन्होंने एआईईईई, जेकेसीईटी, गेट और जेकेएसएसबी व अन्य परीक्षाएं भी पास की। अभिषेक एक समय में एक ही काम करने की धारणा पर यकीन करते है। ओर अपनी इसी फिलॉसफी पर चलते हुए।

उन्होंने वर्ष 2014 में जीसीईटी, जम्मू से 76 प्रतिशत नंबर के साथ अपना ग्रेजुएशन कम्प्लीट किया। अपनी ग्रेजुएशन कम्प्लीट करने के बाद उन्होंने यूपीएससी (UPSC) की तैयारी करना शुरू कर दिया। अपनी यूपीएससी की तैयारी के लिए वे दिल्ली भी गए और वहां पर एक कोचिंग इंस्टीट्यूट में एडमिशन लिया। किन्तु दिल्ली मे उनका मन नहीं लगा और वे कोचिंग बीच मे ही छोड़कर वापस अपने गांव आ गए

जानिए कैसे बने IAS अफसर (IAS Success Story)

अभिषेक ने एक इंटरव्‍यू में बताया कि, मैं उस जगह से आता था, जहां से कोई IAS नहीं बना था। इसी वजह से मैंने सिविल सर्विस एग्जाम क्वालिफाई करने का सपना देखा था।

दिल्‍ली में शुरू की तैयारी

अभिषेक ने सिविल सर्विस परीक्षा के लिए दिल्ली से कोचिंग इंस्टीट्यूट ज्वाइन किया था।

अंग्रेजी के अखबार का लिया सहारा

अभिषेक ने कहा कि तीसरे अटेंप्ट के बारे में मैंने किसी को कुछ भी नहीं बताया है। इसके बाद मेन्स भी मेरा भी क्वालीफाई हो गया था। मैंने इसके बाद अंग्रेजी का अखबार पढ़ने लग गया था। इससे मेरी अंग्रेजी काफी अच्छी हो गई थी।

2007 में मिली सफलता

आखिरकार साल 2007 में मुझे सफलता मिल गई, अभिषेक बताते हैं कि तीसरे प्रयास में मैंने बहुत ही नॉर्मल तरीके से इंटरव्यू दिया मुझसे काफी मुश्किल भरे सवाल पूछे गए थे, मैंने अपने अच्छे एक्सपीरियंस का अच्छे से इस्तेमाल किया।

 

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असफलताओं से घबराएं नहीं (IAS Success Story)

अभिषेक शर्मा कड़ी मेहनत को सफलता की कुंजी मानते हैं। उनका कहना है कि आपने किसी भी माध्यम से पढ़ाई की हो। यूपीएससी में भाषा नहीं पढ़ाई मायने रखती है। वो कहने हैं कि कैंडीडेट को उस भाषा को चुनना चाहिए जिसमें वो बेहतर तरीके से हर सवाल का जवाब दे सके। इंटरव्यू में उसी भाषा का उपयोग करना चाहिए। वहीं, यूपीएससी की तैयारी में विफलताओं को लेकर वो कहते हैं कि असफलताओं से घबराना नहीं चाहिए। बल्कि उनका सामना करते हुए प्रयास जरूर करना चाहिए। मेहनत करने वालों को सफलता जरूर मिलती है।

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