IAS Alankrita Pandey Success Story: डिप्रेशन से लड़कर पहले ही प्रयास में की सफलता हासिल, जानिए अलंकृता पांडेय कैसे बनीं आईएएस अफसर

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IAS Alankrita Pandey Success Stroy: डिप्रेशन से लड़कर पहले ही प्रयास में की सफलता हासिल, जानिए अलंकृता पांडेय कैसे बनी आईएएस अफसर
IAS Alankrita Pandey Success Story: यूपीएससी (UPSC) प्रत्येक वर्ष भारत में सिविल सेवा परीक्षा आयोजित करता है। इसे देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है। लाखों उम्मीदवार इस परीक्षा में बैठते होते हैं लेकिन, कुछ ही आईएएस, आईपीएस और आईएफएस के लिए चुने जाते हैं। आज हम आपको ऐसी महिला के बारे में बताएंगे जिन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा डिप्रेशन से लड़ाई के साथ पास की। इनका नाम है आईएएस अलंकृता पांडेय। आइए जानते हैं आईएएस अलंकृता पांडेय (IAS Alankrita Pandey) की अनोखी कहानी के बारे में…

आईएएस अलंकृता पांडेय का परिचय और शिक्षा

आईएएस अलंकृता उत्तर प्रदेश के कानपुर की रहने वाली हैं। उनका यूपीएससी सफर आसान नहीं था। उन्होंने 2014 में यूपीएससी की तैयारी करने का फैसला किया था। लेकिन, उस साल के बीच में उन्हें व्यक्तिगत संकट से गुजरना पड़ा था। अलंकृता डिप्रेशन में चली गई थीं। वह अवसाद रोधी दवाएं लेने लगी थीं। उन्‍होंने एंगर मैनेजमेंट सेशन भी लिए। इस दौरान परिवार और दोस्‍तों ने भी उनका भरपूर साथ दिया। उन्हें 2014 में प्रीलिम्स में शामिल होना था। लेकिन, वह इसमें शामिल नहीं हो सकी थीं।

करियर पर किया फोकस, रोजाना 8 घंटे पढ़ा

हालांकि, अलंकृता ने इस संकट का मुकाबला किया। उन्‍होंने सिर्फ अपने करियर पर फोकस करने का फैसला ल‍िया। अलंकृता ने 2015 में अपने पहले प्रयास में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास की। वह प्रतिदिन 8 घंटे पढ़ाई करती थीं। यूपीएससी से पहले वह बेंगलुरु की एक आईटी कंपनी में काम करती थीं। उन्होंने एमएनआईआईटी-इलाहाबाद से इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया है।

आईएएस अलंकृता पांडे की रैंक (IAS Alankrita Pandey Success Story)

आईएएस अलंकृता ने अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी 2015 परीक्षा में सफलता हासिल की और ऑल इंडिया 85रैंक (एआईआर) हासिल की। वह 2016 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। शुरुआत में उन्हें पश्चिम बंगाल कैडर आवंटित किया गया था, लेकिन आईएएस अंशुल अग्रवाल से शादी के बाद उन्हें बिहार में इंटर कैडर ट्रांसफर दिया गया।

कानूनी लड़ाई भी लड़ी (IAS Alankrita Pandey Success Story)

आईएएस अलंकृता पांडे ने बिहार कैडर पाने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार से लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी। पति अंशुल अग्रवाल से शादी के बाद वह बिहार में काम करना चाहती थीं। अंशुल वहीं तैनात थे। अलंकृता ने बिहार में इंटर-कैडर ट्रांसफर के लिए आवेदन किया। लेकिन, पश्चिम बंगाल सरकार ने अधिकारियों की कमी के आधार पर उनके अनुरोध को अस्वीकार कर दिया। इसके बाद उन्होंने केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) का दरवाजा खटखटाया, जिसने 2018 में उनके पक्ष में फैसला सुनाया।

अलंकृता पांडेय ने दी उम्‍मीदवारों को प्रेरणा

अलंकृता पांडेय ने विभिन्न इंटरव्यू में यूपीएससी परीक्षा की तैयारी को लेकर अपनी स्ट्रेटजी शेयर की है। अलंकृता बताती हैं कि वह अपने दिन की शुरुआत सुबह 6 बजे करती थीं। योग और जॉगिंग के बाद पढ़ने बैठती थीं। जब उन्हें कोई परेशानी महसूस होती थी तो उसे कागज पर लिखती थीं कि आईएएस की तैयारी क्यों शुरू की। इससे उन्हें अपने लक्ष्य में स्पष्टता आती थी।

अलंकृता ने एक ही विषय की चार-पांच किताबें पढ़ने की बजाए एक ही किताब को चार-पांच बार पढ़ा। उन्होंने अपनी स्ट्रेटजी पहले मैक्रो लेवल और फिर माइक्रो लेवल पर बनाई। इसे पहले सब्जेक्टवाइज और फिर ऑवर वाइज शेड्यूल किया। इस तरह उन्होंने मई 2015 तक यूपीएससी मेन्स का सिलेबस पूरा कर लिया था।

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