Dr. Manoj Kumar Sharma: आईपीएस मनोज कुमार शर्मा की संघर्ष भरी कहानी प्यार, हिम्मत, साथ और विश्वास की है। पढ़ाई के इस दौर में उन्हें कई सारी मुसीबतों का सामना करना पड़ा था। मनोज शर्मा ने पढ़ाई के दौरान कभी गुजारे के लिए टेंपो चलाया तो कभी लोगों के कुत्ते टहलाए।
कई दिन वो भूखे सोए तो कई रातें भिखारियों के साथ मंदिर के बाहर सो कर निकाले है लेकिन आज उन्होंने जिंदगी में आगे बढ़ने और अपनी मोहब्बत को हासिल करने के लिए अपनी मेहनत के दम पर अच्छी खासी संपत्ति बनाई है।
इनकी कहानी फर्श से अर्श तक पहुंचने की है, जो युवाओं को प्रेरित कर रही है। आइए जानते है IPS मनोज कुमार शर्मा की संघर्ष की संघर्ष भरी कहानी के बारे में….
आपको बता दें कि ’12th Fail’ फिल्म रिलीज के बाद से ही मनोज शर्मा और उनकी पत्नी श्रद्धा जोशी इन दिनों सुर्खियों में छाए हुए है। इन पर बनी बॉलीवुड फिल्म ’12th Fail’ को काफी पसंद किया जा रहा है।
इसमें इनकी रियल लाइफ स्ट्रगल, लव और सक्सेस स्टोरी दिखाई गई है। फिल्म में आईपीएस मनोज कुमार शर्मा (Dr. Manoj Kumar Sharma) का किरदार एक्टर विक्रांत मैसी (Vikrant Massey निभा रहे हैं। (Dr. Manoj Kumar Sharma)
IPS मनोज कुमार शर्मा का परिचय (Dr. Manoj Kumar Sharma IPS)
आईपीएस मनोज कुमार शर्मा ने बचपन में जिंदगी की आम जरूरतों के लिए भी काफी संघर्ष किया है। उनका जन्म 1977 में मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में स्थित एक छोटे से गांव बिलगांव में हुआ था।
उनके पिता कृषि विभाग में कार्यरत थे। मनोज कुमार शर्मा के घर की आर्थिक स्थिति खराब थी। उनकी पढ़ाई में भी कोई खास दिलचस्पी नहीं थी और वह किसी तरह से स्कूली शिक्षा पूरी कर पाए थे।
मनोज कुमार शर्मा 9वीं और 10वीं में थर्ड डिवीजन से पास हुए थे। कक्षा 11वीं में भी वह किसी तरह से पास हो पाए थे। फिर 12वीं में उन्हें पढ़ाई और करियर की कीमत समझ में आई थी। लेकिन 12वीं बोर्ड परीक्षा में भी मनोज हिंदी के अलावा अन्य सभी विषयों में फेल हो गए थे। उनकी लाइफ स्टोरी और स्ट्रगल पर विधु विनोद चोपड़ा ने फिल्म बनाई है ’12th Fail’।
जब मनोज 12वीं में थे, तब वहां के एसडीएम स्कूलों में हो रही नकल को लेकर सख्त हो गए थे। मनोज कुमार शर्मा (Dr. Manoj Kumar Sharma) को तब अहसास हुआ कि शिक्षकों और प्रिंसिपल के ऊपर भी कोई होता है। फिर उन्होंने ठान लिया कि मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास कर डिप्टी एसपी बनेंगे।
12वीं पास कर ग्वालियर आए तो मालूम हुआ कि एसडीएम के ऊपर डीएम होता है। इसके लिए यूपीएससी परीक्षा पास करनी होगी। संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए वह दिल्ली आ गए।
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संघर्षों से भरा था मनोज शर्मा का शुरुआती जीवन (Dr. Manoj Kumar Sharma)
मनोज कुमार शर्मा (Dr. Manoj Kumar Sharma) के लिए दिल्ली में संघर्ष करना आसान नहीं था। फीस भरने और जीवनयापन करने के लिए उन्होंने टेंपो चलाया, फुटपाथ पर सोए, लाइब्रेरी में काम किया और अमीरों के कुत्ते तक टहलाए।
यूपीएससी कोचिंग करते हुए उन्हें उत्तराखंड की रहने वाली श्रद्धा जोशी से प्यार हो गया। आईपीएस मनोज कुमार शर्मा पहले अटेम्प्ट में यूपीएससी क्लियर नहीं कर पाए थे। उन्होंने 3 बार फेलियर का सामना किया था, जबकि श्रद्धा पीसीएस परीक्षा पास कर डिप्टी कलेक्टर बन गई थीं। (Dr. Manoj Kumar Sharma)
श्रद्धा जोशी के घरवाले इस रिश्ते के विरोध में थे। साथ ही श्रद्धा भी समझ चुकी थीं कि मनोज को आगे बढ़ाने के लिए उन्हें कोई बड़ी चुनौती देनी पड़ेगी। तभी मनोज ने श्रद्धा से कहा कि अगर वह हां कर देंगी तो वह दुनिया बदल देंगे। और सच में ऐसा ही हुआ भी।
श्रद्धा ने मनोज को अपने दिल की बता कहीं और मनोज ने अपने चौथे प्रयास में 121वीं रैंक के साथ यूपीएससी परीक्षा पास कर ली। 2007 में श्रद्धा जोशी भी यूपीएससी परीक्षा पास कर आईआरएस ऑफिसर बन गईं।
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