Farming Tips: फसलों में शराब के छिड़काव से डेढ गुणा बढ़ जाती है पैदावार? नहीं होते कोई साइड इफेक्ट, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट

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Farming Tips: खेतों में लगाई गई फसल का उत्पादन बढ़ाने के लिए किसान काफी जद्दोजहद करता है। पारंपरिक खेती को छोड़कर किसान आधुनिक तरीकों से खेती तो करने लगा है। अब एक और चलन भारत में अपनाया जाने लगा है। कई किसान अपनी फसलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए शराब का छिड़काव कर रहे हैं। किसानों का दावा है कि शराब के छिड़काव से फसलों का उत्पादन बढ़ जाता है और वह लगभग डेढ़ गुना ज्यादा पैदावार देती हैं।

किसानों का मानना है कि फसलें भी मनुष्य की तरह नशा करती हैं। नशे का असर भी ऐसा कि फसलों में पैदावार डेढ़ गुणा तक बढ़ जाती है। यह दावे फसलों को शराब का छिड़काव करने वाले किसान कर रहे हैं। मामला काफी रोचक है। भारत में बहुत से ऐसे किसान है जो दलहनी फसलों में देशी शराब का छिड़काव करते हैं। किसानों का कहना है कि देशी शराब का नशा फसलों को खोखला करने के बजाए पैदावार बढ़ाता है।

शराब छिड़काव का नहीं साइड इफेक्ट?

फसलों पर शराब का छिड़काव करने वाले किसानों का दावा है कि शराब का स्प्रे करने से कोई फायदा फर्क नहीं होता है। हालांकि इससे पहले गंदे पानी के उपयोग से सब्जियों का उत्पादन बढ़ने की खबरें आ चुकी है, लेकिन शराब के छिड़काव के बाद उत्पादित होने वाली फसलों और इसका जमीन पर क्या असर पड़ता है। इस मामले पर सरकार को ध्यान देना चाहिए क्योंकि धीरे-धीरे ऐसे किसानों की संख्या बढ़ रही है, जो अपने खेतों में ही शराब का स्प्रे कर रहे हैं। जो भी है लेकिन फसलों पर शराब के छिड़काव का मामला रोचक जरूर है।

स्प्रे का तरीका भी आसान

दलहन फसलों में शराब की स्प्रे करने का तरीका भी काफी आसान है। किसानों का कहना कि देशी शराब को स्प्रे के लिए टंकी में पानी में मिलाया जाता है। जिसको फसलों में छिडक़ दिया जाता है। शराब का शरीर पर भी ज्यादा असर नहीं होने की बात कही जा रही है। किसानों का कहना कि बाजार में मिलने वाली कीटनाशक दवा के छिडक़ाव से शरीर पर भी असर होता है। कीटनाशक की दुर्गंध से किसान बीमार तक हो जाते हैं।

इतना ही नहीं किसान दलहन की फसलों में जमकर शराब का छिडक़ाव कर रहे हैं। जिसकी वजह कम खर्च भी माना जा रहा है। किसानों का कहना है कि एक बीघा जमीन में देशी शराब की स्प्रे करने पर करीब 30 से 35 रुपए का खर्च आता है। किसानों का दावा है कि देशी के बजाए रम का छिडक़ाव करने से भी पैदावार बढ़ती है। कुछ किसान तो हथकड़ दारू को भी कारगर मान रहे हैं। हालांकि फसल में स्प्रे करने का खर्च अलग है।

हालांकि शराब के स्प्रे से पैदावार बढ़ने को लेकर कोई अनुसंधान नहीं हुआ है। ऐसे में कुछ कहा नहीं जा सकता है कि शराब का स्प्रे करने से उत्पादन बढ़ेगा। यह कुछ किसानों का ही दावा है। कृषि वैज्ञानिक भी इस दावे को सही नहीं मानकर चल रहे हैं। “खेती अपडेट” इस दावे का समर्थन नहीं करता है किसी भी तरह की प्रणाली अपनाने से पूर्व अपने क्षेत्र के कृषि वैज्ञानिक की सलाह जरूर लें।

उत्तम मालवीय

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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