Drone pilot training : भोपाल ( एमपी पोस्ट )। मध्यप्रदेश के ग्रामीण युवाओं के लिए मध्यप्रदेश सरकार के पहले ड्रोन स्कूल भोपाल- Drone School Bhopal ने माह मई 2024 से गति पकड़ ली है। कृषि क्षेत्र में ड्रोन के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए डीजीसीए- डायरेक्टर जनरल सिविल एविऐशन (नागर विमानन मंत्रालय, भारत सरकार) से निर्धारित ड्रोन पायलट का प्रशिक्षण रिमोट पायलट ट्रेनिंग आर्गेनाइजेशन (RPTO) के माध्यम से ड्रोन पायलट की ट्रेनिंग प्रोग्राम कृषि अभियांत्रिकी संचालनालय, मध्यप्रदेश,शासन को मान्यता प्राप्त होने के पश्चात प्रारंभ हो चुका है।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने एमपी पोस्ट को जानकारी दी है की देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रोन अभियान से प्रेरणा लेकर राज्य सरकार ने ड्रोन उड़ाने की ट्रेनिंग लेने के लिए भोपाल स्थित बड़वई में स्किल डेवलपमेंट सेंटर में ड्रोन स्कूल शुरू किया है। इंदौर के लिए सभी आवश्यक औपचारिकताएं पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं। जल्द ही यहाँ के नौजवानों को ड्रोन स्कूल -RPTO- रिमोट पायलट ट्रेनिंग आर्गेनाइजेशन मिलने वाला है।
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तत्कालीन केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और तत्कालीन मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ड्रोन स्कूल भोपाल का शुभांरभ करते-करते रह गए। ड्रोन स्कूल की स्थापना के लिए कृषि अभियांत्रिकी संचालनालय, मध्यप्रदेश शासन और इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय उड़ान एकेडमी अमेठी के साथ एक विधिवत एमओयू साइन किया गया है।
मध्यप्रदेश शासन की कृषि यंत्रीकरण क्षेत्र में “कौशल विकास योजना” के अंतर्गत भोपाल में स्थापित हो रहे ड्रोन स्कूल में 7 दिवसीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है । इस आरपीटीओ में 5 ड्रोन हैं और एक बैच में 20 प्रतिभागियों को ड्रोन पायलट लाइसेंस के लिए ट्रेनिंग प्रदान की जा रही है ।
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यह अकादमी देती है पायलट का प्रशिक्षण
इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय उड़ान एकेडमी अमेठी एक सरकारी पंजीकृत प्रशिक्षण संस्थान (Government registered training institute) है, जो प्रोफेशनल पायलटों और एयरोस्पेस इंजीनियरों को मानव रहित हवाई वाहन (Unmanned Aerial Vehicle, UAV) चलाने के लिए, ड्रोन उड़ाने की कला सीखने की ट्रेनिंग देता है।
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मात्र 15 हजार में किया जा रहा प्रशिक्षित
संचालक कृषि अभियांत्रिकी संचालनालय मध्यप्रदेश शासन राजीव चौधरी के अनुसार इस स्कूल की फीस मात्र 15 हजार रुपए है, जो कि न्यूनतम है, जबकि आम तौर पर ड्रोन पायलेट के प्रशिक्षण Drone Pilot Training की फीस औसतन 60 हजार रुपए से अधिक है। अभी तक इस RPTO- रिमोट पायलट ट्रेनिंग आर्गेनाइजेशन से 260 से अधिक 10 वीं पास वैध भारतीय पासपोर्ट धारी आवेदकों ने ट्रेनिंग प्राप्त की है।
जबलपुर में इसलिए नहीं खुल सकेगा स्कूल
मध्यप्रदेश सरकार को भोपाल के बाद जबलपुर में ड्रोन स्कूल खोलना था। चूँकि जबलपुर का एरिया रेड जोन में आने के कारण यह स्कूल नहीं खुल सका। अब यह इंदौर में जल्द प्रारंभ हो सकता है। इंदौर में ड्रोन स्कूल प्रारंभ हो इसके पहले डीजीसीए की टीम फील्ड विजिट कर गई है। यह RPTO- रिमोट पायलट ट्रेनिंग आर्गेनाइजेशन भी कृषि अभियांत्रिकी संचालनालय, मध्यप्रदेश शासन द्वारा संचालित होगा जो राज्य सरकार का दूसरा ड्रोन पायलट ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाने वाला ड्रोन स्कूल होगा।
ड्रोन से लिए जा सकते हैं यह कई काम
ड्रोन की कई खासियत होती है, जैसे कि ड्रोन एक से लेकर 42 किलो तक का वजन उठा सकेंगे। खेतों के बड़े एरिया में बीज और कीटनाशनक डालने और कृषि सर्वे में भी इनका उपयोग होगा। ड्रोन मेकिंग पढ़कर स्टूडेंट्स रिसर्च कर सकेंगे। सर्वे और जमीन नापने आदि में भी ड्रोन का उपयोग होगा। किसी खास जगह पर निगरानी के लिए पुलिस भी इसका इस्तेमाल कर सकेगी। इन सभी विधाओं में मध्यप्रदेश के छात्रों को पारंगत किया जा रहा है । (ड्रोन पर क्रमशः)
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