High Court Decision : ”रेप नहीं है पति-पत्नी के बीच अप्राकृतिक यौन सबंध” यह कहना है मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के जस्टिस जीएस अहलूवालिया की एकलपीठ का। मामले की सुनवाई करते हुए एकल पीठ ने टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर पति पत्नी के बीच अप्राकृतिक यौन सबंध बनता है तो वह अपराध की श्रेणी में नहीं आता। पति-पत्नी के बीच अप्राकृतिक यौन सबंध जैसी कोई बात नहीं होती। यह कहते हुए आज कोर्ट ने एफ़आईआर को खारिज करने के निर्देश दिए हैं।
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दरअसल यह पूरा मामला पति पत्नी के आपसी विवाद से जुड़ा हुआ है। इस मामले की सुनवाई मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के जस्टिस जीएस अहलूवालिया की एकलपीठ में हुई। यहां पति-पत्नी के बीच का विवाद पुलिस थाने के बाद कोर्ट की दहलीज में पहुंच गया। इसके बाद कोर्ट ने पूरे मामले में सुनवाई करते हुए पति के पक्ष में फैसला दिया है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता मोहम्मद साजिदउल्ला खान ने बताया कि जबलपुर कोतवाली थाना क्षेत्र के रहने वाले मनोज कुमार साहू की शादी 18 मई 2019 को हिंदू रीति रिवाज के साथ नरसिंहपुर की रहने वाली 27 साल की युवती के साथ हुई थी।
पत्नी ने लगाए गंभीर आरोप {Wife made serious allegations}
कुछ दिन साथ रहने के बाद दोनों में आए दिन वाद विवाद होने लगे। काफी समझाने के बाद भी जब मामला नहीं बना तो दोनों अलग-अलग रहने लगे। इस दौरान 2021 में पत्नी ने पति, सास-ससुर और ननद के खिलाफ नरसिंहपुर के कोतवाली थाने में दहेज प्रताड़ना और मारपीट की शिकायत दर्ज कराई गई थी। इसके बाद 24 अक्टूबर 2023 को महिला ने पति के खिलाफ नरसिंहपुर के कोतवाली पुलिस थाने में दोबारा एफआईआर दर्ज कराई और पुलिस को बताया कि पति उसके साथ अननैचुरल तरीके से संबंध बनाता है।
पुलिस ने दर्ज की जीरो एफआईआर {Police registered zero FIR}
इस पर कोतवाली पुलिस ने पत्नी की शिकायत पर जीरो एफआईआर दर्ज करते हुए मामले की केस डायरी जबलपुर के कोतवाली पुलिस थाने भेज दी। पत्नी के बयानों के आधार पर जबलपुर की कोतवाली पुलिस ने पति के खिलाफ धारा 377, 506 भारतीय दंड विधान की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया था। गिरफ्तारी से बचने के लिए पति ने अग्रिम जमानत ले ली और 14 फरवरी 2023 को पति मनीष साहू ने इस एफआईआर को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में चुनौती दी जिस पर कोर्ट में सुनवाई की गई।
पति-पत्नी के बीच लंबे समय से विवाद {Long standing dispute between husband and wife}
याचिकाकर्ता पति के वकील साजिदउल्ला ने कोर्ट को बताया कि पति-पत्नी के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है। महिला ने अपने पति पर जबरन अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने का आरोप लगाया था। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने यह कहते हुए एफआईआर निरस्त करने के आदेश दिए हैं कि पति-पत्नी के मामलों में धारा 377 लागू नहीं होता। साथ ही कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि पति पत्नी में अगर अप्राकृतिक यौन सबंध बनता है तो वह अपराध की श्रेणी में नहीं आता और यह कहते हुए एफआईआर को खारिज करते हुए पति को राहत दे दी।
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