Holi with Organic Gulal: मार्केट में आ रहा गोबर से बना गुलाल, नहीं है कोई केमिकल, इन महिलाओं ने किया तैयार

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Holi with Organic Gulal: मार्केट में आ रहा गोबर से बना गुलाल, नहीं है कोई केमिकल, इन महिलाओं ने किया तैयार

Holi with Organic Gulal: होली रंगों का त्योहार है, लेकिन बाजार में सिंथेटिक और केमिकल रंग और गुलाल लोगों की हेल्थ को नुकसान पहुंचा रहे हैं। हेल्थ के प्रति जागरूक हो चुके लोग अब नेचुरल रंग और ऑर्गेनिक गुलाल की डिमांड कर रहे है। क्योंकि इनसे शरीर को कोई नुकसान नहीं होता, साथ ही प्रकृति को भी किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचता है। अब मार्केट में गोबर से बने गुलाल आने वाले हैं। दरअसल, जयपुर के एक गांव में महिलाएं इको फ्रेंडली होली बनाने के लिए गाय के गोबर से प्राकृतिक रंग तैयार कर रही है।

जयपुर के गो सार एनजीओ के संचालक संजय ने मीडिया में बताया कि गाय के गोबर से बना गुलाल पूरी तरह ऑर्गेनिक है और हेल्थ के लिए 100% सुरक्षित है। उन्होंने बताया कि खुशबू के लिए फूलों की सुगंध मिलाई गई है और गोबर की दुर्गंध को हटाने के लिए पहले धूप में सुखा कर फूलों का नेचुरल इसेंशल मिला जाता है। यह गुलाल बन जाने के बाद इसे फ्री में बांटा जा रहा है। संजय बताते हैं कि जल्द ही वे इसे मार्केट में लेकर आएंगे।

गौ संरक्षण को मिलेगा बढ़ावा (Holi with Organic Gulal)

गो सार एनजीओ के संचालक संजय ने मीडिया में बताया कि गोबर की महत्ता के कारण गायों का संरक्षण बढ़ जाएगा और यह रोजगार का एक अच्छा जरिया भी बनेगा। बता दें कि गाय के गोबर से गुलाल के अलावा कई तरह के उत्पाद बनाए जा रहे हैं। इसमें मूर्तियां, टाइल्स, नेम प्लेट, चाबी के छल्ले और राखी जैसे प्रोडक्ट शामिल हैं।

बहुत कम समय में तैयार किए इको फ्रेंडली रंग

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक लगभग 4 साल पहले हिंगोनिया गौशाला में गायों की सेवा शुरू करते समय एक गाय का ऑपरेशन हुआ था। उस समय गाय के पेट से प्लास्टिक की थैलियां निकली थी। यहां पर एक टीम तैयार कर गांव का चयन किया गया। फिर वहां ज्यादा से ज्यादा लोग इस से जुड़े। देश के अलग-अलग हिस्सों में विजिट करने के बाद काफी रिसर्च की गई। तब जाकर गाय के गोबर से गुलाल बनाने का तरीका मिला और फिर इसकी सभी को ट्रेनिंग दी गई। अब महिलाएं ग्रुप में और घरों में गुलाल बनाने का काम कर रही है। इस बार पूरे गांव में इसी गुलाल से होली मनाई जाएगी। बता दें कि गुलाल बनाने के लिए अब तक महिलाएं 5 लाख रुपए कमा चुकी है और इससे गांव के अन्य लोगों को रोजगार भी मिल रहा है।

उत्तम मालवीय

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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