Hanuman Chalisa Ki Shakti : बैतूल। बुजुर्ग उस पुराने पेड़ की तरह होता है जो भले ही फल ना दे, लेकिन जीवन भर छाया तो देता है। बुजुर्ग के पास पुरानी और अनुभव की बातें होती है, जवानों के पास अभिमानी बातें होती है। श्री रामचरितमानस में दो बुजुर्गों का जिक्र है, श्री राम की सेवा में जामवंत और रावण की सेवा में माल्यवन।
श्री राम ने कभी जामवंत की बात टाली नहीं और रावण ने कभी माल्यवन की बात मानी नहीं, जिसका परिणाम सबके सामने है। घर में बड़े बुजुर्गों के होने से फल भले नहीं मिले छाया हमेशा मिलती रहेगी। आहूजा परिवार किस्मत वाला है कि उनके ऊपर बुजुर्गों का साया है।
उक्त उद्गार देश के जाने-माने हनुमंत कृपा पात्र पं. रसराज महाराज ने शनिवार शाम रामकृष्ण बगिया में आयोजित लयबद्ध सुंदरकांड पाठ के दौरान व्यास पीठ से व्यक्त किए। शहर के प्रमुख व्यवसायी हरवंश आहूजा, उनके सुपुत्र राजेश आहूजा और राकेश आहूजा द्वारा परिवार के नन्हे सदस्य वीरआदित्य के प्रथम जन्मदिन के उपलक्ष में सुंदरकांड पाठ का आयोजन रखा था।
बेहतर प्रस्तुति से यादगार बनी रात (Hanuman Chalisa Ki Shakti)
देश-विदेश में श्री राम कथा, सुंदरकांड पाठ, हनुमान चालीसा पाठ को अपनी मधुर आवाज और अभिनव अंदाज में प्रस्तुत करने वाले रसराज महाराज ने सुंदरकांड पाठ की बेहतर प्रस्तुति से शनिवार की रात को न सिर्फ आहूजा परिवार बल्कि रामकृष्ण बगिया में मौजूद सैकड़ो श्रोताओं के लिए यादगार रात बना दी।

दोहा 29 सुंदरकांड का रनवे (Hanuman Chalisa Ki Shakti)
रसराज महाराज ने किष्किंधा कांड के दोहा 29 को सुंदरकांड का रनवे बताते हुए कहा कि इसी दोहे में वृद्ध जामवंत ने हनुमान जी को उनकी शक्ति याद दिलाते हुए 100 योजन समुद्र लांघने के लिए तैयार किया था। इसके बाद सुंदरकांड में हनुमान जी के पराक्रम का वर्णन है।
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चौपाइयों-दोहों का संगीतमय गान (Hanuman Chalisa Ki Shakti)
रसराज महाराज ने सुंदरकांड की चौपाइयां दोहों का संगीतमय गायन करते हुए उनकी सुंदर व्याख्या की। हनुमान जी का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि जीवन में ऊंचाई मिले, तरक्की मिले तब भी राम नाम जपना नहीं भूलना चाहिए।
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बड़ा होने के बाद हो यह आदत (Hanuman Chalisa Ki Shakti)
सुरसा का प्रसंग सुनाते हुए रसराज महाराज ने कहा कि जीवन में बड़ा वही हो सकता है जिसमें बड़ा होने के बाद भी छोटा होने की आदत हो, हनुमान जी की यही क्वालिटी है। वे बड़ा काम करने के लिए छोटा बन जाते हैं।
इनकी उपासना करें बेटा-बेटी (Hanuman Chalisa Ki Shakti)
रसराज महाराज ने विभीषण जी के घर का उदाहरण देते हुए कहा कि घर में गौरी, गोपाल, गीता और गाय हो, तब ही हमारा घर, घर होता है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक परिवार में बेटियों को मां भगवती की और बेटों को शिवजी की उपासना करनी चाहिए इससे उनका जीवन सफल हो जाएगा।
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सहज-सरल रहना सबसे मुश्किल (Hanuman Chalisa Ki Shakti)
रसराज महाराज ने कहा कि सहज, सरल दो शब्द ऐसे है जिसमें ना तो मात्रा है ना बिंदी है, लेकिन दुनिया में सहज और सरल रहना सबसे मुश्किल है। रसराज महाराज ने उक्त आयोजन करने वाले आहूजा परिवार के लिए रामचरितमानस की चौपाई ‘प्रभु की कृपा भयई सब काजू, जन्म हमार सफल भा आजू’ की संज्ञा देते हुए व्यास पीठ से परिवार के सभी सदस्यों को फूल माला पहनकर आशीर्वाद दिया।
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बजरंग बाण का किया वाचन (Hanuman Chalisa Ki Shakti)
सुंदरकांड पाठ के साथ ही रसराज महाराज ने हनुमान चालीसा और बजरंग बाण का वाचन करते हुए कहा कि हनुमान चालीसा दुनिया का सबसे छोटा वेद और पॉवर फुल ग्रंथ है, जिसे हनुमान जी पर भरोसा है उसका दुनिया में कोई भी कुछ नहीं कर सकता है।
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प्रतिदिन करें ग्यारह पाठ (Hanuman Chalisa Ki Shakti)
व्यक्ति को प्रतिदिन हनुमान चालीसा पाठ करना चाहिए यदि 11 पाठ करें तो सर्वश्रेष्ठ है, नहीं तो 9 पाठ, 7 पाठ, 5 पाठ, 3 पाठ, 1 पाठ ही करें। एक पाठ भी ना कर पाए तो चार लाइन ही कह दें। चार लाइन भी ना हो सके तो रामचरितमानस का दर्शन ही कर लें।
ऐसा करने से भाग्य की रेखा बदल जाएगी, जीवन में कभी कोई समस्या नहीं आएगी। रसराज महाराज ने कहा रामचरितमानस आर्ट ऑफ लिविंग है यह जीने की कला सिखाती है। वहीं श्रीमद् भागवत गीता मरना सिखाती है।
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