Durum Wheat: मध्य प्रदेश में इस साल गेहूं की जबरदस्त पैदावार होने की उम्मीद जताई जा रही है। खासकर ‘तूतन’ (ड्यूरम) गेहूं का उत्पादन बढ़कर 90 लाख टन तक पहुंच सकता है। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) के इंदौर केंद्र के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. जंग बहादुर सिंह ने यह अनुमान जताया है। अगर ऐसा हुआ तो प्रदेश के किसानों की बल्ले-बल्ले हो जाएगी, क्योंकि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हाल ही में ऐलान किया है कि सरकार गेहूं को ₹2600 प्रति क्विंटल की दर से खरीदेगी।
तूतन गेंहूं की खासियत
तूतन गेहूं को आमतौर पर ‘मालवी’ या ‘काठिया’ गेहूं भी कहा जाता है। इसके दाने साधारण गेहूं से ज्यादा सख्त होते हैं। यह खासकर सूजी, दलिया, पास्ता और सेमोलिना बनाने के लिए बेहतरीन माना जाता है। यही वजह है कि इसकी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में अच्छी मांग बनी रहती है। इस बार रबी सीजन में मध्य प्रदेश में करीब 16 लाख हेक्टेयर में तूतन गेहूं की बुवाई हुई है।
अनुकूल मौसम से बढ़ी पैदावार
पिछले रबी सीजन में राज्य में तूतन गेहूं की खेती 15 लाख हेक्टेयर में हुई थी और तब इसका उत्पादन 80 लाख टन के करीब रहा था। इस बार ठंडी रातों और अक्टूबर तक हुई बारिश के चलते फसल को जबरदस्त फायदा मिला। इसका असर पैदावार पर भी साफ नजर आ रहा है।
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इंदौर, उज्जैन और धार में सबसे ज्यादा उत्पादन
मध्य प्रदेश तूतन गेहूं का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है। खासकर इंदौर, उज्जैन और धार जिलों में इसकी खेती बड़े पैमाने पर होती है। प्रदेश में पैदा होने वाले कुल तूतन गेहूं का 50% उत्पादन इन्हीं जिलों में होता है। बढ़ती मांग और अच्छे दाम मिलने से प्रदेश के किसान अब तूतन गेहूं की खेती की ओर ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं।