Easy farming machine : कई एकड़ फसल पर मिनटों में छिड़काव करती है यह मशीन, मिलता है तगड़ा अनुदान

Easy farming machine : कई एकड़ फसल पर मिनटों में छिड़काव करती है यह मशीन, मिलता है तगड़ा अनुदान

Easy farming machine : शासन द्वारा खेती को आसान बनाने के लिए नए-नए यंत्रों का अविष्कार किया और करवाया जाता है। इसके साथ ही किसान आसानी से इन्हें ले सके, इसके लिए अनुदान भी दिया जाता है। इसी कड़ी में अब दवा और कीटनाशक के लिए बूम टाइप मशीन आ गई है। अच्छी बात यह है कि इस मशीन पर शासन द्वारा अच्छा खासा अनुदान भी दिया जा रहा है।

मध्यप्रदेश के बैतूल में कृषि अभियांत्रिकी विभाग के द्वारा आज ई-यंत्र अनुदान पोर्टल के माध्यम से हितग्राही रश्मि विवेक वर्मा को एसएमएएम योजनांतर्गत स्वचलित हाई ग्राउंड क्लियरेन्सी बूम टाईप मशीन अनुदान पर उपलब्ध कराई गई है। इस मशीन की कीमत 18 लाख रुपये है। जिस पर हितग्राही को चार लाख रुपये का अनुदान प्राप्त हुआ है।

Easy farming machine : कई एकड़ फसल पर मिनटों में छिड़काव करती है यह मशीन, मिलता है तगड़ा अनुदान

किसानों के सामने किया प्रदर्शन

बुधवार को बैतूल जिला मुख्यालय के समीप सापना सोहागपुर में बूम टाइप मशीन से छिड़काव का प्रदर्शन किसानों के सामने किया गया। इस दौरान उप संचालक कृषि डॉ. आंनद बड़ोनिया, सहायक कृषि यंत्री डॉ. प्रमोद मीना, विवेक वर्मा समेत कृषक उपस्थित थे।

एक एकड़ में 15 मिनट में छिड़काव

इस दौरान किसानों को जानकारी दी गई कि बूम टाइप मशीन से एक एकड़ भूमि में लगी फसल में 10 से 15 मिनट में छिड़काव किया जा सकता है। फसल के बड़े हो जाने पर भी बूम टाइप मशीन से आसानी से छिड़काव हो जाता है। इसके पहियों की चौड़ाई बेहद कम होने से फसल को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचता है।

मजदूरों से छिड़काव में यह दिक्कतें

वर्तमान समय में मजदूरों की सहायता से फसल में छिड़काव करने में समय अधिक लगता है। वहीं खर्च भी ज्यादा होने लगा है। फसल के बड़ा हो जाने पर तो मजदूर स्प्रे पंप लेकर चल भी नहीं पाते हैं।

ऐसी दशा में बूम टाइप मशीन किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं होगी। खरीफ सीजन में भी खेतों में अधिक नमी होने के बाद भी इस बूम टाइप मशीन से छिड़काव किया जा सकता है।

नरवाई प्रबंधन की जानकारी

नरवाई प्रबंधन की कार्यशाला का आयोजन भी 25 सितंबर को सोहागपुर ग्राम में किया गया। उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के द्वारा नरवाई में आग लगाने से होने वाले नुकसान की जानकारी दी।

आग लगाने से यह नुकसान

उन्होंने बताया कि इससे सूक्ष्म जीव जलकर नष्ट हो जाते हैं, जैविक खाद निर्माण बंद हो जाता है। मिट्टी की उत्पादन क्षमता गिर जाती है। भूमि ईंट के समान कठोर हो जाती है और जमीन में मौजूद केचुएं एवं लाभदायक जीवाणु नष्ट हो जाते हैं।

डिकंपोजर का करें उपयोग

उन्होंने बताया कि नरवाई प्रबंधन हेतु कृषक कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली द्वारा विकसित पूसा डिकम्पोजर का प्रयोग करें। इससे नरवाई जलेगी नहीं, बल्कि गल जाएगी। नरवाई युक्त खेत में जायद फसल बोने हेतु हैप्पी सीडर/सुपर सीडर से सीधी बुआई कर सकते हैं। रोटावेटर चलाकर सामान्य सीडड्रिल से भी बुआई की जा सकती है।

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उत्तम मालवीय

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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