Endorsement Know-How : भारत के उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के तहत उपभोक्ता कार्य विभाग ने शुक्रवार को प्रसिद्ध लोगों, प्रभावशाली व्यक्तियों और सोशल मीडिया पर असर डालने वाली जानी-मानी हस्तियों के लिए ‘एंडोर्समेंट नो-हाउ!’ (‘Endorsement Know-How!’) नाम से दिशानिर्देश जारी किये हैं। इस दिशा निर्देशिका का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि लोग उत्पादों या सेवाओं का विज्ञापन करते समय अपने श्रोताओं एवं दर्शकों को गुमराह न करें और विज्ञापन, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम तथा किसी भी अन्य संबंधित नियम या दिशानिर्देशों के अनुपालन में ही प्रदर्शित हों।
उपभोक्ता कार्य विभाग के सचिव रोहित कुमार सिंह ने ‘एंडोर्समेंट नो-हाउ!’ (Endorsement Know-How) दिशा निर्देशिका जारी की है, क्योंकि तेजी से बढ़ती डिजिटल दुनिया के लिए विज्ञापन अब प्रिंट, टेलीविजन या रेडियो जैसे पारंपरिक मीडिया तक ही सीमित नहीं रह गए हैं। ऐसे में नियमों का स्पष्ट होना आवश्यक है।
- ये भी पढ़ें: हद है यार..! जिस नूडल्स को बड़ा स्वाद लेकर खाते हैं, वो बनता हैं ऐसे, वीडियो देख लोगों ने कर ली तौबा…
फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म तथा सोशल मीडिया की बढ़ती पहुंच के साथ ही प्रसिद्ध लोगों, प्रभावशाली व्यक्तियों और सोशल मीडिया पर असर डालने वाली जानी-मानी हस्तियों के प्रभाव में भी बढ़ोत्तरी हुई है। इससे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इन व्यक्तियों द्वारा विज्ञापनों के प्रचार और अनुचित व्यापार प्रणालियों से उपभोक्ताओं के गुमराह होने का खतरा बढ़ गया है।
- ये भी पढ़ें: Current Affairs Daily : क्या आपको पता हैं ! हाल ही में अंतराष्ट्रीय पर्यटन मेला FITUR 2023 कहाँ शुरू हुआ
‘एंडोर्समेंट नो-हाउ!’ (Endorsement Know-How) दिशा निर्देशिका यह निर्दिष्ट करती है कि किसी भी विज्ञापन में स्पष्टीकरण को प्रमुखता से और साफ-साफ शब्दों में प्रदर्शित किया जाना चाहिए, क्योंकि उन्हें याद करना बेहद मुश्किल हो जाता है। कोई भी प्रसिद्ध सेलिब्रिटी, प्रभावशाली व्यक्ति और सोशल मीडिया पर असर डालने वाले जानी-मानी हस्ती, जिसकी उपभोक्ताओं तक अधिक पहुंच है और वह किसी उत्पाद, सेवा, ब्रांड या अनुभव के बारे में उनके क्रय निर्णयों या विचारों को प्रभावित कर सकता है, तो उसे विज्ञापनदाता के साथ किसी भी अपने भौतिक संबंध का खुलासा करना चाहिए।
इसमें न केवल लाभ और प्रोत्साहन शामिल हैं, बल्कि मौद्रिक या अन्य फायदे, यात्राएं अथवा होटल में ठहरने, मीडिया बार्टर्स, कवरेज तथा पुरस्कार, शर्तों के साथ या बिना मुफ्त उत्पाद, छूट, उपहार और कोई भी पारिवारिक या व्यक्तिगत अथवा रोजगार संबंध शामिल हैं।
विज्ञापन सरल, स्पष्ट भाषा में किया जाना चाहिए और किसी भी उत्पाद के प्रचार के लिए ‘विज्ञापन’, ‘प्रायोजित’ या ‘सशुल्क प्रचार’ शब्द का उपयोग किया जा सकता है। उन्हें ऐसे किसी भी उत्पाद या सेवा और कार्य का विज्ञापन नहीं करना चाहिए, जिसमें मूल बातों को उनके द्वारा उचित तरीके से व्यक्त न किया गया हो या जिसे उन्होंने व्यक्तिगत रूप से इस्तेमाल अथवा अनुभव नहीं किया हो।
- ये भी पढ़ें: Today Gold Price : साने के दामों में नरमी जानें आज (21 January 2023) सोने और चांदी के भाव
दिशा निर्देशिका को 2019 के उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुरूप जारी किया गया है। अधिनियम ने उपभोक्ताओं को अनुचित व्यापार कार्य प्रणालियों और भ्रामक विज्ञापनों से बचाने के लिए दिशानिर्देश तैयार किए हैं। उपभोक्ता कार्य विभाग ने 9 जून 2022 को भ्रामक विज्ञापनों की रोकथाम और भ्रामक विज्ञापनों के लिए प्रचार- 2022 के लिए दिशानिर्देश प्रकाशित किए हैं।
- ये भी पढ़ें: MPPEB Recruitment 2023: मप्र में 2112 सरकारी पदों के लिए आज से शुरू हुए आवेदन, 10वीं पास भी कर सकेंगे Apply
ये दिशानिर्देश वैध विज्ञापनों के मानदंड और निर्माताओं, सेवा प्रदाताओं, विज्ञापनदाताओं तथा विज्ञापन एजेंसियों की जिम्मेदारियों को रेखांकित करते हैं। इन दिशानिर्देशों ने मशहूर हस्तियों और विज्ञापन बनाने वालों के लिए निर्देश स्पष्ट किये हैं। इसमें कहा गया है कि किसी भी रूप, प्रारूप या माध्यम में भ्रामक विज्ञापन कानून द्वारा प्रतिबंधित है।
- ये भी पढ़ें: King Cobra ka Video: पानी पिलाकर शख्स ने बुझाई खतरनाक किंग कोबरा की प्यास, वीडियो देख दांतों तले उंगली दबा रहे लोग
दिशानिर्देश जारी करने के लिए आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सोशल मीडिया पर असर डालने वाली कई जानी-मानी हस्तियों और एजेंसियों ने भाग लिया। उद्योग जगत ने इन दिशानिर्देशों को जारी करने की सराहना की और समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि इससे उद्योग को और मजबूती मिलेगी तथा उपभोक्ता हितों की रक्षा होगी।