Flour and Wheat Prices: देश में गेहूं और आटा के दामों को नियंत्रण में लाने के लिए सरकार ने पहल शुरू कर दी है। इसके लिए बनाई गई रणनीति के तहत गेहूं के सरकारी भंडारों से बाजार में गेहूं पहुंचाना शुरू कर दिया है। इसके लिए बुधवार को पहली ई-नीलामी की गई। इसमें 22 राज्यों में 8.88 लाख मेट्रिक टन (LMT) गेहूं व्यापारियों ने खरीदा। यह गेहूं बाजार में आने के बाद दामों में कमी आएगी।
भारतीय खाद्य निगम (FCI) ने पहली ई-नीलामी में मुक्त बाजार बिक्री योजना (घरेलू) के तहत विभिन्न जरियों से केंद्रीय पूल स्टॉक से ई-नीलामी के लिए निर्धारित 25 एलएमटी गेहूं भंडारण में से 22.0 एलएमटी की पेशकश की। उक्त पहली ई-नीलामी एक फरवरी को हुई। पहली ई-नीलामी में भाग लेने के लिए 1100 से अधिक बोली-कर्ता हाजिर थे।
देश के 22 राज्यों में ई-नीलामी के पहले दिन गेहूं की 8.88 एलएमटी की मात्रा बेची गई। राजस्थान में बोली आज गुरुवार को आयोजित की जा रही है। ई-नीलामी के माध्यम से गेहूं की बिक्री पूरे देश में मार्च 2023 के दूसरे सप्ताह तक प्रत्येक बुधवार को दो बजे तक जारी रहेगी।
उल्लेखनीय है कि भारत सरकार ने सरकारी पीएसयू/सहकारी समितियों/संघों जैसे केंद्रीय भंडार, एनसीसीएफ और नैफेड को गेहूं को आटा में परिवर्तित करने के लिये तीन रुपये प्रति क्विंटल की रियायती दर पर ई-नीलामी के बिना बिक्री के लिए 2350 एलएमटी गेहूं आरक्षित किया है। इस गेहूं को 29.50 रुपये प्रति किलोग्राम के अधिकतम खुदरा मूल्य पर जनता को बिक्री करने के लिये दिया है।
Flour and Wheat Prices
एनसीसीएफ (NCCF) को उपरोक्त योजना के तहत 7 राज्यों में 50,000 मीट्रिक टन गेहूं उठाने की अनुमति दी गई है। देश भर में आटा की कीमत को कम करने के लिए इस योजना के तहत नेफेड को 01 एलएमटी गेहूं और केंद्रीय भंडार को 01 एलएमटी गेहूं का आवंटन किया जाता है।
ओएमएसएस (डी) योजना के माध्यम से दो महीने की अवधि के भीतर कई चैनलों के माध्यम से बाजार में 30 एलएमटी गेहूं पहुंचाने से व्यापक पहुंच के साथ-साथ गेहूं और आटा की बढ़ती कीमतों पर तत्काल प्रभाव पड़ेगा और बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। इससे आम आदमी को बहुत राहत मिलेगी।
देश में गेहूं और आटे की बढ़ती कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए, गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में मंत्रियों के समूह ने कुछ सिफारिशें कीं, जिनका खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग द्वारा पालन किया जा रहा है।
गेहूँ में मिट्टी मिलावट : खाद्य विभाग ने कराई एफआईआर
वेयर हाऊसिंग कॉर्पोरेशन ने सतना के रामपुर बघेलान स्थित साइलो बैग इंडिया प्रायवेट लिमिटेड (Silo Bag India Private Limited) द्वारा खाद्यान्न बेग्स में गेहूँ के साथ मिट्टी की मिलावट किए जाने संबंधी प्रकरण में खाद्य विभाग की ओर से एफ.आई.आर. दर्ज कराई है। रामपुर बघेलान स्थित वेयर हाऊसिंग कॉर्पोरेशन के शाखा प्रबंधक सुरेश शर्मा ने गेहूँ की पैकिंग का वजन बढ़ाने के लिए उसमें रेत, कंक्रीट और मिटटी मिलाए जाने के आरोप में 6 लोगों के विरूद्ध नामजद शिकायत दर्ज कराई है।
यहां देखें किस तरह गेहूं में मिलाई जाती है मिट्टी
शिव'राज में मिलावट जारी :
सतना जिले में गेहूँ में मिलाई जा रही रेत, यही गेहूँ बाद में जनता को वितरित किया जाएगा।
शिवराज जी,
जनता को ज़हर देना बंद कीजिए। pic.twitter.com/2AuWz8JB8A— MP Congress (@INCMP) January 31, 2023
आरोपियों में सायलो बैग इंडिया रामपुर बघेलान के शाखा प्रबंधक ज्योति प्रसाद, रामपुर बघेलान के आयुष कुमार पाण्डे, महेश नामदेव, गिरिश पाण्डेय, बाबूपुर सतना के ज्ञानेन्द्र कुशवाहा एवं पुष्पेन्द्र पाण्डेय शामिल हैं। इन 6 लोगों के विरूद्ध धोखाधड़ी एवं छलपूर्वक शासन की छवि धूमिल करने का प्रयास करने का प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है।
- Also Read: Intresting Gk question: कौन सा जीव पानी पीते ही मर जाता है, आपके Gk में है दम तो इसका दें सही जवाब?
उल्लेखनीय है कि विगत दिनों सोशल मीडिया पर सरकारी गेहूँ की पैकिंग का वजन बढ़ाने के लिए कंक्रीट और मिटटी मिलाने संबंधी वीडियो वायरल हुआ था। खाद्य विभाग के संज्ञान में आने के बाद वायरल वीडियो की जाँच के लिए राजस्व, खाद्य, नागरिक आपूर्ति निगम, मध्यप्रदेश वेयर हाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक कॉर्पोरेशन और भारतीय खाद्य निगम के अधिकारियों की संयुक्त टीम बना कर जाँच कराई गई।
प्रकरण में भारतीय खाद्य निगम के अधिकारियों द्वारा 16 नग सेम्पल (बोरियों में पैकिंग के बाद संग्रहित गेहूँ के स्टाक का पेरीफेरल नमूना) एकत्र किया गया, जिसके आधार पर नामजद व्यक्तियों के विरूद्ध प्राथमिक सूचना दर्ज कराई गई है।