Eco-friendly House: देश में बढ़ती भीषण गर्मी की वजह से अधिकतर लोग परेशान हैं। इससे राहत पाने के लिए लोग अपने आर्थिक क्षमता के हिसाब से घरों में AC, कूलर और पंखे का इस्तेमाल कर रहे हैं। हालांकि AC और कूलर का इस्तेमाल करने पर बिजली का बिल ज्यादा आता है और यह शरीर पर भी कई बार नकारात्मक असर भी दिखाता है। चिलचिलाती गर्मी से राहत पाने के लिए दो सहेलियों ने मिलकर एक ऐसा घर बनाया है जिसमें बिना बिजली खर्च के आप आराम से AC का मजा ले सकते हैं। बढ़ते पारे के बावजूद भी यह घर ठंडा रहेगा और सर्दियों के मौसम में खुद अंदर से गर्म रखेगा।
एक स्कूल को देख कर आया आइडिया (Eco-friendly House)
दरअसल, औरंगाबाद की रहने वाली नमिता कपाले और कल्याणी भ्राम्बे ने एक खास घर बनाया है जिसमें 16,000 प्लास्टिक की बोतलें, गोबर और मिट्टी का इस्तेमाल किया गया। इस इको फ्रेंडली मकान को बनाने में 12-13 टन प्लास्टिक की खपत हुई है।
बता दें कि साल 2021 में नमिता और कल्याणी दोनों गुवाहाटी के एक स्कूल गई थीं जहां प्लास्टिक की बोतलों से बच्चों के बैठने की कुर्सियां बनाई गई थी। उन्हें इस तरह का घर बनाने की धुन सवार हुई। इसके लिए उन्होंने कूड़ाघर, शॉप, सड़क, हॉस्टल, जहां से भी हुआ प्लास्टिक की बोतलों को बटोरना शुरू कर दिया।
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12 से 13 टन प्लास्टिक का किया गया है इस्तेमाल
पर्यावरण के अनुकूल घर बनाने के लिए नमिता और कल्याणी ने गोबर, मिट्टी और 16 हजार प्लास्टिक बोतलों का उपयोग किया है। इस घर के निर्माण में लगभग 12 से 13 टन प्लास्टिक का इस्तेमाल किया गया है। इस प्रकार के घर को बनाने में खर्च कम आता है क्योंकि सीमेंट औए ईंट से बनने वाले घरों की तुलना में इसमें लागत कम आता है।
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क्या हैं इस AC वाले घर की खासियत
आपको बताते चले की इस AC वाले घर की खासियत ये हैं की ये घर खुद को बाहर के वातावरण के अनुसार ढाल लेता हैं बाहर की भीषण गर्मी में आपको अंदर AC की आवश्यकता नहीं पड़ेगी और ठण्ड के मौसम में आपको आपको अंदर से गर्मी देने वाले उपकरण लगाने की आवश्यकता नह पढ़ने वाली हैं आपको बताते चले की इस ख़ास तरह के घर को बनाने में ईंट की जगह प्लास्टिक की बोतलो का भरपूर उपयोह हुआ हैं और प्लास्टर की जगह इसमें मिट्टी और गोबर ने ली हैं।
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सात लाख रुपये आया खर्च (Eco-friendly House)
नमिता और कल्याणी द्वारा इस घर को बनाने के लिए दोनों सहेलियों ने सात लाख रुपये खर्च किये हैं। इस पैसे को उन्हें अपनी बचत से जमा कर रखा था। इसमें उनके परिवार वालों ने भी उनकी सहायता की है। इस ईको-फ्रेंडली घर के बारें में उनका दावा है कि सीमेंट, ईंट से बनने वाले घरों की तुलना में प्लास्टिक, मिट्टी औए गोबर से बनने वाले घरों की लागत आधी है। इस प्रकार के घर को बनाने में खर्च कम आता है क्योंकि सीमेंट औए ईंट से बनने वाले घरों की तुलना में इसमें लागत कम आता है।