Garbhavastha Ki Savdhaniyan : अगर गर्भावस्था में किए यह काम तो हो सकता है गर्भपात, रखें यह सावधानियां 

Garbhavastha Ki Savdhaniyan : किसी भी महिला के लिए माँ बनने का सुख बेहद खास होता है। प्रेगनेंसी के 9 महीने उनके जीवन में कई उतार -चढ़ाव से भरे होते हैं। इस दौरान प्रेग्नेंट महिला के शरीर में बहुत सारे हॉर्मोनल बदलाव होते हैं। प्रेगनेंसी में कोई भी महिला पहले की तुलना में ज्यादा संवेदनशील हो जाती है।

उनके गर्भ में एक नया जीवन पल रहा होता है जिसको लेकर उनकी चिंता 24 घंटे बनी रहती है। इन्हीं कारणों से उनके स्वभाव में भी बदलाव देखा जाता है। कुछ महिलाएं प्रेगनेंसी के दौरान बहुत चिड़चिड़ी हो जाती हैं। भूख पहले की तुलना में कम लगती है। पेट में दर्द और गैस बनने लगता है। इन सबके साथ बढ़ता हुआ वजन भी उन्हें प्रभावित करता है।

आशा आयुर्वेदा की डायरेक्टर तथा स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. चंचल शर्मा बताती हैं कि प्रेगनेंसी के 9 महीने किसी महिला और उनके गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए बहुत मत्वपूर्ण होता है। इस दौरान उन्हें सही देखभाल की जरुरत होती है। इस समय उनकी अवस्था उसी प्रकार होती है जैसे जमीन के अंदर जाने के बाद और पौधा बनने से पहले एक बीज की हालत होती है। अगर इस दौरान नियमित रूप से उसे उचित पोषक तत्व और विकसित होने के लिए सही वातावरण नहीं मिलेगा तो यह हानिकारक हो सकता है।

यहाँ डॉ. चंचल शर्मा ने बताया है कि प्रेगनेंसी में miscarriage से बचने के लिए किन-किन चीजों से परहेज करना चाहिए-

ज्यादा देर तक खाली पेट न रहे

प्रेगनेंसी के शुरूआती महीनों में गर्भ में पल रहे बच्चे के सभी अंगों का विकास होना शुरू होता है और यह उसके सर्वांगीण विकास के लिए बहुत जरुरी है। इसलिए किसी भी गर्भवती महिला को यह कहा जाता है कि कितनी भी मतली या उल्टी आ रही हो आप समय समय पर भोजन जरूर करें। गर्भवती महिला जो भी भोजन करती है उसी से बच्चे को भी जरुरी पोषक तत्व मिलते हैं और वह स्वस्थ रह पाता है।

एक्टिव रहना जरुरी है

प्रेगनेंसी के दौरान एक महिला के शरीर में जो भी बदलाव आते हैं उसे समझना और स्वीकार करना मुश्किल होता है। बहुत सी महिलाएं थकान महसूस करती हैं और ज्यादा मूवमेंट अवॉयड करती हैं जो आपके और गर्भ में पल रहे बच्चे के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। इसलिए जरुरी है कि शारीरिक रूप से एक्टिव रहें। अगर व्यायाम नहीं कर पाती हैं तो आप वॉक कर सकती हैं लेकिन बिलकुल आराम करते रहने की आदत में बदलाव लाएं।

ज्यादा देर तक खड़ी न रहें (Garbhavastha Ki Savdhaniyan)

किसी भी प्रेगनेंट महिला को लम्बे समय तक खड़े होकर काम करने से परहेज करना चाहिए। इससे जच्चा और बच्चा दोनों को खतरा हो सकता है तथा आपके पैरों में स्वेलिंग भी हो सकती है। आप इस दौरान किसी से भी मदद मांगने में झिझक न करें।

सीढियाँ चढ़ने से परहेज करें (Garbhavastha Ki Savdhaniyan)

प्रेगनेंसी में महिलाओं का वजन बढ़ना एक आम बात है जो आप सभी जानते हैं। बढ़ते वजन के साथ अपने शरीर में संतुलन बना पाना मुश्किल होता है इसलिए सीढियाँ चढ़ते-उतरते समय उन्हें अपना विशेष ध्यान देना चाहिए क्योंकि जरा सी भी लापरवाही उनके लिए नुकसानदायक हो सकता है।

धूम्रपान न करें (Garbhavastha Ki Savdhaniyan)

स्मोकिंग करना किसी के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक ही होता है लेकिन खासतौर से गर्भवती महिलाओं की बात करें तो हम पाते हैं कि उनके लिए यह सबसे ज्यादा नुकसानदायक हो सकता है। इस एक आदत से आप अपने पेट में पल रहे बच्चे को खो सकती हैं। इसलिए न तो स्वयं धूम्रपान करें न ऐसे लोगों के आस पास रहे।

भारी वजन उठाने से बचें (Garbhavastha Ki Savdhaniyan)

गर्भवती महिलाओं को ज्यादा भारी वजन नहीं उठाना चाहिए क्यूंकि इससे आपके पेट पर जोर पड़ता है जिससे गर्भ में पल रहे बच्चे की जान जा सकती है।

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