Hookah Lounge Ban In MP: मध्यप्रदेश में अब किसी भी होटल या रेस्टोरेंट में हुक्का पाया गया तो मालिक को 3 साल की सजा और एक लाख रुपये जुर्माना भरना होगा। राज्य सरकार ने इस संबंध में गुरुवार को अधिसूचना जारी कर दी है। अधिसूचना जारी होते ही अब यह कानून बन गया है। 31 दिसंबर और न्यू ईयर सेलिब्रेशन के लिए सभी लोग होटल और रेस्टोरेंट और अन्य जगहों पर जश्न मानाएगे। सभी नाच-गाने से लेकर खाने-पीने तक का इंतजाम किया जाएगा। अगर किसी भी होटल में हुक्का बार चलता पाया गया तो मालिक को कड़ी सजा दी जाएगी। सब इंस्पेक्टर या उससे बड़े अधिकारी संचालकों पर यह कार्रवाई कर सकेंगे।
क्यों लाना पड़ा कानून (Hookah Lounge Ban In MP)
प्रदेश के बड़े शहरों में जगह-जगह हुक्का बार खुलने और इसके नाम पर युवाओं को नशे की तरफ धकेलने के मामले बढ़ने के बाद राज्य सरकार को नियमों में बदलाव करना पड़ा। इसके पहले हुक्का लांज पर कार्रवाई करने का कोई नियम ही नहीं था। इसके चलते सिर्फ धारा 144 के तहत कार्रवाई की जाती थी, जिससे हुक्का बार संचालक पुलिस की कार्रवाई से आसानी से बच निकलते थे। कानून न होने से कोर्ट से भी स्टे मिलना आसान होता था, लेकिन साल 2022 में शिवराज कैबिनेट द्वारा इस बिल को मंजूरी देकर अध्यादेश जारी किया गया था और इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा था। अब जाकर इसको लेकर अधिसूचना जारी की गई।
यह है कानून (Hookah Lounge Ban In MP)
सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद ( विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय और वितरण का विनियमन) मप्र संशोधन अधिनियम 2023 के अनुसार आवासीय होटल, रेस्तरां, भोजनालय या आमोद प्रमोद अथवा मनोरंजन के लिए चिन्हित स्थान पर हुक्का बार संचालित नहीं किये जा सकेंगे। ऐसा करने पर संबंधित व्यक्ति को सजा और जुर्माना दोनों से दंडित किया जाएगा।
यह है भोजनालय (Hookah Lounge Ban In MP)
जहां किसी भी प्रकार का भोजन या जलपान मिलता है या उपभोग करने के लिए बेचा जाता है, वह स्थान भोजनालय की कैटेगरी में शामिल होगा।
यह होगी सजा (Hookah Lounge Ban In MP)
नियम के उल्लंघन पर 3 वर्ष तक का कारावास और 1 लाख तक का जुर्माना किया जा सकेगा। सजा कम से कम 1 साल की होगी। इसी तरह 50 हजार रुपए से कम जुर्माना नहीं लगेगा। (Hookah Lounge Ban In MP)
क्यों लाना पड़ा कानून (Hookah Lounge Ban In MP)
हुक्का बार के खिलाफ अभी तक धारा 144 के तहत कार्रवाई की जाती थी। कानून न होने की वजह से कोर्ट से आसानी से स्टे मिल जाता था। इसलिए 2022 में कैबिनेट से इस बिल को मंजूरी देकर अध्यादेश जारी किया था। इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा गया था। अब इसे लेकर अधिसूचना जारी की गयी है। अब बिना किसी वारंट के पुलिस संबंधित के खिलाफ कार्रवाई कर सकेगी। पुलिस का सामान जब्त करने का भी अधिकार होगा।
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